×

बसंत पंचमी के दिन पीला वस्त्र व पीला भोजन क्यों है जरूरी, जानिए इसके पीछे की वजह

हिन्दू धर्म में पीले रंग को शुभ माना गया है। पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। यह सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है। बसंत पंचमी के पर्व पर वैसे भी चटख पीला रंग उत्साह और विवेक का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ सफेद रंग से जुड़ी शांति भी शामिल हो जाती है।

suman
Published on: 27 Jan 2020 4:14 AM GMT
बसंत पंचमी के दिन पीला वस्त्र व पीला भोजन क्यों है जरूरी, जानिए इसके पीछे की वजह
X

जयपुर: हिन्दू धर्म में पीले रंग को शुभ माना गया है। पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। यह सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है। बसंत पंचमी के पर्व पर वैसे भी चटख पीला रंग उत्साह और विवेक का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ सफेद रंग से जुड़ी शांति भी शामिल हो जाती है। 29 जनवरी 2020 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाने की तैयारी का शुरू हो गई है। बसंत का अर्थ है बसंत और पंचमी का मतलब है पांचवा जिस दिन यह त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन होता है।

यह पढ़ें....अजीब फरमान: लिपस्टिक लगाकर न जाएं यूनिवर्सिटी, वरना मिलेगी सजा

कई समुदायों के बीच बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को बच्चों के पढ़ने और लिखने की शुरूआत के रूप में बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा कर प्रार्थना की जाती है। यह त्योहार बसंत ऋतु आने का सूचक है। इस मौके पर लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और स्वादिष्ट मौसमी व्यंजनों का मजा लेते हैं। कई लोग इस पर्व के अवसर पर पतंग उड़ाते है या अन्य खेल खेलते हैं।

पीले रंग का बहुत महत्व

बसंत पंचमी के समय पीला कपड़ा पहनने का रिवाज है। इस त्योहार पर पीले रंग का बहुत महत्व है, बसंत का रंग पीला होता है जिसे बसंती रंग के नाम से जाना जाता है। जोकि समृद्धि, ऊर्जा, प्रकाश और आशावाद का प्रतीक है। यही कारण है कि लोग इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और पीले रंग के व्यंजन बनाते हैं। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का खास महत्व है।

इस समय मौसम बहुत सुहावना हो जाता है। ना बहुत अधिक ठंड रहती है और ना ही गर्मी। इसके साथ-साथ फूल, पत्तियां, पौधे सब मुस्कुरा रहे होते हैं। खुशहाली अपना दामन फैलाए खड़ी होती है।

इस मौसम में सरसों की फसल लहलहा रही होती है और सरसों के फूलों से यह धरती पीली नजर आ रही होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सब लोग बसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े पहनते हैं और पहनना पसंद किया जाता है।

इसी दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है और पूजा में पीला वस्त्र शुभ माना जाता है इस कारण भी बसंत पंचमी वाले दिन लोग पीले कपड़े पहनते हैं।

सूर्य की तरह प्रखर

दरअसल, बसंत ऋतु में सरसों की फसल की वजह से धरती पीली नजर आती है। इसे ध्यान में रखकर इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर वसंत पंचमी का स्वागत करते हैं। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जो यह संदेश देता है कि हमें सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए।

यह पढ़ें....इस ब्लड ग्रुप की लड़की से करें प्यार, इनका दिल होता है साफ, जानिए अपना राज

उत्साह के संचार का संदेश

सभी ऋतुओं में बसंत ही ऐसी ऋतु है जिसमें सभी ऋतुओं की अपेक्षा धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। इस दौरान फसल पकती है। पेड़-पौधों में नई कोपलें फूटती हैं। बसंत को ऋतुओं का राजा कहा गया है। बसंत पंचमी यानी प्रकृति के उत्सव का दिन। मां सरस्वती की आराधना का यह पर्व मंद-शीतल वायु के प्रवाह, प्रकृति की पीली चुनरी के साथ नए उत्साह के संचार का संदेश लाता है।

खाने में भी पीले रंग की चीजें

बसंत पंचमी के दिन सिर्फ कपड़े ही , बल्कि खाने में भी पीले रंग की चीजें बनायी जाती हैं। इसमें पीले रंग के चावल, पीली पूरियां, पीले लड्डू और केसर की खीर शामिल है। एक शोध के अनुसार, पीले रंग के कपड़े पहने से दिमाग का सोचने समझने वाला हिस्सा अधिक सक्रिय हो जाता है जो इंसान के अंदर उर्जा पैदा करता है। पीला रंग इंसान को खुशी और उमंग प्रदान करता है।

suman

suman

Next Story