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हलषष्ठी व्रत का महत्व: इस मुहूर्त में ऐसे करें पूजा, जानिए किस दिन है उपवास

ललही छठ, हलषष्ठी या हल छठ के नाम से जाने वाले इस व्रत के दिन महिलाएं संतान सलामती के लिए पूजा करती हैं। जन्माष्टमी से दो दिन पहले हलषष्ठी या हल छठ का पर्व मनाया जाता है इसे बलराम जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह पर्व 9 अगस्त को है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को ललही छठ या हल षष्ठी

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 Aug 2020 11:55 PM IST
हलषष्ठी व्रत का महत्व: इस मुहूर्त में ऐसे करें पूजा, जानिए किस दिन है उपवास
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हलषष्ठी प्रतीकात्मक

जयपुर:ललही छठ, हलषष्ठी या हल छठ के नाम से जाने वाले इस व्रत के दिन महिलाएं संतान सलामती के लिए पूजा करती हैं। जन्माष्टमी से दो दिन पहले हलषष्ठी या हल छठ का पर्व मनाया जाता है इसे बलराम जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह पर्व 9 अगस्त को है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को ललही छठ या हल षष्ठी व्रत का त्योहार मनाया जाता है। इसे कई नामों से जाना जाता है। इस त्योहार को श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस बार बलराम जयंती 9 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन भी श्रद्धालु व्रत व पूजन करते हैं।

शुभ मुहूर्त

संतान की दीर्घायु और उसकी अकाल मृत्यु को दूर करने वाला हल षष्ठी व्रत इस बार रविवार को मनाया जाएगा।9 अगस्त छठी तिथि होने के कारण है, षष्ठी तिथि प्रारम्भ - सुबह 04 बजकर 18 मिनट से (09 अगस्त 2020) षष्ठी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 06 बजकर 42 मिनट तक (10 अगस्त 2020)।

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balram jyanti प्रतीकात्मक

जन्माष्टमी पर्व से ठीक दो दिन

महत्व हलषष्ठी या हल छठ को जन्माष्टमी पर्व से ठीक दो दिन पहले मनाया जाता है। भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम को बलदेव, बलभद्र और बलदाऊ के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू ज्योतिशास्त्र के अनुसार बलराम को हल और मूसल से खास लगाव था इसीलिए इस त्योहार को हल षष्ठी के नाम से जाना जाता है। बलराम जयंती के दिन किसान वर्ग खास तौर पर पूजा करते हैं। इस दिन हल, मूसल और बैल की पूजा करते हैं। हलषष्ठी या हल छठ पर मूसल, बैल व हल की पूजा की जाती है इसीलिए इस दिन हल से जुती हुई अनाज व सब्जियों व हल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

छठ माता

संतान की लंबी आयु के लिए किए जाने वाला यह व्रत काफी शक्तिशाली बताया जाता है इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भैंस के गोबर से पूजा घर में दीवनर पर छठ माता का चित्र बनाकर पूजा करती हैं।इस दिन माता गौरी व गणेश की पूजा करने का विधान है। पूजा करने के बाद गांव की महिलाएं एक साथ बैठकर कथा सुनती हैं।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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