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कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति पर रखेंगे नजर, तो आप पर नहीं होगा डिप्रेशन का असर

दुनिया में कोई ऐसा इंसान होगा जिसे किसी व्यक्त, जिसे किसी तरह की कोई टेंशन न हुई हो। इन्हीं टेंशन के चलते कई लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए लोग कई दवाईयां आदि खाते हैं मगर फिर भी इससे पीछा नहीं छुड़वा पाते। बता दें कि डिप्रेशन का कारण सिर्फ उनकी परेशानियां नहीं, बल्कि उनकी कुंडली में मौज़ूद ग्रह भी होते हैं।

suman
Published on: 19 Jun 2020 1:06 AM GMT
कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति पर रखेंगे नजर, तो आप पर नहीं होगा डिप्रेशन का असर
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लखनऊ: दुनिया में कोई ऐसा इंसान होगा जिसे किसी व्यक्त, जिसे किसी तरह की कोई टेंशन न हुई हो। इन्हीं टेंशन के चलते कई लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए लोग कई दवाईयां आदि खाते हैं मगर फिर भी इससे पीछा नहीं छुड़वा पाते। बता दें कि डिप्रेशन का कारण सिर्फ उनकी परेशानियां नहीं, बल्कि उनकी कुंडली में मौज़ूद ग्रह भी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो डिप्रेशन क मुख्य कारण जातक की कुंडली के चंद्रमा और बुध का होना माना जाता है। कहा जाता है कि अगर अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही न है तो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। माना जाता है ऐसे मे अगर कुछ ज्योतिष उपाय करें तो इससे बाहर निकल जाता है।

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ऐसी स्थिति बनती है..

मन का स्वामी चंद्रमा को कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार अगर अवसाद कोई जातक है तो इसमें सबसे बड़ी भूमिका चंद्रमा और बुध की होती है। बता दें कि शास्त्रानुसार, बुध को चंद्रमा का पुत्र भी माना जाता है। जहां बुध को बुद्धि का स्वामी कहते हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि डिप्रेशन को कम या ज्यादा करने में भी बुध की भूमिका होती है।

*चंद्रमा को तीन ग्रह शनि, राहु और सूर्य प्रभावित करते हैं। ये तीनों ग्रह अलग-अलग तरह का अवसाद देते हैं।

*अगर किसी की कुंडली में बुध शक्तिशाली है तो उस पर किसी ग्रह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि बुध बुद्धि का कारक है और बुद्धि मन पर काबू कर लेती है।

*अगर शनि चंद्रमा को प्रभावित करता है तो व्यक्ति को बहुत तकलीफ़ होती है। ऐसे हालात में व्यक्ति अध्यात्म की ओर चला जाता है।

*वहीं जब राहु अवसाद पैदा करता है तो व्यक्ति को कल्पना वाली बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

* जब सूर्य चंद्रमा के निकट होता है तो व्यक्ति अपनी खुशी और दुख पर नियंत्रण नहीं कर पाता। कभी- कभी बृहस्पति भी डिप्रेशन को कम कर देता है। क्योंकि चंद्रमा को बृहस्पति से शक्ति मिलती है।

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उपाय-

*अवसाद या डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए सबसे उपयोगी योग यानि आसन और प्राणायाम को मानते हैं। इसलिए अगर आप भी डिप्रेशन के शिकार हैं तो प्राणायाम ज़रूर करना चाहिए।

*रोज़ सुबह सूर्य को जल अर्पित करके इसकी रोशनी में 5 से 10 मिनट खड़ा हों, इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी फायदा होता है।

*जिन लोगों को डिप्रेशन की बीमारी हो उन्हें अंधकार से दूर रहना चाहिए।

दिनभर में इन्हें एक केला ज़रूर खाना चाहिए।

*सुबह-शाम 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।डिप्रेशन की समस्या दूर करने के लिए पुखराज और पन्ना धारण कर सकते हैं।

*जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो उसे मजबूत बनाने के लिए चांदी के गिलास में बार-बार पानी पीना लाभदायक होता है।

*यदि चंद्रमा कमजोर होकर गलत घर में स्थित है तो चांदी में बनी हुई मोती की अंगूठी धारण करना चाहिए।

*डिप्रेशन से परेशान जातकों को सोमवार का व्रत रखने से लाभ होता है। चंद्रमा के कमजोर होने की स्थिति में भगवान शिव की पूजा का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के भी उत्तम परिणाम सामने आते हैं।

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