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Religious Importance Of Coconut: स्त्रियों को नारियल क्यों नहीं फोड़ना चाहिए, जानें क्या है धार्मिक महत्व

Religious Importance Of Coconut: हमारे हिन्दू सनातन धर्म के हर पूजा में श्रीफल अर्थात नारियल का महत्वपूर्ण योगदान है, चाहे वह धर्म से संबंधित वैदिक कार्य हो या देविक कार्य कोई भी कार्य नारियल के बलिदान के बिना अधूरी मानी जाती है।

Kanchan Singh
Published on: 6 July 2023 4:05 PM IST (Updated on: 6 July 2023 4:06 PM IST)
Religious Importance Of Coconut: स्त्रियों को नारियल क्यों नहीं फोड़ना चाहिए, जानें क्या है धार्मिक महत्व
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पूजा में श्रीफल अर्थात नारियल का महत्व: Photo- Social Media

Religious Importance Of Coconut: स्त्रियों को पूजा से संबधित कार्यो में कभी भी नारियल नहीं फोड़ना चाहिए। आपने देखा होगा की अधिकत्तर शुभ कार्यो एवं धार्मिक संबंधित कार्यो में नारियल का प्रयोग किया जाता है। बिना नारियल के पूजा को अधूरा माना जाता है। नारियल से शारीरिक दुर्बलता भी दूर होती है।

नारियल को श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है । भगवान विष्णु जब पृथ्वी में प्रकट हुए तब स्वर्ग से वे अपने साथ तीन चीजे भी लाये। जिनमे पहली चीज़ थी माता लक्ष्मी, दूसरी चीज वे अपने साथ कामधेनु गाय लाये थे तथा तीसरी व आखरी चीज़ थी नारियल का वृक्ष।

श्रीफल में त्रिदेवों का वास होता है

क्योंकि यह भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का फल है । यही कारण है कि इसे श्रीफल के नाम से जाना जाता है। इसमें त्रिदेवो ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश का वास होता है। महादेव शिव को श्रीफल अर्थात नारियल अत्यन्त प्रिय है तथा श्रीफल में स्थित तीन नेत्र भगवान शिव के त्रिनेत्रों को प्रदर्शित करते है। देवी देवताओं को श्री फल चढ़ाने से धन संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।

हमारे हिन्दू सनातन धर्म के हर पूजा में श्रीफल अर्थात नारियल का महत्वपूर्ण योगदान है, चाहे वह धर्म से संबंधित वैदिक कार्य हो या देविक कार्य कोई भी कार्य नारियल के बलिदान के बिना अधूरी मानी जाती है।

स्त्रियों को नारियल नहीं फोड़ना चाहिए

परन्तु यह भी एक तथ्य है कि स्त्रियों के द्वारा नारियल को नहीं फोड़ा जा सकता क्योंकि श्रीफल अर्थात नारियल एक बीज फल है, जो उत्पादन या प्रजनन का कारक है। श्रीफल प्रजनन क्षमता से जोड़ा गया है। स्त्रियाँ बीज रूप में ही शिशु को जन्म देती है । यही कारण है कि स्त्रियों को बीज रूपी नारियल को नहीं फोड़ना चाहिए।

ऐसा करना शास्त्रों में अशुभ माना गया है। देवी देवताओ की पूजा साधना आदि के बाद केवल पुरुषों द्वारा ही नारियल को फोड़ा जा सकता है। शनि की शांति हेतु भी नारियल के जल से महादेव शिव का रुद्राभिषेक करने का शास्त्रीय प्रावधान है। हमारे सनातन धर्म के अनुसार श्रीफल शुभ, समृद्धि, शांति तथा उन्नति का सूचक माना जाता है॥ किसी व्यक्ति को सम्मान देने के लिए भी शाल के श्रीफल को लपेट कर दिया जाता है।

हमारे हिन्दू समाज में यह परम्परा युगों से अब तक लगातार चली आ रही है कि किसी भी शुभ कार्य अथवा रीति रिवाजो में श्री फल वितरण किया जाता है। जब विवाह सुनिश्चित हो जाए अथवा तिलक लगाने का कार्य हो तो भी श्रीफल भेट किया जाता है।

श्री फल को लेकर मान्यताएं

कन्या के विदाई के समय उसके पिता द्वारा अपनी पुत्री को धन के साथ श्रीफल दिया जाता है। श्री फल कैलोरी से भरपूर होता है, तथा इसकी तासीर ठंडी होती है। श्रीफल में अनेक पोषक तत्व विध्यमान होते है। श्रीफल के वृक्ष के तनों से जो रस निकलता ही उसे नीरा कहा जाता है । वह काफी लिज्जदार पेय माना जाता है।

शुक्रवार को महालक्ष्मी की पूजा में मंदिर में नारियल रखे तथा रात्रि के समय इस नारिया को अपने तिजोरी में डाल लें। अगली शुभ इस नारियल को निकालकर श्री गणेश के मंदिर में अर्पित कर दे। आप की धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान होगा तथा माता लक्ष्मी की कृपा आप पर होगी।

एकाक्षी नारियल के संबंध में कहा जाता है कि यह बहुत ही दुर्लभ नारियल होता है। अधिकत्तर जटाओं वाले नारियल में दो या तीन छिद्र दिखाई देते है । परन्तु एकाक्षी नारियल में केवल एक ही छिद्र होता है।

नारियल बहुत ही चमत्कारी होता

इस नारियल के बारे में बताया गया है कि यह बहुत ही चमत्कारी होता है। इसको घर में रखने से महालक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य को कभी भी धन से संबंधित समस्याओं का समाना नहीं करना पड़ता।

बाहर से सख्त और अन्दर से नरम

नारियल बाहर से सख्त होता है परन्तु अंदर से यह नरम होता है। अतः हमें भी नारियल से सीख लेनी चाहिए तथा इसी की तरह बाहर से कठोर होते हुए भी अंदर से नरम रहना चाहिए।



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Kanchan Singh

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