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अगर सावन में वर्जित इन कामों को करेंगे, तो रूठ जाएंगे शिव भगवान
सावन का महीना हरियाली और उत्साह और भक्ति का महीना होता हैं जब शिव की भक्ति करने का मौका मिलता हैं और उनके और करीब जाने का अहसास होता हैं। सावन के इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं।
लखनऊ: सावन का महीना हरियाली और उत्साह और भक्ति का महीना होता हैं जब शिव की भक्ति करने का मौका मिलता हैं और उनके और करीब जाने का अहसास होता हैं। सावन के इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं। लेकिन इसी के साथ ही सावन के महीने में शिव का प्रकोप भी झेलना पड़ता हैं। इस महीने कुछ काम को नहीं किया जाता है। जानते हैं इसके बारे में...
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*शास्त्रों में बताया गया है कि सावन में भक्त और ईश्वर के बीच की दूरी कम हो जाती है। इसलिए सुबह देर तक सो कर इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर शिवजी की पूजा करनी चाहिए।
* सावन के इस महीने में ही नहीं कभी भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपका मन अशुद्ध होता है और अशुद्ध मन से भगवान की पूजा नहीं की जाती।
* सावन में शिवजी का अभिषेक करते समय कभी भी हल्दी का प्रयोग ना करें।
*इस महीने में बैंगन खाना वर्जित है। उसे अशुद्ध बताया गया है। इसलिए बैंगन को द्वादशी, चतुर्दशी और कार्तिक मास में भी खाने की मनाही है।
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*जो लोग शिव के भक्त है उनको मन में कभी भी सावन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए। इस समय धर्म संबंधी किताबों को पढ़ना चाहिए।
*सावन में ही नहीं कभी भी माता-पिता, बुजुर्ग व्यक्ति, भाई-बहन, स्त्री, गरीबों और ज्ञानी लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए।
* सावन में व्रतधारी को दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस मौसम में परिवर्तन होता है, जिससे कई छोटे-छोटे कीड़े-मोकड़े भी होते हैं। कभी-कभी गाय-भैंस उनको खा जाती हैं, इसलिए उनका दूध हानिकारक हो जाता है।
*सावन में शिव के लिए आपके आसपास सकारात्मक माहौल बहुत जरूरी है। उसके लिए आप हमेशा अपने घर में साफ-सफाई रखें।
*पुराणों के अनुसार सावन महीने में संभोग से बचना चाहिए। ब्रह्मचर्य व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। इससे नरक की यातना भुगतनी पड़ती है और अगले जन्म में पशु योनी में जन्म लेना पड़ता है।