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महिलाओं का नहीं भटकता मन, हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार का जानें और महत्व

आज  हरियाली तीज है। पति की लंबी उम्र और अच्छे वर की प्राप्ति के लिए महिलाएं ये व्रत रखती है। इस दिन व्रत के साथ महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। ये सोलह श्रृंगार हिंदू धर्म में अखंड सौभाग्य की निशानी  है। इसलिए हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत के साथ सोलह साजो-श्रृंगार करती हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 23 July 2020 2:28 AM GMT
महिलाओं का नहीं भटकता मन, हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार का जानें और महत्व
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लखनऊ : आज हरियाली तीज है। पति की लंबी उम्र और अच्छे वर की प्राप्ति के लिए महिलाएं ये व्रत रखती है। इस दिन व्रत के साथ महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। ये सोलह श्रृंगार हिंदू धर्म में अखंड सौभाग्य की निशानी है। इसलिए हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत के साथ सोलह साजो-श्रृंगार करती हैं। सावन की हरियाली नव सृजन की निशानी है। भगवान शिव को नव कल्याण और नव सृजन का का जनक कहते हैं।

चातुर्मास आरंभ हो चुके हैं। चातुर्मास सावन का पहला मास है। और तीज सुहाग के लिए मह्त्व रखता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की प्रथम मिलन हुआ था। सुहागिन स्त्रियों के लिए यह पर्व सुखद दांपत्य जीवन के लिए अग्रसर करता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। जानते हैं...

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पुष्प: सोलह श्रृंगार में फुलों से श्रृंगार करना शुभ है। बरसात के मौसम में उमस बढ़ जाती है सूर्य और चंद्रमा की शक्ति वर्षा ऋतु में क्षीण हो जाती है। इसलिए इस ऋतु में आलस आता है। मन को प्रसन्नचित रखने के लिए फुलों को बालों में लगाना अच्छा माना गया है। फूलों की महक स्फूर्ति प्रदान करती है।

माथे पर बिंदी ये भी एक श्रृंगार है। माथे पर सिंदूर का टिका लगाने से सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है। इससे मानसिक शांति भी मिलती है। इस दिन चंदन का भी टिका लगाया जाता है।

सिंदूर: मांग में सिंदूर लगाना सुहाग की निशानी है वहीं इस स्थान पर सिंदूर लगाने से चेहरे पर निखार आता है। इसका अपने वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं। मांग में सिंदूर लगाने से शरीर में विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।

कानों में कुंडल: कान में आभूषण या वाली पहनने से मानसिक तनाव नहीं होता है। कर्ण छेदन से आंखों की रोशनी तेज होती है। सिर का दर्द कम करने में भी सहायक होता है।

मंगल सूत्र: मोती और स्वर्ण से युक्त मंगल सूत्र या हार पहनने से ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को रोकने में मदद मिलती है वहीं इससे प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। गले में स्वर्ण आभूषण पहनने से हृदय रोग संबंधी रोग नहीं होते हैं। हृदय की धड़कन नियंत्रित रहती है। वहीं मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करते हैं इससे मन चंचल नहीं होता है।

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स्वर्ण टिका: माथे पर स्वर्ण का टिका महिलाओं की सुंदरता बढ़ाता है वहीं मस्तिष्क का नर्वस सिस्टम भी अच्छा रहता है।

चूडियां: हाथों में कंगन या चूडियां पहनने से रक्त का संचार ठीक रहता है। इससे थकान नहीं नहीं होती है। साथ ही हार्मोंस को भी नहीं बिगड़ने देती हैं।

बाजूबंद: इसे पहनने से भुजाओं में रक्त प्रवाह ठीक बना रहता है। दर्द से मुक्ति मिलती है। वहीं इससे सुंदरता में निखार आता है।

कमरबंद: इससे पहनने से पेट संबंधी दिक्क्तें कम होती हैं। कई बीमारियों से बचाव होता है। हार्निया जैसी बीमारी होने का खतरा कम होता है।

पायल: पायल पैरों की सुंदरता में चारचांद लगाती हैं वहीं इनको पहनने से पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित करती है। इसका एक बड़ा कार्य महिलाओं में वसा को बढ़ने से रोकना भी है वहीं चांदी की पायल पैरों की हड्डियों को मजबूत बनाती हैं।

बिछिया: बिछिया को सुहाग की एक प्रमुख निशानी के तौर पर माना जाता है लेकिन इसका प्रयोग पैरों की सुंदरता तक ही सीमित नहीं है। बिछिया मांसपेशियां को मजबूत बनाए रखने में भी मददगार होती है।

नथनी: नथनी चेहरे की सुंदरता में चारचांद लगाती है। इसका वैज्ञानिक महत्व भी है नाक में स्वर्ण का तार या आभूषण पहनने से महिलाओं को दर्द सहन करने की क्षमता बढ़ती है।

अंगूठी: अंगूठी पहनने से रक्त का संचार शरीर में सही बना रहता है। इससे हाथों की सुंदरता बढ़ती है।

मेहंदी: हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने की परंपरा है। स्त्रियां खास तौर पर इस दिन हाथों में मेहंदी लगाती हैं। ये सोलह श्रृंगार में प्रमुख श्रृंगार है। मेहंदी शरीर को शीतलता प्रदान करती है और त्वचा संबंधी रोगों को दूर करती है।

काजल : काजल आंखों की सुरंदता को बढ़ाता है। वहीं आंखों की रोशनी भी तेज करने में सहायक होता है। इससे नेत्र संबंधी रोग दूर होते हैं।

चेहरे पर मेकअप: इसे मेकअप भी कहा जाता है। चेहरे पर प्रकृति सौंदर्य प्रसाधन लगाने से सुंदरता बढ़ती है। वहीं इससे महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और ऊर्जा बनी रहती है।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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