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मुस्लिम देश में रहस्यमयी शिवमंदिर, जानें इसके बारे में, सनातन धर्म की झलक यहां
यह विशाल मंदिर अपनी भव्यता के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा है। यहां पर रोज बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और भगवान शिव से संबंधी सभी त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाए जाते हैं।
लखनऊ: दक्षिण पूर्व एशिया के देश वियतनाम में खुदाई के दौरान बलुआ पत्थर का एक शिवलिंग मिलना न केवल पुरातात्विक शोध की दृष्टि से एक अद्भुत घटना है, बल्कि भारत के सनातन धर्म की सनातनता और उसकी व्यापकता का भी एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। यह शिवलिंग 9वीं शताब्दी का है। जिस परिसर में यह शिवलिंग मिला है, पहले भी यहां भगवान राम और सीता की अनेक मूर्तियां और शिवलिंग मिल चुके हैं।
धर्म इस्लाम है और संस्कृति में रामायण
आधुनिक इतिहासकार भारत की सनातन संस्कृति को लेकर जो भी दावे करें, इसकी सनातनता और लगभग सम्पूर्ण विश्व में इसके फैले होने के प्रमाण सामने आते रहते हैं । ऐसा ही एक प्रमाण है इंडोनेशिया का शिव मंदिर ।यह सर्वविदित है कि इंडोनेशिया विश्व का ऐसा देश है जहां आज विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम आबादी है लेकिन इस मुस्लिम बहुल देश के लोगों का कहना है कि उनका धर्म इस्लाम है और संस्कृति में रामायण है।
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सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा
रामकथा इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है। इतना ही नहीं, यहां के एक द्वीप बाली में खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिरों के कुछ अंश भी मिले। इंडोनेशिया का यह स्थान कभी हिन्दू धर्म का केंद्र था और आज यही मंदिर बाली द्वीप की पहचान है। इंडोनेशिया के इस द्वीप पर हिंदुओं के कई प्राचीन मंदिरों के साथ एक गुफा मंदिर भी स्थित है, जिसमें तीन शिवलिंग बने हैं और यह भगवान शिव को समर्पित है। इसे 19 अक्तूबर 1995 को विश्व धरोहरों में शामिल कर लिया गया था।
विशाल समुद्र दिखता है ये मंदिर
यह मंदिर समुद्र से ७० मीटर की ऊंचाई पर एक बडे टीले पर यह मंदिर है । मंदिर के नीचे देखने पर तीनों ओर विशाल समुद्र दिखता है । यह मंदिर बाली के ७ सागर मंदिरों में से एक है । ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर निरर्थ नामक ऋषि ने रुद्र के लिए बनाया होगा । इसी स्थान पर निरर्थक ऋषि का निर्वाण हुआ। इसलिए इस स्थान पर प्रति वर्ष उनके लिए एक उत्सव मनाया जाता है । इस मंदिर के परिसर में अनेक बंदर हैं । यहां के बंदरों पर वैज्ञानिकों ने शोध किया गया और उन्होंने बताया है कि ये बंदर अन्य बंदरों से अलग हैं । इस मंदिर के पास प्रतिदिन सायं पर्यटकों के लिए स्थानीय पारंपारिक कचक नृत्य प्रस्तुत किया जाता है ।
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तनह लोट मंदिर,बाली
भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर इंडोनेशिया के बाली में एक विशाल समुद्री चट्टान पर बना हुआ है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर16वीं में निर्मित बताया जाता है। यह मंदिर अपनी खूबसूरती के कारण इंडोनेशिया के मुख्य आकर्षणों में से एक माना जाता है। यह मंदिर बाली द्वीप के हिन्दुओं की आस्था का बड़ा केंद्र हैं।
पुरा तमन सरस्वती मंदिर, बाली
देवी सरस्वती को समर्पित यह मंदिर बाली के उबुद में है। देवी सरस्वती को हिन्दू धर्म में विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी माना जाता हैं, इसलिए यहां पर भी देवी सरस्वती की पूजी ज्ञान और विद्या की देवी के रूप में ही की जाती है। यहां पर एक सुन्दर कुंड भी बना है, जो इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। यहां हर रोज संगीत के कार्यक्रम होते हैं।
पुरा बेसकिह मंदिर, बाली
बाली द्वीप के माउंट अगुंग में स्थित यह मंदिर प्रकृति की गोद में बसा इंडोनेशिया का सबसे सुन्दर मंदिर है। यह बाली का सबसे बड़ा और पवित्र मंदिर भी है, जो बाली मंदिरों की श्रृंखला में शामिल किया गया है। 1995 में इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित कर दिया था। इस मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
सिंघसरी शिव मंदिर, जावा
13वीं शताब्दी में बना सिंघसरी मंदिर पूर्वी जावा के सिंगोसरी में बना हुआ है। यह विशाल मंदिर अपनी भव्यता के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा है। यहां पर रोज बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और भगवान शिव से संबंधी सभी त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाए जाते हैं।
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प्रम्बाननमंदिर, जावा
मध्य जावा में बना प्रम्बनन मंदिर इंडोनेशिया का सबसे बड़ा और विशाल हिंदू मंदिर है। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है। दुनिया भर के पर्यटकों के लिए प्रम्बनन मंदिर आकर्षण का केंद्र रहता है। इस मंदिर में त्रिदेवों के साथ ही उनके वाहनों के भी मंदिर बने हुए हैं।