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Electric Vehicle : EV ऑटोमेकर कंपनियां अपने ग्राहकों को एडिशनल चार्ज की गई कीमत का करेंगी रिफंड जारी

EV Charger Cost Refunding : हाल ही में, कुछ बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियां ने अपने ग्राहकों को एडिशनल चार्ज की गई कीमत का रिफंड करने की घोषणा की है। यह फैसला एवी ऑटोमोबाइल खरीदारों के लिए एक अच्छी खबर है

Jyotsna Singh
Published on: 5 May 2023 8:16 PM IST
Electric Vehicle : EV ऑटोमेकर कंपनियां अपने ग्राहकों को एडिशनल चार्ज की गई कीमत का करेंगी रिफंड जारी
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EV Charger Cost Refunding : ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बड़े बदलाव के तहत पर्यावरण प्रदूषण जैसी विकट समस्या से निपटने के लिए BS6 जैसे नॉर्म्स को लागू करने के साथ ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने का काम एक वृहद स्तर पर किया गया। जिसके लिए FAME स्कीम को धरातल पर लाया गया था। सरकार को इस स्कीम के जरिए देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलन को बढ़ावा देने में निश्चित ही एक बड़ी सफलता को हासिल किया है। जिसमें फेम स्कीम का काफी बड़ा योगदान है।

इलेक्ट्रिक वाहनों की जबरदस्त मांग के परिणाम स्वरूप सरकार ने Fame स्कीम की सफलता को देखते हुए बिना देर किए ही इस स्कीम का दूसरा फेज यानी FAME II स्कीम को भी लॉन्च कर दिया। हालांकि सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑन रोड लाने का लक्ष्य अब पूरा होने को है। इस वित्त वर्ष के बाद इस स्कीम का लाभ मिलना बंद हो सकता है। क्या इसकी वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, इसका जवाब अभी स्कीम के पूरी तरह से बंद होने के बाद ही दिया जा सकता है। इसी के साथ EV ऑटोमेकर कंपनियों ने अपने ग्राहकों से चार्ज की गई एडिशनल कीमत को रिफंड करने की भी योजना को जारी करने की प्रक्रिया पर काम करना शुरू कर दिया है।

FAME-II सब्सिडी क्या है?

FAME -IIसरकार ने 2019 में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडॉप्शन ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME) योजना को मंजूरी दी थी। FAME-II सब्सिडी योजना के अंतर्गत आरंभ में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी प्रति kWh पर 10000 रुपये की सब्सिडी दी जाती थी। बाद में जून 2021 में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए यह सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया।

कुछ कंपनियां कर रहीं थीं लंबा खेल

सब्सिडी लाभ लेने के लिए इंडियन फर्म से 50 फीसदी कंपोनेंट्स और पार्ट्स लेना जरूरी है। वहीं, कुछ कंपनियां छूट पाने के लिए चार्जर और सॉफ्टवेयर को स्कूटर से अलग करके बेच रहीं हैं यानी चार्जर और सॉफ्टवेयर की कीमत स्कूटर की कीमत में नहीं जोड़ी गई, जिससे स्कूटर की कीमत 1.50 लाख रुपये से कम हो जाए। इन सभी गड़बड़ियों की वजह से सरकार द्वारा कई कंपनियों की सब्सिडी को रोक दिया है। फेज 2 के तहत सरकार ने 12 कंपनियों ने गड़बड़ी की वजह से लगभग 1,100 करोड़ की सब्सिडी रोक दी है।

इसकी वजह इलेक्ट्रिक स्कूटर के दाम बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। अब सरकार ने इन कंपनियों से सब्सिडी का पैसा रिकवर करने का प्लान बनाया है। दरअसल, पिछले साल से ही सरकार ने फेम 2 सब्सिडी की स्क्रूटनी पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। कई कंपनियों ने गलत तरीके से विदेशों से कंपोनेंट इंपोर्ट किए, जबकि इन्हें भारत में बने कंपोनेंट्स के तौर पर दर्शाया गया। ज्यादातर कंपनियां चीन से इंपोर्ट किए सामान पर निर्भर रहीं। वहीं मीडिया रिपोर्ट द्वारा ऐसी भी जानकारी सामने आ रही है कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा जैसी कंपनियों ने अपने स्कूटर की कीमत को जानबूझकर कम किया, ताकि सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके।

सख्ती के बाद अब कंपनियां कर रहीं पैसा रिफंड

इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बीते कुछ समय में देश भर में तेजी से बढ़ने के साथ ही सरकार द्वारा कुछ नियम शर्तों के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल पर छूट का भी लाभ ग्राहकों को दिया जा रहा है। जिसमें 150 लाख की कीमत के व्हीकल्स पर सरकार खास छूट का ऑफर दे रही थी। जिसमें कुछ कंपनियों ने चालाकी से बैटरी और चार्जर की कीमत को स्कूटर से अलग करके ग्राहकों को बेचा साथ ही सरकार द्वारा दी जा रही छूट का भी लाभ खुद उठाया। सरकार द्वारा इन कंपनियों पर सख्ती के बाद अब गलत तरीके से ग्राहकों से इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री से कमाई गई राशि को अब वापस करेगी।

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने वाले मालिकों के लिए यह एक राहत की बात ही सकती है। ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया ऑटोमेकर कंपनियां ओला, इलेक्ट्रिक, हीरो मोटोकॉर्प, एथर एनर्जी और टीवीएस मोटर कंपनी, ईवी आदि ये सभी कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ गलत तरीके से ऑफ-बोर्ड चार्जर के लिए अलग से ग्राहकों से बिल चार्ज कर रहीं थीं। अब भारत सरकार की सख्ती से बिल किए गए अमाउंट को रिफंड यानी कि वापस करने की योजना इलेक्ट्रिक व्हीकल ऑटोमेकर कंपनियां बना रहीं हैं। सरकार की सख्ती के बाद कई EV ऑटोमेकर कंपनियों ने अपने ग्राहकों को रिफंड जारी करने की अपनी सहमति भी जता दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा मिली जानकारियों के आधार पर कंपनियों द्वारा यह राशि लगभग ₹288 करोड़ रुपये के करीब हो सकती हैं। ये भी कहा गया है कि ये रिफंड योग्य ग्राहकों को ही दिया जाएगा। हालांकि कंपनी न रिफंड किए जाने वाले अमाउंट के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार ओला ग्राहकों को एक बड़ी राशि के तौर पर 130 करोड़ रुपये रिफंड करेगी।



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