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ऐसे बर्तन में खाना खाने से बढ़ता है दुर्भाग्य, आप भी तो नहीं कर रही इनका इस्तेमाल
आजकल की बदलती जीवनशैली ने हमें शास्त्रों से जुड़ी बातों से दूर कर दिया है। इससे हमें शारीरिक नुकसान भुगतना पड़ रहा है।शास्त्रों में स्वास्थ से जुड़ी कई ऐसी बातें लिखी हैं, जिन्हें आजकल के जमाने में हम नहीं मानते। इस कारण तरह-तरह की गंभीर बीमारियां हो रही हैं। अब बर्तनों को ही ले लीजिए। रसोई में हम जो बर्तन उपयोग करते हैं, उनमें से अधिकतर या तो एल्युमिनियम से बने होते हैं या प्लास्टिक से।
जयपुर: आजकल की बदलती जीवनशैली ने हमें शास्त्रों से जुड़ी बातों से दूर कर दिया है। इससे हमें शारीरिक नुकसान भुगतना पड़ रहा है।शास्त्रों में स्वास्थ से जुड़ी कई ऐसी बातें लिखी हैं, जिन्हें आजकल के जमाने में हम नहीं मानते। इस कारण तरह-तरह की गंभीर बीमारियां हो रही हैं। अब बर्तनों को ही ले लीजिए। रसोई में हम जो बर्तन उपयोग करते हैं, उनमें से अधिकतर या तो एल्युमिनियम से बने होते हैं या प्लास्टिक से।
एल्युमिनियम या प्लास्टिक जैसे बर्तनों में खाना खाना कभी भी हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं रहा। इन बर्तनों में भोजन करने से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि इन बर्तनों में खाना भाग्य के लिए भी ठीक नहीं है। शास्त्रों के अनुसार जानिए किस तरह के बर्तनों में भोजन सेहत और किस्मत के लिए फायदेमंद है,
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आयुर्वेद के अनुसार, लोहे के बर्तनों में भोजन करने से शरीर में कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता। साथ ही, इससे शरीर में लौह तत्वों की मात्रा बढ़ती है। इससे हिमोग्लोबिन का स्तर ठीक रहता है व पाचन संबंधी दिक्कतें खत्म हो जाती हैं। इन बर्तनों का दान करने से किस्मत चमक सकती है।
कांसे के बर्तनों में जो भोजन बनता है, उसमें 97% पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, कांसे के बर्तन में भोजन करने से दिमाग तेज होता और भूख भी बढ़ती है। पीतल के नक्काशीदार व सुंदर बर्तन उपयोग करने व इनमें भगवान विष्णु को भोग लगाने से घर में हमेशा बरकत रहती है। इनके उपयोग से धन और समृद्धि बनी रहती है।
सोने के बर्तन में खाना खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर होता है। पुरुषों के लिए सोने के बर्तनों में खाना बहुत ही लाभदायक माना गया है। इन्हें घर में रखने व उपयोग करने से कभी धन व ऐश्वर्य की कमी नहीं होती है।महालक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
शास्त्रों में पत्तल में भोजन करना काफी अच्छा बताया गया है। इसमें भोजन करने से भूख बढ़ती है और पेट की जलन भी खत्म होती है। ताजे पत्तों की बनी पत्तल में भोजन करने से शरीर के जहरीले तत्व भी खत्म होते हैं। शास्त्रों में माना गया है कि सुंदर पत्तल में देवताओं को भोजन करवाने से वे प्रसन्न होते हैं और घर में हमेशा समृद्धि बनी रहती है।
मिट्टी के बर्तन में दाल 25 मिनट के अंदर धीमी आंच पर पक जाती है। इसलिए दाल को मिट्टी के बर्तन में पकने के लिए रखकर घर का काम करते रहिए। एक बार मिट्टी की हांड़ी में पकी दाल खाकर देखिए। यह इतनी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है कि आप इस स्वाद को कभी भूल नहीं पाएंगे। इसी तरह मिट्टी के तवे पर बनी रोटी व मटके का पानी न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि आपको जीवन भर स्वस्थ बनाए रखता है।
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वास्तु के अनुसार हर व्यक्ति को मिट्टी या भूमि तत्व के पास ही रहना चाहिए। मिट्टी से बनी वस्तुएं सौभाग्य और समृद्धिकारक होती हैं। मिट्टी के बर्तनों में पकाए अन्न में ईश्वरीय तत्व माना जाता है। हर घर में मिट्टी का घड़ा अवश्य होना चाहिए। घड़े का पानी पीने से बुध और चंद्रमा का प्रभाव शुभ होता है। घड़े को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। मानसिक रूप से परेशान हैं तो मिट्टी के घड़े से पौधे को पानी दें। जो लोग मंगल के कोप से प्रभावित हैं, उन्हें कोई भी पेय पदार्थ मिट्टी के बर्तन में ही पीना चाहिए। मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर घर की छत पर पक्षियों के लिए अवश्य रखें। मिट्टी से बनी भगवान की मूर्ति को घर में लाने से धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं। रोजाना तुलसी के पौधे के पास मिट्टी का दीया जलाएं। मिट्टी से बनी वस्तुओं या खिलौनों से अपने ड्राइंग रूम को सजाएं। इससे रिश्तों में मधुरता आती है। हर त्योहार पर घर में मिट्टी के दीये जलाएं। घर में मिट्टी के बर्तन रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।