राममंदिर भूमि पूजन: शिलान्यास में यजमान के तौर पर इनको दिया गया आसन

देश में बुधवार से एक नए युग का आगाज हो गया। दशकों तक चले रामजन्म भूमि विवाद पर कोर्ट का फैसला आया और 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गयी।

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Published on: 5 Aug 2020 4:55 PM GMT
राममंदिर भूमि पूजन: शिलान्यास में यजमान के तौर पर इनको दिया गया आसन
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Family of Ashok Singhal

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: देश में बुधवार से एक नए युग का आगाज हो गया। दशकों तक चले रामजन्म भूमि विवाद पर कोर्ट का फैसला आया और 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गयी। अयोध्या में आज जब भगवान राम के मंदिर का शिलान्यास हुआ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा इस कार्यक्रम में मंदिर आंदोलन को धार देने वाले विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्व अशोक सिंघल के परिवार के सदस्यों को यजमान के तौर पर आसन दिया गया।

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ये दिग्गज रहे उपस्थित

उदयपुर के निवासी सलिल सिंघल मुख्य यजमान के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। राम मंदिर आंदोलन के प्रणेता और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल मुख्य यजमान के रूप में कार्यक्रम में उपस्थिति हुए। सलिल के साथ उनकी पत्नी मधु और बेटा मंयक भी समारोह में उपस्थित थे।

सलिल सिंघल अशोक सिंघल के बड़े भाई के बेटे हैं। बता दें कि, सलिल सिंघल पीआई इंडस्ट्रीज लि. के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक थे और अभी वे चेयरमैन एमेरिटस हैं सलिल अभी दिल्ली में रहते हैं।

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विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल उन नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन को धार दी। अशोक सिंघल 1980 में विश्व हिंदू परिषद में शामिल हुए थे। 1984 के बाद वह विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए थे। अशोक सिंघल दिसंबर 2011 तक इस पद पर रहे। सिघल का निधन नवंबर 2015 में हो गया था।

Ashok singhal

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कार्यक्रम में कुल 175 महानुभावों को आमंत्रित किया गया

शिलापूजन कार्यक्रम में अशोक सिधल के भतीजे और उनकी पत्नी को यजमान के तौर इस कार्यक्रम में शिरकत की। राममंदिर के निर्माण कार्यक्रम में कुल 175 महानुभावों को आमंत्रित किया गया था। बतातें चलें कि राम मंदिर आंदोलन को धार देने वाले नेताओं में विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल मुख्य रूप से शामिल रहे हैं।

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