भारत से पंगा चीन को पड़ा भारी: उठाये ऐसे कदम, चारों तरफ से घिरा

भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में कई भारतीय सैनिकों की जान जाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। ऐसे में भारत ने चीन को सबक सिखाने और चौतरफा घेरने के लिए योजना बना कर करारा जवाब भी देना शुरू कर दिया है।

Shivani Awasthi
Published on: 18 Jun 2020 6:30 AM GMT
भारत से पंगा चीन को पड़ा भारी: उठाये ऐसे कदम, चारों तरफ से घिरा
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नई दिल्ली: लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में कई भारतीय सैनिकों की जान जाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। ऐसे में भारत ने चीन को सबक सिखाने और चौतरफा घेरने के लिए योजना बना कर करारा जवाब भी देना शुरू कर दिया है।

चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने उठाये कई कदम:

आर्मी की तैयारी, बढ़ाया अलर्ट लेवल

5 मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद चीन ने LAC पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। घाटी समझौते के बाद भी अब तक चीनी सैनिक पीछे नहीं हटे हैं। ऐसे में भारतीय सेना अलर्ट पर है। इंडियन आर्मी ने अब सिर्फ लद्दाख बॉर्डर पर ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में चीन से सटी सीमा समेत पूरी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर सैनिकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं लद्दाख में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गयी है।

लद्दाख में जल्द से जल्द बनेगी सड़क

लद्दाख में बन रही भारतीय सड़क के काम में तेजी लाइ गयी है। चीन और भारत के बीच विवाद की एक बड़ी वजह सीमा के पास भारत की सड़क का निर्माण है। दरअसल, इस सड़क के बनने के बाद भारतीय सेना का बॉर्डर तक जाना आसान हो जाएगा। ऐसे में तनाव के बाद भी सड़क निर्माण का नाम नहीं रोका गया बल्कि काम में तेजी लाने का फैसला लिया गया है।

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सड़क निर्माण को लेकर करीब 1500 मज़दूरो को लद्दाख के लिए रवाना किया गया है। जो मजदूर लॉकडाउन के चलते वापस आ गए थे उन्हें भी वापस भेजा जा रहा है।

पीएम मोदी ने दी सेना को जवाब देने की छूट

भारत में सिर्फ सेना ही नहीं नेतृत्व यानी पीएम मोदी भी दोनों देशों के बीच के विवाद पर सख्त हो गए। उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत किसी को उकसाता नहीं है लेकिन अगर कोई हमारे जवानों को मारेगा तो इसका देश पलटकर जवाब देगा। कहा ये भी जा रहा है कि पीएम मोदी ने एलएसी पर तैनात सेना को सीमा के अंदर रहते हुए जरूरत पर चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने की छूट दे दी है।

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विदेश मंत्रालय का कड़ा रुख:

इसके अलावा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से फोन पर बात की और कड़े शब्दों में गलवान मामले की निंदा की। उन्होंने इस पूरे मामले को चीन की साजिश बताया। चीन के विदेश मंत्रालय ने गलवान को उनके देश का भाग बताया तो भारत ने नाराजगी जाहिर करते हुए साफ़ कह दिया कि ऐसी बेबुनियादी बातों से दोनों देशों के समझौते कमजोर हो जायेंगे।

चीन को आर्थिक चोट देने की तैयारी

भारत ने दोनों देशों के बीच विवाद को लेकर चीन को आर्थिक तौर पर झटका देने का भी मन बना लिया। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने बीएसएनएल को आदेश दिया कि विभाग में 'मेड इन चाइना' सामान की उपयोगिता को कम कर दिया जाये। इसके साथ ही 4जी के लिए दिए गए टेंडर रद्द करने के भी निर्देश दिए गए। वहीं नए टेंडर जारी होने पर उसमें चीनी कंपनियों को शामिल न करने कोई भी बात कही गयी।

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दिल्ली-मेरठ सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में चीनी कंपनी का ठेका होगा रद्द

मोदी सरकार दिल्ली-मेरठ ​रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट में अंडरग्राउंड स्ट्रेच बनवा रही है। इसे बनाने के लिए चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (STEC) को 1100 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है। भारत चीन विवाद बढ़ने के बाद सरकार टेंडर को रद्द कर सकती है और चीनी कम्पनी से ठेका वापस ले सकती है।

इन देशों का मिला भारत को साथ:

भारत चीन को सैन्य और आर्थिक स्तर पर ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक तौर पर भी घेरने की तैयारी में है। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने मित्र देशों को चीन के साथ भारत के विवाद की जानकारी दी है। अमेरिका पहले ही चीन के खिलाफ आदेश पारित कर चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में भारत के समर्थन में उतरा ही है।

ताइवान जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है, भारत के समर्थन में आ गया है और चीन विरोधी गतिविधियां सोशल मीडिया पर वायरल कर रहा है।

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