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Maruti Suzuki Cars Variants: क्या बायोगैस से दौड़ेंगी मारूति की कारें? सस्ते, सुरक्षित और बेहतर व्हीकल का कंपनी कर रही दावा जाने इनसे जुड़े कुछ फैक्ट
Maruti Suzuki Cars Variants: देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी ने बायोगैस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके वाहनों को चलाने का प्रयास शुरू किया है। उन्होंने बताया है कि वे सस्ती, सुरक्षित और बेहतर वाहन विकसित करने के लिए बायोगैस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
Maruti Suzuki Cars Variants: पर्यावरण संरक्षण के साथ ही साथ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अब ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए फ्यूल ऑप्शन्स खोजे जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक और सीएनजी के बाद अब मारुति ने अपने एक नए प्रयोग से ऑटोमोबिल मार्केट में तहलका मचा दिया। इस बात की घोंषणा करके कि उसकी कारें अब बायोगैस से दौड़ेंगे। मशहूर वाहन निर्माता कंपनी Maruti Suzuki की मूल कंपनी Suzuki Motor Corporation ने कॉर्बन डॉइऑक्साइड उत्सर्जन की समस्या से निजात पाने के लिए और पर्यावरण संरक्षण के लिए ईंधन के नए विकल्पों की खोज पर काम कर रही है। इस आइए ऑटोमेकर कंपनी मारूति के बायोगैस प्रोजेक्ट से जुड़े डिटेल्स पर डालते हैं एक नजर...
जापान की कंपनी पहले से कर रही बिजली उत्पादन में बायोगैस का प्रयोग
बता दें कि जापान की कंपनी Fujisan Asagiri Biomass LLC गाय के गोबर के इस्तेमाल से बायोगैस का प्रयोग कर बिजली पैदा करती है। इसी कड़ी में मारूति कंपनी ईंधन के विकल्प में बायोगैस के उत्पादन के लिए गोबर के प्रयोग में लाए जाने की योजना पर तेज़ी से काम कर रही है। मारूति कंपनी का यह कदम ईंधन विकल्पों के भविष्यगामी विकास की ओर एक महत्वपूर्ण भूमिका है। मिली जानकारी के अनुसार बायोगैस का उपयोग सीएनजी कारों को चलाने के लिए किया जा सकता है। मारुति सुजुकी ने अपने बायोगैस के प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार के कुछ उपक्रमों से भी साझेदारी के साथ आगे बढ़ रही है। इस दिशा में कंपनी को तेज़ी से सफलता मिलती जा रही है।जिसके फलस्वरूप मारूति कंपनी द्वारा भारत सरकार की एजेंसी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और एशिया की सबसे बड़ी डेयरी निर्माता बनास डेयरी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। बायोगैस उत्सर्जन से ईंधन के क्षेत्र में अगर सफलता मिलती है तो निश्चित ही कैटल फार्मिंग की दिशा में रोजगार के साथ ही साथ गोबर की खपत बढ़ने से आवारा मवेशियों की समस्या में भी जरूर सुधार होगा।
बायोगैस व्हीकल होंगे ज्यादा सुरक्षित और किफायती
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का कहना है कि बायोगैस की कारें पर्यावरण के लिए बेहद अनुकूल होने के साथ सीएनजी और एलपीजी कारों के मुकाबले काफी सुरक्षित होंगी। बायोगैस में आग लगने का खतरा काफी कम होता है। एलपीजी कारों के साथ आने वाली गैस की गंध की समस्या भी इन कारों में नहीं होगी। किफायत की बात करें तो बायोगैस से कार चलाना सस्ता होगा, क्योंकि उत्पादन क्षमता अधिक होने के चलते ये गैस सस्ती होगी और कंबशन रेट बेहतर होने से इससे चलने वाली कारें माइलेज भी अच्छा देने में कहीं ज्यादा सक्षम होंगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फिलहाल मारूति कंपनी के इस प्रोजेक्ट के पूरी तरह से धरातल पर आ जाने के बाद ही बायोगैस से चलने वाली गाड़ियों के सफल भविष्य के साथ ही साथ इससे जुड़े फायदे और असुविधाओं के साथ किसी भी तरह की खामियों पर बात की जा सकेगी। लेकिन ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स के बायोगैस प्रोजेक्ट पर कयासों के अनुरूप ठंडे इलाकों में बायोगैस की कार में दिक्कतें आ सकती हैं। इस गैस में नमी होने चलते ठंड में इंजन बंद पड़ जाने की समस्या बढ़ जाएगी। अनुमान के अनुसार बायोगैस चलित गाड़ियों में नमी की वजह से स्टार्टिंग और मिसिंग में दिक्कत आ सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है की बायोगैस के साथ पेट्रोल इंजेक्टर्स के डिज़ाइन में भी बदलाव करना पड़ सकता है। सुजुकी मोटर्स कॉर्पोरेशन का कहना है कि उत्सर्जन की चुनौती से निपटने के लिए सुजुकी की इस अनूठी पहल बायोगैस व्यवसाय के जरिए गाय के गोबर से बायोगैस का उत्पादन कर इस ईंधन आपूर्ति की जाएगी।
वहीं बायोगैस से कार चलाने पर असफल प्रयोग पहले भी किए जा चुके हैं। बिना रिसर्च और गहरी जांच परख के ये प्रयास बहुत छोटे स्तर पर किए गए हैं। यही वजह थी कि पूर्व में किए गए ये प्रयोग असफल साबित हुए। दिग्गज ऑटोमेकर मारूति कंपनी द्वारा इस प्लान को सक्सेस करने के लिए काफी बड़े बदलाव किए गए हैं। निश्चित ही यह प्रयोग ईंधन के नए विकल्प के तौर पर सफल साबित होगा।