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मसालों में छिपा भाग्य: जानिए कैसे चमकेगी रसोई में रखी इन 10 चीजों से किस्मत

अगर घर का किचन खराब हो तो व्यक्ति को धन और रोजगार की स्थितियां परेशान करती है। जानते हैं रसोई में रखें मसालों से भाग्य पर कैसे असर पड़ता है

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 29 Sep 2020 2:20 AM GMT
मसालों में छिपा भाग्य: जानिए कैसे चमकेगी रसोई में रखी इन 10 चीजों से किस्मत
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रोजगार और करियर की दिशा और दशा तय हो सकती है। अगर घर का किचन खराब हो तो व्यक्ति को धन और रोजगार की स्थितियां परेशान करती है।

लखनऊ: कहते है कि जैसा अन्न होता है इंसान का वैसा मन होता है। इसलिए मन को अच्छा रखने के लिए अन्न का शुद्ध होना बहुत जरूरी होता है। और अन्न का संबंध घर की रसोई से होता है। रसोई का संबंध व्यक्ति के भाग्य के साथ होता है। रसोई में रखी चीजें स्वास्थ्य के अलावा धन सम्पन्नता और समृद्धि का भी संकेत होती हैं। यहीं से रोजगार और करियर की दिशा और दशा तय हो सकती है। अगर घर का किचन खराब हो तो व्यक्ति को धन और रोजगार की स्थितियां परेशान करती है। जानते हैं रसोई में रखें मसालों से भाग्य पर कैसे असर पड़ता है

सौंफ मंगल ग्रह

सौंफ का उपयोग तो लगभग रोजाना करते है तो सौंफ के सेवन से शुक्र और चन्द्र ग्रह मजबूत होता है। इसे मिश्री के साथ ले या उस के बिना भी ले खाने के बाद, एसिडिटि और जी मिचलाने जैसी समस्या कम होने लगेंगी। सौंफ को गुड के साथ सेवन करें जब आप घर से किसी काम के लिए निकाल रहे हो , इस से आप का मंगल ग्रह आप का पूरा काम करने में साथ देता है

लौंग और काली मिर्च शनि का असर कम

लौंग और काली मिर्च दोनों सर्दी-जुकाम के प्रतिरोधक हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर करते हैं। सुबह के वक्त चाय में डालकर या रात्रि में सोने के पूर्व इनका प्रयोग करने से स्वास्थ्य उत्तम रहता है। ये दोनों ही शनि प्रधान मसाले हैं। इन दोनों में से किसी एक को भी तेल में डालकर दीपक जलाने से घर का माहौल उत्तम होता है और स्वास्थ्य की समस्या नहीं होती।

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spice सोशल मीडिया से

हींग क्रोध पर नियंत्रण

हींग से भोजन का स्वाद दोगुना हो जाता है। यह बुध से प्रेरित मसाला है, लेकिन बृहस्पति से भी कुछ अंशों में इसका संबंध है। यह पित्त और वात को नियंत्रित करता है। दोपहर के भोजन में नियमित रूप से इसका प्रयोग करने से स्वास्थ्य की समस्या से बचेंगे। साथ ही क्रोध की कम होगा।

जीरा और दालचीनी राहु-केतु का प्रकोप शांत

दोनों ही बुध के मसाले हैं, हल्का अंश राहु का भी होता है। दोनों ही मुख की समस्याओं और पित्त को नियंत्रित करते हैं। जीरे का प्रयोग दोपहर के भोजन में या दालचीनी का प्रयोग रात के भोजन में करना उत्तम होगा।शनिवार को जीरा दान करने से राहु-केतु का प्रकोप शांत होता है, उतार चढ़ाव से मुक्ति मिलती है।

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तेजपत्ता माहौल शुद्ध

तेजपत्ता शनि और बुध का मसाला है। यह तेज सुगंध और ऊर्जा पैदा करता है। इसका प्रयोग रात के भोजन में करें तो उत्तम होगा ।धूप की तरह प्रयोग करने से वातावरण शुद्ध होता है। सकारात्मकता सही रहती है।

हल्दी अदभुत मसाला

यह मसाला सबसे अदभुत मसाला है इसका संबंध बृहस्पति से है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है। भोजन में नियमित प्रयोग करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। इससे धन-सम्पन्नता भी बनी रहती है। अगर नियमित रूप से हल्दी लगाकर स्नान किया जाय तो नजर दोष से रक्षा होती है, त्वचा की समस्या नहीं होती है। साथ ही वैवाहिक समस्या दूर होती है।

लाल मिर्च सूर्य और मंगल का मसाला

यह मसाला सूर्य और मंगल का मसाला है, यह स्वाद ग्रथियों को ठीक रखता है और ऊर्जा बढाता है। इसका संतुलित प्रयोग करने से स्वाद और लार ग्रंथियां उत्तम होती हैं। इससे दुर्घटनाओं से बचाव होता है और यश की प्राप्ति होती है। अगर भगवान सूर्य को लाल मिर्च के बीज डालकर अर्घ्य दिया जाए तो कर्जों से तुरंत राहत मिलती है।

हरी इलायची

इस के प्रयोग से बुध ग्रह मजबूत होता है ।हरी इलायची उस में पका कर फिर दूध का सेवन करें इस से ऐसी परेशानी नहीं होगी। ये उन लोगों के लिए लाभकारी है जिन को दूध अपनी सेहत बनाए रखने या कैल्सियम के लिए दूध तो पीना पड़ता है पर उसको पीकर पचाने में समस्या आती है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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