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अमेरिका से कांपा चीन: सीमा पर तैनात किए ये खतरनाक हथियार, बौखलाहट शुरू
ऐसे में हालातों को देखते हुए अमेरिका ने पहली बार अपने 11 न्यूक्लियर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के विमानवाहक पोत में से तीन को एक साथ प्रशांत महासागर में चीनी सीमा के बहुत पास तैनात कर दिया है।
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन बॉर्डर पर हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक जवान हो गए, वहीं चीन की 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है साथ ही एक कंमाडर के मारे जाने की भी खबर है। ऐसे में चीन अब भारत से लगातार शांति की अपील कर रहा है। बीते बुधवार शाम भी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन अब सीमा पर और कोई हिंसक झड़प के पक्ष में नहीं है। इसी मुद्दे पर अमेरिका भी अपनी नजर बनाए हुए है।
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चीनी सीमा के बहुत पास तैनात
ऐसे में अमेरिका ने पहली बार अपने 11 न्यूक्लियर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के विमानवाहक पोत में से तीन को एक साथ प्रशांत महासागर में चीनी सीमा के बहुत पास तैनात कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का वर्तमान नरम रुख चारों तरफ से बन रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव की देन है।
महामारी के इस दौर में अमेरिका हर कदम पर भारत के साथ खड़ा रहा है। ऐसे में अमेरिका के इस कदम को चीन के लिए कड़ी चेतावनी के तौर पर भी देखा जा रहा है।
कुछ जानकारों का कहना है कि इनकी तैनाती भारत की सुरक्षा की दृष्टि से भी की गई हो सकती है। बता दें कि दक्षिण चीनी समुद्र में चीन के बढ़ते दखल को रोकने के लिए अमेरिका ने यह तैनाती की है।
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3 एयरक्राफ्ट कैरियर
ये तीनों एयरक्राफ्ट अमेरिका के जाने-माने न्यूक्लियर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा हैं। इनका नाम है-
1.यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट
2. यूएसएस निमित्ज
3. यूएसएस रोनाल्ड रीगन
यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट फिलीपीन सागर के गुआम के आस पास के इलाके में तैनात है। वहीं, यूएसएस निमित्ज वेस्ट कोस्ट इलाके में और यूएसएस रोनाल्ड रीगन जापान के दक्षिण में फिलीपीन सागर तैनात है।
कोरोना वायरस से अमेरिका में भीषण तबाही मची हुई है। ऐसे में अमेरिका पहले भी चीन को साउथ चाइना सी में आक्रामक व्यवहार को लेकर चेतावनी दे चुका है।
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