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अकाल मृत्यु के लक्षण: मौत का समय नजदीक आते ही शरीर देने लगता है ये सात संकेत

अकाल मृत्यु के लक्षण: जो धरती पर आया है उसे अपने शरीर को छोड़कर एक न एक दिन जाना जरूर है क्योंकि यह धरती मृत्यु लोक है यानी यहां पर मृत्यु का साम्राज्य है। लेकिन मृत्यु के लिए हर व्यक्ति का समय निर्धारित है और उसी समय उसे जाना होता है।

Aditya Mishra
Published on: 17 Jan 2020 9:19 AM GMT (Updated on: 19 May 2021 7:34 AM GMT)
अकाल मृत्यु के लक्षण: मौत का समय नजदीक आते ही शरीर देने लगता है ये सात संकेत
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अकाल मृत्यु के लक्षण: कठोपनिषद् और गरुड़ पुराण से लेकर शिव पुराण तक सभी में बताया गया है कि जो धरती पर आया है उसे अपने शरीर को छोड़कर एक न एक दिन जाना जरूर है क्योंकि यह धरती मृत्यु लोक है यानी यहां पर मृत्यु का साम्राज्य है। लेकिन मृत्यु के लिए हर व्यक्ति का समय निर्धारित है और उसी समय उसे जाना होता है।

अकाल मृत्यु ईश्वर का दंड माना गया है जिसमें व्यक्ति का शरीर छीन जाता है लेकिन उसकी आत्मा को परलोक में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाती है और जब तक उसकी वास्तविक मृत्यु का समय नहीं आता वह बिना शरीर के भटकता रहता है।

शिव पुराण में कामदेव की कथा का जिक्र है जिसमें शिव जी द्वार भष्म किए जाने के बाद कामदेव अशरीर होकर भटकते रहते हैं। लेकिन जिनकी कुदरती मृत्यु होती है उन्हें मृत्यु से पहले कुछ संकेत मिल जाते हैं और यह काम नहीं कर पाते हैं।

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मृत्यु का समय नजदीक आते ही शरीर देने लगता है ये सात संकेत

अपनी नाक के अगले हिस्से को नहीं देख पा रहे हैं तो यह संकेत है मृत्यु धीरे-धीरे पास आ रही है।

आपकी परछाई आपको नहीं दिख रही है तो यह मृत्यु करीब आने के सूचक माने गए हैं।

सब कुछ ठीक होते हुए भी आइने में अपना चेहरा साफ नहीं दिखना या आइने में अपने को देखकर भी खुद को नहीं पहचान पाना।

शिव पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के 6 महीने पहले व्यक्ति की जीभ उचित प्रकार से काम करना बंद कर देती है व्यक्ति को भोजन का सही स्वाद नहीं मिलता। बोलने में भी परेशानी आने लगती है।

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जीभ के अलावा मुंह, कान, आंख भी सही से काम करना बंद कर देते हैं। शरीर के ये ज्ञानेन्द्रियां एक साथ काम करना बंद कर दे तो यह संकेत है कि मृत्यु बहुत करीब है।

तारों भरी आकाश में भी जब तारे नहीं दिखें तो संकेत है कि जीवन के बस कुछ ही महीने बचे हैं।

मृत्यु के करीब आने पर व्यक्ति चांद सूरज सामान्य नजर नहीं आते चांद तारों के चारों तरफ काले या लाल घेरे नजर आने लगते हैं।

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Aditya Mishra

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