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कार्तिक मास में नहीं कर रहे धार्मिक काम तो अब करें शुरू, मिलेगा मान-सम्मान
कार्तिक का महीना भगवान विष्णु का महीना है। इस महीने दान, स्नान और तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। कहते हैं कि कार्तिक के महीने में बह्म मुहूर्त में स्नान करके भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करनी चाहिए। इस महीने लोग सुबह उठकर गंगा स्नान करते हैं।
जयपुर: कार्तिक का महीना भगवान विष्णु का महीना है। इस महीने दान, स्नान और तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। कहते हैं कि कार्तिक के महीने में बह्म मुहूर्त में स्नान करके भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करनी चाहिए। इस महीने लोग सुबह उठकर गंगा स्नान करते हैं। इसके अलावा इस महीने दीपदान का भी बहुत महत्व है। लेकिन इस महीने कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। कार्तिक महीने में सूर्य तुला राशि अर्थात अपनी नीच राशि में होते हैं इसी कारण सूर्य की विशेष पूजा-अर्चना से मान-सम्मान की प्राप्ति की जा सकती हैं. कार्तिक के महीने में सूर्य उदय होने से पहले का स्नान विशेष फलदायी होता है और सूर्य उदय होने से पहले की गई पूजा मान सम्मान तथा धन की प्राप्ति कराती है।
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इस सप्ताह मिलता है मान- सम्मान
खोए हुए मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण की विशेष उपासना फलदाई होती है। कार्तिक के महीने में सूर्य तुला राशि में होने के कारण उनकी सूर्योदय के समय की गई पूजा मान सम्मान की प्राप्ति करा सकती हैं। एक नया तांबे का लोटा ले उस पर एक लाल कलावा लपेटें। तांबे के लोटे में जल शक्कर लाल गुलाब के फूल की पत्तियां और केसर डालकर भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य दें।
भगवान सूर्यनारायण की तीन परिक्रमा करें और गायत्री मंत्र का जाप करके अपने मान सम्मान की प्राप्ति की प्रार्थना करें। इस माह सूर्योदय होने से पहले किए गए स्नान से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है अपने स्नान के जल में एक चम्मच गंगाजल मिलाएं और 3 बार ॐ मंत्र का जाप करके स्नान करें।
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और देसी घी का दिया तुलसी के पास जलाएं। भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप पीले आसन पर बैठकर करें और भगवान शिव को पांच बेलपत्र पर सफेद चंदन लगाकर नमः शिवाय मंत्र का जाप करके अर्पण करें।
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ना करें कुछ काम इस मास
शास्त्रों के मुताबिक कार्तिक के महीने में मांस-मछली और मट्ठा नहीं खाना चाहिए। शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए। कहते हैं कि इस महीने शरीर पर तेल लगाना वर्जित होता है। केवल एक दिन यानी नरक चतुर्दशी के दिन शरीर पर तेल लगा सकते हैं। इस महीने उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई खाने से परहेज करना चाहिए। इस महीने भूमि पर सोना चाहिए और भगवान का जाप करते रहना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक बताया