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लो इमरान का खेल खत्म! भारत में खुशी की लहर, पाकिस्तान में हड़कंप
पाकिस्तान के विपक्षी दल जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ देश में आजादी मार्च निकालने की ऐलान किया है।
नई दिल्ली : पाक पीएम इमरान खान ने अपनी हरकतों की वजह से चर्चों में तो रहते ही हैं। अब इमरान खान ने कहा है कि देश की सेना उनके साथ है और विपक्षी दल के दबाव में उनके इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं उठता। सूत्रों से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने कहा कि हालात इस ओर इशारा कर रहे हैं कि विपक्षी दल के 'आजादी मार्च' के पीछे भारत का हाथ है।
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बता दें कि पाकिस्तान के विपक्षी दल जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ देश में आजादी मार्च निकालने की ऐलान किया है।
इस दिन इस्लामाबाद पहुंचेगा ‘आजादी मार्च’
पाकिस्तान के विपक्षी दल जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान का यह ‘आजादी मार्च’ 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचेगा।
इस मार्च की इमरान सरकार ने इस शर्त के साथ इजाजत दी है कि इसे संविधान के दायरे में होना होगा और यह शांतिपूर्ण होगा। मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि इमरान ने वरिष्ठ पत्रकारों से एक मुलाकात में कहा कि पाकिस्तानी सेना पूरी तरह से उनके साथ है और सरकार के एजेंडे का समर्थन करती है।
आगे इमरान ने कहा कि नागरिक व सैन्य संबंध विश्वास पर आधारित हैं और दोनों के बीच यह विश्वास काफी मजबूत है। वह 'कभी भी देश नहीं छोड़ेंगे और देश को संकटों से बाहर निकालेंगे।'
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विपक्षी धरने को एजेंडा
इसी मामले में इमरान ने कहा कि जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल नेता के प्रदर्शन में उन्हें साजिश नजर आ रही है और इसका एक निश्चित एजेंडा है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें किसी विदेशी एजेंडे का कोई सबूत मिला है तो उन्होंने कहा कि नहीं, कोई सबूत तो नहीं है लेकिन 'मार्च का समय और क्षेत्रीय स्थिति इसके पीछे भारत का हाथ होने का संकेत दे रहे हैं।'
सूत्रों से मिली जानकारी में बातचीत में मौजूद एक पत्रकार ने बताया कि पीएम इमरान ने कहा कि उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता और वह इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने विपक्षी धरने को एजेंडा आधारित बताया और कहा कि इसे विदेशी समर्थन हासिल है।
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मार्च से भारत में खुशी की लहर
मिली रिपोर्ट में बातचीत में शामिल पत्रकारों के हवाले से बताया गया है कि इमरान ने कहा, ‘जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के मार्च ने भारत में खुशी की लहर पैदा कर दी है। मुझे नहीं मालूम कि मौलाना (फजल) की समस्या क्या है। मैं विपक्ष के एजेंडे को समझ नहीं पा रहा हूं।’
फिलहाल इमरान ने माना कि देश में महंगाई और बेरोजगारी का संकट है और कहा कि सरकार इनसे निपटने का प्रयास कर रही है। यह पूछे जाने पर कि (नवाज शरीफ) सरकार को गिराने के लिए उन्होंने भी धरना दिया था, तो इमरान ने दावा किया कि उनका धरना बेवजह नहीं था, 4 निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव में धांधलियों का उनके पास सबूत था।
इमरान पहले तो कश्मीर के लिए बौखलाए हुए थे लेकिन इन सब बातों से तो यही जाहिर हो रहा है कि अब वो अपने ही देश में निशाना बनाया जा रहा है।
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