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जब दंग रह गई थी दुनिया कपिल का ये अवतार देखकर, तिनके सा उड़ा था ये देश

 आज का दिन (18 जून) भारतीय क्रिकेट में बदलाव के लिए सबसे बड़ा दिन हैं वैसे तो 1983 को जिस दिन भारत वर्ल्ड कप जीता था उस दिन को भारतीय क्रिकेट में बदलाव और ऊंचाईयों का साल मानते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इससे पहले भी एक दिन ऐसा था, जिसने टीम इंडिया की किस्मत बदलने में सबसे बड़ा योगदान दिया था।

suman
Published on: 18 Jun 2020 11:08 AM IST
जब दंग रह गई थी दुनिया कपिल का ये अवतार देखकर, तिनके सा उड़ा था ये देश
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नई दिल्ली :आज का दिन (18 जून) भारतीय क्रिकेट में बदलाव के लिए सबसे बड़ा दिन हैं वैसे तो 1983 को जिस दिन भारत वर्ल्ड कप जीता था उस दिन को भारतीय क्रिकेट में बदलाव और ऊंचाईयों का साल मानते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इससे पहले भी एक दिन ऐसा था, जिसने टीम इंडिया की किस्मत बदलने में सबसे बड़ा योगदान दिया था। वो दिन था 18 जून, 1983 का यानी आज से ठीक 27 साल पहले। उस वक्त तक जिंबाब्वे के खिलाफ कपिल देव ने 175* रन की पारी खेली थी, जिसने टीम इंडिया के लिए सबकुछ बदल दिया था।यह मैच उस वक्त इंटरनेशनल क्रिकेट की सबसे लंबी पारी थी। इस मैच का लाइव प्रसारण नहीं हुआ था।

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कुछ इस तरह था वो दिन ...

18 जून से पहले डंकन फ्लेचर के प्रदर्शन के कारण ऑस्ट्रेलिया को हरा चुकी जिम्बाब्वे की टीम ने भारत की शुरुआत खराब कर दी थी। सुनील गावस्कर और के. श्रीकांत की सलामी जोड़ी बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गई। विकेटों का गिरना जारी था। मोहिंदर अमरनाथ (5), संदीप पाटिल (1) और यशपाल शर्मा (9) ने सस्ते में विकेट गंवाए। यानी 17 रनों पर 5 विकेट खोकर भारतीय टीम मुश्किल में थी।

इतिहास बन गया

इसके बाद कप्तान कपिल देव ने रोजर बिन्नी (22) के साथ 60, मदन लाल (17) के साथ 62 और सैयद किरमानी (नाबाद 24) के साथ 126 रनों की नाबाद साझेदारी कर 60 ओवरों की पारी में भारत को 266/8 के स्कोर पर पहुंचा दिया। कपिल देव ने 138 गेंदों में नाबाद 175 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 16 चौके और 6 छक्के जड़े। जो इतिहास बन गया।

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इस वजह से लाइव नहीं हुआ

उस समय बीबीसी टेक्नीशियन हड़ताल पर थे, जिससे इस मैच का टीवी पर प्रसारण नहीं हो पाया था लेकिन कपिल देव की इस पारी का पूरा मजा टनब्रिज वेल्स में नेविल मैदान में मौजूद दर्शक ने उठाया था। कपिल की शतकीय पारी से भारत ने 266 रनों का स्कोर बनाया, जो जिम्बाब्वे के लिए काफी ज्यादा था। जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 235 (57 ओवर) रनों पर सिमट गई और भारत ने 31 रनों से जीत हासिल की।

कपिल देव नाम वनडे इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी रहा। इससे पहले न्यूजीलैंड के ग्लैन टर्नर ने 1975 में 171 रनों की नाबाद पारी खेली थी। कपिल के 175 रन उस समय वनडे क्रिकेट में दुनिया के किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़े स्कोर का नया रिकॉर्ड था। बाद में ये रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के विव रिचडर्स ने तोड़ा। कपिल का शतक टीम इंडिया के लिए भी पहला वनडे शतक था, जिसे सचिन तेंदुलकर विराट कोहली और रोहित शर्मा के शतकों के रिकॉर्ड है।



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