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सूर्य ग्रहण 2020: अगर आप इस राशि के हैं तो करना होगा ये काम
आषाढ़ मास की अमावस्या, दिन रविवार सूर्य लग्न, मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस पंचांग को 21 जून 2020 की तारीख रहेगी।
नई दिल्ली: आषाढ़ मास की अमावस्या, दिन रविवार सूर्य लग्न, मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस पंचांग को 21 जून 2020 की तारीख रहेगी। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून शनिवार को रात 9 बजे से लग जायेगा। फिर 21 को 10:21 पर स्पर्श होगा और दोपहर 02:04 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण भारत सहित पाकिस्तान, चीन, अफ्रीका आदि में दिखेगा।
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इस राशि के लोग रहें संभलकर
यह ग्रहण विपत तारा में लग रहा है। इसका मतलब आने वाला काल अच्छा नहीं होगा। यह ग्रहण वलयाकार में होगा, जिसे हम Ring of fire भी कहते हैं। इस दौरान चौथे चरण में जन्मने वाले जातकों को संभल कर रहना है। ग्रहण मिथुन राशि में लग रहा है तो मिथुन लग्न, मिथुन राशि वालों को ज्यादा संभल कर रहना है।
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मिथुन राशि- शारीरिक कष्ट, वाणी पर नियंत्रण रखें।
कर्क राशि या लग्न- पैसा कहीं भी इन्वेस्ट नहीं करना है।
सिंह राशि या लग्न- करोड़पति बनेंगे।
कन्या राशि या लग्न- व्यापार, जॉब, मान-सम्मान सब जा सकता है।
तुला राशि या लग्न- जेल यात्रा में मान-सम्मान और धन हानि हो सकती है।
वृश्चिक राशि या लग्न- अपनी सेहत का ध्यान रखें, जान को खतरा है।
धनु राशि या लग्न- अपने पैरों का ध्यान रखें, चोट लग सकती है। दाम्पत्य जीवन खराब हो सकता है।
मकर राशि या लग्न- सब कुछ अच्छा होगा। सेहत अच्छी होगी। दुश्मन परास्त होंगे।
कुम्भ राशि या लग्न- बच्चों के साथ प्यार से रहें। आपके लिये हुए निर्णय गलत हो सकते हैं।
मीन राशि या लग्न- पानी से खतरा है। सिर में चोट लग सकती है।
मेष राशि या लग्न- सोच विचार कर निर्णय लें। वाणी अच्छी रखें। गुरु, पिता का सम्मान करें। मन को खराब न करें।
वृषभ राशि या लग्न- धोखाधड़ी, सामान चोरी होने, धन की हानि होने की संभावना।
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भगवान शिव और काली की करें पूजा
आप किसी भी राशि में जन्मे हों। आपको शिव, काली की पूजा करनी चाहिए। इस ग्रहण का असर 4 महीने तक रहेगा। इसलिए 4 महीने तक जरूर पूजा और मन्त्र जाप करें।
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भारत की सतही स्थिति क्या होगी
यह ग्रहण भूकंप, बाढ़, सीमा पर युद्ध जैसा संकट बनाएगा। पाकिस्तान की तरफ से परेशानी होगी। भारत, चेन्नई, मद्रास मतलब दक्षिण भारत का हिस्सा, पाकिस्तान, उड़ीसा, चीन, साउथ कोरिया, असम, म्यांमार, दक्षिण एशिया का हिस्सा बाढ़, अप्राकृतिक आपदा, भूकंप जैसी समस्या आएगी। दक्षिण पूर्व का हिस्सा खतरे के निशान पर रह सकता है।
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सीमा गुप्ता