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चीन ने दिखा दिया असली चेहराः पड़ोसियों से घेराबंदी कराने की दी धमकी

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प के बाद चीन धमकी की भाषा पर उतर आया है।

Roshni Khan
Published on: 18 Jun 2020 11:30 AM IST
चीन ने दिखा दिया असली चेहराः पड़ोसियों से घेराबंदी कराने की दी धमकी
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नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प के बाद चीन धमकी की भाषा पर उतर आया है। चीनी सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स का धमकी भरे अंदाज में कहना है कि अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ा तो भारत मुसीबत में फंस सकता है। अखबार के मुताबिक तनाव बढ़ने की स्थिति में भारत को चीन के अलावा पाकिस्तान और नेपाल की सेना का भी दबाव झेलना पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि इस धमकी के जरिए चीन भारत को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि तनाव बढ़ने की स्थिति में पाकिस्तान और नेपाल भी उसी का साथ देंगे।

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हिंसक झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण

उधर लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद हालात पूरी तरह तनावपूर्ण बने हुए हैं। दोनों देशों की सेनाओं की ओर से इलाके में जबर्दस्त मोर्चेबंदी की गई है। इस हिंसक झड़प में कर्नल सहित 20 सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद भारत ने भी कड़ा रुख अपना लिया है। झड़प में चीन के भी 43 सैन्य कर्मियों के मारे जाने की बात सामने आई है। वैसे चीन ने अभी तक अपने सैन्य कर्मियों के मारे जाने की बात को स्वीकार नहीं किया है।

पाकिस्तान और नेपाल चीन के सहयोगी

ग्लोबल टाइम्स को चीनी सरकार का मुखपत्र माना जाता है और इसमें प्रकाशित आर्टिकल को चीनी सरकार का नजरिया ही माना जाता है। हाल के दिनों में इस अखबार में कई ऐसे आर्टिकल प्रकाशित हुए हैं जिनमें भारत को धमकाने वाली बात कही गई है। अब इस अखबार में प्रकाशित एक नए आर्टिकल में कहा गया है कि भारत का चीन के अलावा पाकिस्तान और नेपाल से भी सीमा विवाद चल रहा है। पाकिस्तान और नेपाल को चीन का सहयोगी बताते हुए कहा गया कि दोनों देश चीन के वन बेल्ट रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस आर्टिकल को शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंस के रिसर्च फेलो हूं झियोंग ने लिखा है।

तीन मोर्चों पर बढ़ेगा सैन्य दबाव

ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि अगर भारत की ओर से नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ाने की कोई भी कार्रवाई की गई तो उसे तीन मोर्चों पर सैन्य दबाव का सामना करना पड़ेगा। अखबार का यह भी कहना है कि भारत की सेना के पास तीन मोर्चों पर दबाव झेलने की क्षमता नहीं है और ऐसे में भारत को करारी हार झेलनी पड़ेगी। अखबार की ओर से आरोप लगाया गया कि गलवान घाटी में हूई घटना के लिए भारतीय सेना जिम्मेदार है क्योंकि उसकी ओर से ही चीन की सेना को उकसाने वाली कार्रवाई की गई।

भारत घटना की जांच कराएं

ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित इस आर्टिकल में गलवान घाटी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत से कदम उठाने की मांग की गई है। अखबार के मुताबिक भारत के लिए चीन को कमजोर समझना नुकसानदेह साबित हो सकता है। गलवान घाटी में हुई घटना की जांच कराने की मांग करते हुए जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा देने की मांग भी की गई है। अखबार ने चीन के सैन्य विशेषज्ञ के हवाले से कहा है कि चीन ने अपने मारे गए या घायल सैनिकों के बारे में जानकारी काफी कुछ सोचकर नहीं दी है। इस विशेषज्ञ का कहना है कि चीन सरकार के इस कदम से तनाव और बढ़ सकता है और चीन ऐसा नहीं करना चाहता।

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चीन ने की उकसाने वाली कार्रवाई

अखबार के दावे के विपरीत सच्चाई यह है कि उकसाने वाली कार्रवाई चीनी सेना की ओर से ही की गई है। चीन अपने वादे के मुताबिक जब मोर्चे से पीछे नहीं हटा तो भारतीय सैन्य टुकड़ी इस बाबत पूछताछ करने गई थी मगर चीन की ओर से पहले ही हमले की साजिश रची जा चुकी थी। चीनी सेना की ओर से अचानक भारतीय टुकड़ी पर हमला किया गया जिसमें 20 सैन्य कर्मी शहीद हो गए। बाद में भारतीय सेना की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में काफी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए।

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