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अटूट प्रेम का प्रतीक: रामराखी, चूड़ाराखी या कहिए लूंबा, जानें रक्षा बंधन से जुड़ी ये बातें

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई- बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता हैं इस दिन हर बहन अपने भाई को रक्षा का शुत्र बांधती हैं। और भगवान से अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। बता दें, रक्षा बंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्ण‍िमा के दिन मनाया जाता हैं।

Suman  Mishra
Published on: 28 July 2020 10:01 PM IST
अटूट प्रेम का प्रतीक: रामराखी, चूड़ाराखी या कहिए लूंबा, जानें रक्षा बंधन से जुड़ी ये बातें
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लखनऊ: रक्षा बंधन का त्यौहार भाई- बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता हैं इस दिन हर बहन अपने भाई को रक्षा का शुत्र बांधती हैं। और भगवान से अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। बता दें, रक्षा बंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्ण‍िमा के दिन मनाया जाता हैं। इसलिए इसका महत्व अधिक हो जाता हैं।इस बार 3 अगस्त को रक्षा बंधन है ।

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हर बहन को इस दिन का खास इंतेजार रहता हैं कि कब रक्षा बंधन का त्यौहार आयें और वो अपनें भाई को प्यार से और सुन्दर सी राखी बांधे। इस त्यौहार के लिए सभी लड़कीयां खास तैयारियां करती हैं कपड़े, मेहंदी आदि लगा कर इस त्यौहार को मनाती हैं। बता दें, ये पर्व हर साल सावन के आख़िरी दिन मनाया जाता हैं।

कुछ रोचक बातें

रक्षा बंधन का त्यौहार हर साल सावन के आख़िरी दिन मनाया जाता हैं इसलिए कुछ लोग इसे सावनी या सलूनो भी कहतें हैं।

वैसे तो रक्षा बंधन भाई बहन का त्यौहार माना जाता हैं लेकिन हमारें भारत देश में ब्राह्मणों, गुरुओं और नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बांधी जाती है।

रक्षा बंधन त्यौहार को कई राज्यों में अलग- अलग नामों से भी जाना जाता हैं। जैसे:- महाराष्ट्र में इस त्योहार को नारियल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।

रक्षा बंधन त्यौहार को मानतें हुए देश में कहीं जगह वृक्ष को और भगवान को भी राखी बांधने की परंपरा है।

इस दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरुष भाईचारे को दर्शातें हुए एक- दूसरें को भगवा रंग की राखी बांधते हैं।

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हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक अनुष्ठानों में राखी बांधते हुए पण्डित या आचार्य संस्कृत में एक श्लोक का उच्चारण करते हैं, जो कि राजा बलि से जुड़ा हुआ है जिसमें कहा जाता है जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुझे बांधता हूँ, तू अपने संकल्प से कभी भी विचलित न हो।

रक्षा बंधन पर्व पर भारत के कई राज्यों में बहनों की ओर से भाई के कान के ऊपर भोजली या भुजरियां लगाने की परंपरा है, जो कि भाईयों के लंबी उम्र के लिए किया जाता है।

रक्षा बंधन के दिन मराठी लोग नदी या समुद्र के तट पर जाकर अपने जनेऊ बदलते हैं और समुद्र की पूजा भी करते हैं।

इस पर्व पर राजस्थान में रामराखी और चूड़ाराखी या लूंबा बांधने का रिवाज़ है।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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