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कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति: नागपंचमी के दिन करें इस चमत्कारी मंत्र का जाप

इस बार नाग पंचमी शनिवार को कई दुर्लभ संयोग एकसाथ है। ऐसे योग में भगवान शिव की उपासना करने और नागों की पूजा करने से भोलेनाथ की कृपा  है। यह दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष दूर करने के लिए बहुत ही उत्तम है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 24 July 2020 2:26 AM GMT
कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति: नागपंचमी के दिन करें इस चमत्कारी मंत्र का जाप
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नाग पंचमी

जयपुर: इस बार नाग पंचमी शनिवार को कई दुर्लभ संयोग एकसाथ है। ऐसे योग में भगवान शिव की उपासना करने और नागों की पूजा करने से भोलेनाथ की कृपा है। यह दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष दूर करने के लिए बहुत ही उत्तम है। इस बार 25 जुलाई का दिन सावन के इस महीने का एक महत्वपूर्ण दिन हैं क्योंकि इस दिन नागपंचमी का पर्व हैं।

हर साल सावन शुक्ल पंचमी को यह पर्व मनाया जाता हैं और शिव के गले में विराजमान नागदेवता का पूजन किया जाता हैं। यह पूजन कुंडली में उपस्थित कालसर्प योग को दूर करता हैं। इसी के साथ ही इस दिन शिव गायत्री मंत्र से किया गया पूजन कालसर्प योग से छुटकारा दिलाते हुए चिंताओं से मुक्ति दिलाता है। सामान्य जातक भी यह शिव गायत्री मंत्र अपने कल्याण के लिए जप सकता है।

विधि- गले में नागों की माला धारण करने के कारण ही भगवान शिव को काल का देवता कहते है। घर के दरवाजे पर दोनों तरफ गाय के गोबर से सर्प बनाकर व सर्प का चित्र लगाकर सुबह उन्हें जल चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही उन पर घी -गुड़ चढ़ाया जाता है। शाम को सूर्यास्त होते ही नाग देवता के नाम पर मंदिरों और घर के कोनों में मिट्टी के कच्चे दिए में गाय का दूध रखते है। शाम को भी उनकी आरती और पूजा की जाती है।

इस दिन शिवजी की आराधना करने से कालसर्प दोष, पितृदोष का आसानी से निवारण होता है। भगवान राम के छोटे भाई लक्षण को शेषनाग का अवतार मानते है।इस दिन कजली बोने की परंपरा है।

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नागपंचमी के दिन किसी भी शिव मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ा कर आएं। जोड़ा चांदी का, स्वर्ण का, पंचधातु का, तांबे का या अष्ट धातु का हो। नागपंचमी के दिन ही शिव मंदिर में 1 माला शिव गायत्री का जाप (यथाशक्ति) करें एवं नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं तो पूर्ण लाभ मिलेगा।

शिव गायत्री मंत्र :

'ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे, महादेवाय धीमहि तन्नोरुद्र: प्रचोदयात्ॐ

अनन्तेशाय विद्महे महाभुजांगाय धीमहि तन्नो नाथः प्रचोदयात्ॐ

नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात्

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आम दिनों में भी कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय किए जा सकते हैं। विशेषकर सोमवार को शिव मंदिर में जो जातक यह मंत्र चंदन की अगरबत्ती लगाकर एवं दीपक (तेल या घी) लगाकर जाप करता है, तो उसे अवश्य ही श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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