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होंगे माला-माल: विधि-विधान से करें पूजा, पूजन साम्रगी में इसे जरूर करें शामिल

दिवाली का शुभारंभ धनतेरस से हो जाता है। जिस तरह दिवाली पर पूजा का काफी मह्त्व है उसी तरह धनतेरस पर भी पूजा का बहुत महत्व है। धनतेरस पर खरीदारी और सही मुहूर्त पर पूजा का अपना महत्ता है।

Vidushi Mishra
Published on: 25 Oct 2019 6:02 AM GMT
होंगे माला-माल: विधि-विधान से करें पूजा, पूजन साम्रगी में इसे जरूर करें शामिल
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होंगे माला-माल: विधि-विधान से करें पूजा, पूजन साम्रगी में इसे जरूर करें शामिल

नई दिल्ली : दिवाली का शुभारंभ धनतेरस से हो जाता है। जिस तरह दिवाली पर पूजा का काफी मह्त्व है उसी तरह धनतेरस पर भी पूजा का बहुत महत्व है। धनतेरस पर खरीदारी और सही मुहूर्त पर पूजा का अपना महत्ता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अगर धन के देवता कुबेर और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरी की कृपा प्राप्त करनी है, तो सही मुहूर्त पर पूजा करनी चाहिए। मुहुर्त पर विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने के घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती और भगवान की कृपा हमेशा आपके परिवार पर बनी रहती है।

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धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त

धनतेरस के दिन सौभाग्य और सुख की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, इस दिन धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इसे धनतेरस कहते हैं।

धनतेरस की शाम परिवार की मंगलकामना और अच्छी सेहत के लिए यम नाम का दीपक जलाया जाता है। इस बार धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त 07:10 से 08:15 तक का है।

धनतरेस पर आप जो भी सामान खरीदते है, उनकी भी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से घर में सौभाग्य, खुशहाली और संपन्नता बनी रहती है और जातकों को ऋण के बोझ से मुक्ति मिलती है। यदि एक भी पूजा सामग्री पूजा में न हो तो इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए पूजा सामग्री का पूरा इंजाम करके ही पूजा करने बैठें।

धनतेरस पूजा की पूरी सामग्री :

सुपारी :

हर पूजा मेंं सुपारी का इस्तेमाल करना शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा करते समय सुपारी को ब्रह्मदेव, यमदेव, वरूण देव और इंद्रदेव का रूप माना जाता है। धनतेरस के बाद सुपारी को अलमारी में रखना शुभ माना जाता है।

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धनिया के बीज :

ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिया के साबुत बीज चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और दरिद्रता दूर होती है।

खील बताशे :

मां लक्ष्मी का प्रमुख भोग खील और बताशे को माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि मां को खील बताशे अर्पित करने से अभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

पान :

धार्मिक कार्यों में पान का इस्तेमाल शुभ माना गया है। मान्यता के अनुसार देवी देवता-पान के पत्ते में वास करते हैं। यही वजह है कि धनतेरस की पूजा में पान के पत्तों का इस्तेमाल होता है।

दिया और बाती :

भगवान के सामने दिया बाती करने का विशेष महत्व है। धनतेरस पर मां के सामने दिया जलाने का विशेष महत्व है। इस दिन दीया जलाने से मृत्यु के देवता यम खुश होते हैं। इसलिए पूजन सामग्री में दीया बाती का विशेष महत्व है। इसके साथ ही देसी घी और माचिस रखना ना भूलें।

कपूर :

जान लें, कपूर को तुलसी के अर्क से बनाया जाता है। पूजा पाठ में इसका इस्तेमाल काफी शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा करते समय कपूर का दिया जरूर जलाएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मकता का वास होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।

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