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Nariyal Ke Upay: शुभ काम में क्यों बनाई गई नारियल फोड़ने की परंपरा, आइये

Why Coconuts are used in Pooja: नारियल फोड़ने की परंपरा का प्रचलन शुभ कार्यों में दृढ़ता से बनाई गई है। यह परंपरा हिंदू धर्म में प्रमुखता से मान्यता प्राप्त है और विवाह, गृह प्रवेश, पूजा आदि शुभ अवसरों पर नारियल फोड़ना आवश्यक माना जाता है। यह क्रिया उस व्यक्ति द्वारा की जाती है

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Published on: 28 May 2023 1:11 AM IST
Nariyal Ke Upay: शुभ काम में क्यों बनाई गई नारियल फोड़ने की परंपरा, आइये
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Why Coconuts are used in Pooja (social media)

Why Coconuts are Used in Pooja: सनातन धर्म के ज्यादातर धार्मिक संस्कारों में नारियल का विशेष महत्व है। कोई भी व्यक्ति जब कोई नया काम शुरू करता है तो भगवान के सामने नारियल फोड़ता है। चाहे शादी हो, त्योहार हो या फिर कोई महत्वपूर्ण पूजा, पूजा की सामग्री में नारियल आवश्यक रूप से रहता है। नारियल को संस्कृत में श्रीफल के नाम से जाना जाता है।
विद्वानों के अनुसार यह फल बलि कर्म का प्रतीक है। बलि कर्म का अर्थ होता है उपहार या नैवेद्य की वस्तु। देवताओं को बलि देने का अर्थ है, उनके द्वारा की गई कृपा के प्रति आभार व्यक्त करना या उनकी कृपा का अंश के रूप मे देवता को अर्पित करना।

एक समय सनातन धर्म में मनुष्य और जानवरों की बलि सामान्य बात थी। तभी आदि शंकराचार्य ने इस अमानवीय परंपरा को तोड़ा और मनुष्य के स्थान पर नारियल चढ़ाने की शुरुआत की। नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है। नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से, कठोर कवच की तुलना मनुष्य की खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही, नारियल के गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है।

नारियल फोड़ने का यह है महत्व

नारियल फोड़ने का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है।



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