×

Krishna Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर किए इन उपायों से पूरी होगी हर मुराद, इसे करना न भूले आप, जानिए और भी बहुत

Krishna Janmashtami 2023 Upay: कहते हैं जीवन में सफल होना है तो भगवान कृष्ण के जन्म पर कुछ खास उपाय करना चाहिए इससे हर इच्छा पूरी होती है। घर मे सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही जन्माष्टमी की तारीख को लेकर सारे कनफ्यूजन दूर करें....

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 1 Sep 2023 11:24 AM GMT
Krishna Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर किए इन उपायों से पूरी होगी हर मुराद, इसे करना न भूले आप, जानिए और भी बहुत
X
Krishna Janmashtami 2023 Upay (सांकेतिक तस्वीर, सोशल मीडिया)

Janmashtami Ki Raat Khas Upay: कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के आठवें दिन होता है जब चंद्रमा ( Moon) अस्त हो रहा होता है और रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra )चमक रहा होता है। कृष्ण जन्माष्टमी पर, जिसे गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, भक्त भगवान कृष्ण को नए कपड़े पहनाते हैं और आभूषणों से सजाते हैं. इस दिन कान्हा की मूर्ति को पालने में रखकर सजाया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन रात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। प्रभु कृष्ण विष्णु जी के आठवें अवतार माने जाते हैं।जन्माष्टमी के दिन मंदिर से लेकर हर घर में कृष्ण जन्म और पूजा की खास तैयारी की जाती है. रात्रि के समय विधि-विधान के साथ उनकी पूजा-अर्चना कर जन्म करवाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन अगर कुछ खास तरीके से लड्डू गोपाल को प्रसन्न करें तो हर इच्छा पूरी होती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को खुश करने के लिए अगर कुछ खास उपाय है, इससे माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी होती हैं।जानते है जन्माष्टमी पर किए जाने वाले अचूक उपाय, जिससे हर मुराद पूरी होगी।

जन्माष्टमी के अचूक उपाय

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहते हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को पीले रंग के कपडे, पीले अनाज, पीले फल. पीली मिठाई चढ़ाने चाहिए। सुबह स्नान करके राधा-कृष्ण के मंदिर में भगवान कृष्ण को पीले फूलों की माला अर्पण करने से धन संबंधित परेशानी दूर होती है और लक्ष्मी प्राप्ति के योग बनने लगते हैं। भगवान श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन और यश की कमी नहीं आती है।

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुदाने अथवा चावल की खीर का भोग लगाएं, खीर में चीनी के बजाय मिश्री का प्रयोग करें और तुलसी दल ज़रूर डालें। इससे श्रीकृष्ण की कृपा से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।

जन्माष्टमी के दिन सुबह भगवान श्रीकृष्ण का दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर अभिषेक करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।

जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के मंदिर में जाकर उन्हें पीले फूलों की माला चढ़ाएं, पीले रंग की मिठाई, मिश्री, शहद और इलायची का भोग लगाएं। इससे मनचाहा जीवनसाथी या फिर प्रेम में सफलता मिलेगी

जन्माष्टमी की रात बारह बजे, जिस समय श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था उस समय दूध में केसर मिलाकर श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से श्रीकृष्ण की कृपा से आपके घर में सदा सुख-समृद्धि का वास रहेगा।

जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को पानी वाला नारियल व केला अर्पित करें और अपने मनचाहे प्रेमी या प्रेमिका को मन में रखकर ‘ओम क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:’ इस मंत्र का जाप करें।

राधा-कृष्ण की प्रतिमा के सामने रोज़ाना इस मंत्र की पांच माला जपें। इस उपाय से प्रेम विवाह और मनचाहा जीवनसाथी पाने की इच्छा पूरी होने की प्रबल संभावना बनने लगती है।

मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को चढ़ाएं। जो व्यक्ति जन्माष्टमी से लगातार 27 दिन तक कृष्ण के मंदिर में जटावाला नारियल और 11 बादाम चढ़ाता है उस व्यक्ति के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होने लगते हैं।

व्यापार और नौकरी में मन मुताबिक सफलता नहीं मिल रही है तो जन्माष्टमी के दिन अपने घर में 7 कन्याओं को बुलाकर उन्हें सफेद मिठाई या फिर खीर खिलाएं साथ ही उन्हें कुछ उपहार भी दें। इस उपाय को अगले 5 शुक्रवार तक लगातार करें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और नौकरी-व्यापार में मनवांछित सफलता मिलेगी।

जन्माष्टमी के दिन शाम के वक्त तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं और ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करें। इस उपाय से गृह क्लेश दूर होता है और घर में सुख शांति का वास होता है।

जन्माष्टमी का दिन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है इसलिए उनकी कृपा पानी है तो कृष्ण जन्माष्टमी पर इन आसान उपायों को जरूर करे, भगवान श्रीकृष्ण की कृपा आप पर बरसती है और किस तरह से आपकी समस्त मनोकामनाएं हकीकत में तब्दील होती हैं।

जन्माष्टमी का कन्फ्यूजन करें दूर
हर साल की तरह इस बार भी जन्माष्टमी की तिथि दो दिन है। एक दिन गृहस्थ जीवन वाले और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय वाले जन्माष्टमी मनाते हैं इसलिए 6 और 7 सितंबर दोनों दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर और वैष्णव संप्रदाय 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।साधू, संत और सन्यासियों में कृष्ण की पूजा का अलग विधान है। शास्त्रों में पंचदेवों के उपासक (गृहस्थ) यानी स्मात संप्रदाय के लोगों के लिए कृष्ण की उपासना अलग तरीके से बताई गई है।इस दिन दही हांडी का उत्सव भी मनाया जाता है।रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर 2023, सुबह 09:20 से शुरू होकर 07 सितंबर 2023, सुबह 10:25 पर खत्म होगा।

जन्माष्टमी का महत्व
जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने से संपूर्ण इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस दिन विधिपूर्वक यशोदा नदंन की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। वहीं जिन दंपतियों की संतान की चाह है वे जन्माष्टमी की दिन लड्डू गोपाल की उपासना जरूर करें. साथ ही उन्हें माखन, दही, दूध, खीर, मिश्री और पंजीरी का भोग भी लगाएं। यह त्यौहार मथुरा, वृन्दावन और उन स्थानों पर जहां कृष्ण के भक्त रहते हैं, बहुत महत्व रखता है. इस दिन दही-हांडी का गेम रखा जाता है जिसमें सड़कों पर ऊंचे खंभों पर एक हांडी में दही लटकाई जाती है. पुरुष इन बर्तनों तक पहुंचने और तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं. कृष्ण के चंचल बचपन के क्षणों को दोहराया जाता है. छोटे-छोटे बच्चों को कृष्ण की वेशभूषा में सजाया जाता है।

Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

Next Story