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Rolls Royce: रॉल्स रॉयस राजा-महाराजाओं की शाही सवारी में रही शुमार, मजबूती और खूबियों में इसका कोई जोड़ीदार नहीं

Rolls Royce Accident Safety: रॉल्स रायस जैसी सुपर लग्जरी कार की टक्कर से लोहा लाट टैंकर का पलट जाना वाकई हैरत भरी बात है। इस खबर को सुनने के बाद हर कोई इस कार के कसीदे गढ़ रहा है।

Jyotsna Singh
Published on: 26 Aug 2023 5:07 AM GMT
Rolls Royce: रॉल्स रॉयस राजा-महाराजाओं की शाही सवारी में रही शुमार, मजबूती और खूबियों में इसका कोई जोड़ीदार नहीं
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Rolls Royce Accident Safety (photo: social media )

Rolls Royce Accident Safety: करोड़ों रुपए में बिकने वाली कार रॉल्स रॉयस के शाही अंदाज के बारे आपने पहले भी बहुत कुछ सुना होगा । लेकिन आज कल एक दुर्घटना के घटने बाद से ये गाड़ी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। हर‍ियाणा के नूंह में मंगलवार को एक हादसे में द‍िल्‍ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक डीजल टैंकर ने रॉल्स रायस कार में टक्कर मार दी। इससे टैंकर पलट गया, जबकि रॉल्स रायस में आग लग गई।टैंकर के चालक और क्लीनर की मौके पर ही मौत हो गई।

कैसे हुआ इतनी माँगी कार से एक्सीडेंट

रॉल्स रायस में बैठी एक महिला सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें इलाज के लिए गुड़गांव के मेदांता अस्पताल ले जाया गया है। रॉल्स रायस जैसी सुपर लग्जरी कार की टक्कर से लोहा लाट टैंकर का पलट जाना वाकई हैरत भरी बात है। इस खबर को सुनने के बाद हर कोई इस कार के कसीदे गढ़ रहा है। पुलिस मामले की जांच में पता चला है कि गलत साइड पर टैंकर चल रहा था।

कभी सोचा है कि क्यों करोड़ों रुपए की कीमत में बिकने वाली रॉल्स रॉयस कार की आखिर क्या ऐसी खूबियां है, कि करोड़ों रुपए की इसकी कीमत होने के बावजूद भी लोग इसके पीछे दीवाने हैं।

लोग इस कार पर सवारी करना बेहद शान की बात समझते हैं। रॉल्स-रॉयस एक ब्रिटिश लग्ज़री ऑटोमोबिल कंपनी है, जिसका स्वामित्व बीएमडब्ल्यू एजी के पास है। रॉल्स-रॉयस की स्थापना चार्ल्स रॉल्स और हेनरी रॉयस ने साल 1904 में की थी। इसकी सबसे सस्ती कार रैथभी 5 करोड़ की है। जिस पल यह कार सड़क से गुजरती है, आस-पास के लोगों की निगाहें बस इस पर ही टिक जाती हैं। जब तक कि आंखों के सामने से ओझल ना हो जाए। आइए जानते हैं इस लग्ज़री कार के पीछे का छिपा राज और खूबियों के बारे में-

रॉल्स रॉयस कार के टायर भी होते हैं बेहद खास

रॉल्स रॉयस कार जैसे अपने लुक में बेहद रॉयल नजर आती है वैसे ही इस कार से जुड़े एक- एक फीचर्स अपने आप में बेहद खास खूबियों से लैस हैं। यहां हम अगर बात करें इस लग्ज़री कार के टायर की तो वे भी आम तौर पर गाड़ियों में शामिल किए जाने वाले टायरों से बिलकुल अलग हैं। रॉल्स रॉयस कार में शामिल टॉयरों में स्पेशल फोम भरा जाता है, ताकि सड़क पर चलते वक्त बेहद शांत भाव से चलें उनमें ज्यादा आवाज न हो।रॉल्स रॉयस कार के टायरों को साउंड प्रॉफ बनाने के लिए खास तरह से डिजाइन किया गया है। इस डिजाइन का ही मैजिक है कि इस कार में 9 डेसिबल्स तक कम आवाज आती है। इस कार की ये खूबी जो कार को और भी ज्यादा रॉयल बनाती हैं।

ग्राहक अपने चुने हुए रंग को अपने नाम से रजिस्टर्ड भी करा सकते हैं

इस कार को खरीदने के बाद ग्राहक अपने चुने हुए रंग को अपने नाम से रजिस्टर्ड भी करा सकते हैं। अगर कोई और दूसरा ग्राहक अगर उसी रंग को लेना चाहता है तो उसे पुराने कार के मालिक की पहले परमिशन लेनी होगी। यही खूबियां ही इस कार के महंगे होने का कारण है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि रॉल्स रॉयस कार हजार या दो हजार नहीं बल्कि कुल 44 हजार रंगों में ऑटोमार्केट में बिक्री की जाती है।

यानी ग्राहक की पसंद के अनुसार कोई सा भी रंग इस शानदार गाड़ी में उपलब्ध पाया जा सकता है। इस लग्जरी कार को लोग अपने मनपसंद रंगों के अनुसार चुनकर अपना शौक पूरा कर सकते हैं, जबकि दूसरी कोई भी ऑटोमेकर कम्पनी अपने मॉडल के लिए कलर स्कीम में इतनी वैरायटी नहीं रखती।

इस कार को 23 बार करते है पेंट के कोट्स

किसी भी आम कार की तुलना में रॉल्स रॉयस कार पर 3-4 नहीं बल्कि 23 बार पेंट के कोट्स किए जाते हैं। इसके पीछे की वजह ये है कि पेंट के इतने सारे कोट्स इसकी बॉडी की लाइफ और लुक को सालों साल के के लिए लॉक कर देता है।

साथ ही ग्राहक को अगर अपनी इस कार पर कोई खास इफेक्ट्स चाहिए तो ग्राहक की मांग पर इस कार पर स्पेशल इफेक्ट्स भी दिए जाते हैं। इस कार पर मिलने वाला डिटेल वर्क को खुद एक व्यक्ति के द्वारा हैंड वर्क से ब्रश द्वारा क्रिएट किया जाता है।

साउंड प्रूफ होते हैं 300 पाउंड के इसके दरवाजे

रॉल्स रॉयस कार की सुपर स्ट्रॉन्ग बॉडी के साथ इसकी बिल्ट क्वालिटी की खूबियों की बात करें तो इस मामले में भी रॉल्स रॉयस कार का कोई सानी नहीं है। इस कार को बेहद शानदार और सुविधाजनक बनाने के लिए रॉल्स रॉयस कार के दरवाजों को 300 पाउंड के साउंड प्रूफ तकनीक के साथ निर्मित किया गया है। जो बाहर के शोर को अंदर नहीं आने से पूरी तरह सक्षम होता हैं। ये दरवाजे ऑटोमैटिक बटन ऑपरेटेड होते हैं उन्हें हैंडल्स से खीच कर नहीं खोलना पड़ता।

बेहद खास है इस कार का लोगो

रोल्स-रॉयस की कार के बोनट पर लगा इसका लोगो भी बेहद खास है। ये इस कंपनी का पारंपरिक लोगो 'स्पिरिट ऑफ एक्स्टसी' है। ये लोगो किसी लड़की की मूर्ति के आकार का 1911 से इसकी कारों में मिलता चला आ रहा है। इस लोगो के पीछे की खूबी है कि इसे ना तो कोई चुरा सकता है और ना ही तोड़ सकता है। अगर कोई कोशिश भी करता है, तो यह अपने आप बोनट के अंदर चला जाता है।

रोल्स रॉयस फैंटम इंजन

रोल्स रॉयस की सुपर लग्ज़री कार के यूं तो कई मॉडल मार्केट में मौजूद है जिनमें से इसके फैंटम मॉडल के अगर इंजन की बात करें तो यह कार केवल पेट्रोल इंजन के साथ ही आती है। इसमें 6.75-लीटर का इंजन, दो पावर ट्यूनिंग के साथ पेश किया जाता है। इसमें शामिल एक इंजन 5350 आरपीएम पर 453 बीएचपी की पावर और 3500 आरपीएम पर 750 बीएचपी का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम होता है वहीं इसमें शामिल इंजन दूसरा 563 बीएचपी की पावर और 900 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। इसकी टॉप स्पीड 250 किमी प्रतिघंटा है।

रोल्स-रॉयस प्राइस

रोल्स-रॉयस फैंटम की प्राइस 8.99 करोड़ से शुरू होकर 10.48 करोड़ तक जाती है। रोल्स-रॉयस फैंटम कुल 2 वेरिएंट्स में उपलब्ध है - फैंटम का बेस मॉडल सीरीज एलआई है और टॉप वेरिएंट रोल्स-रॉयस फैंटम एक्सटेंडेड व्हीलबेस की प्राइस ₹ 10.48 करोड़ है।

भारत में सबसे लोकप्रिय रोल्स-रॉयस कारें फैंटम 10.92 करोड़ रुपये, कलिनन 7.99 करोड़ रुपये और रेथ 5.75 करोड़ रुपये हैं।

कार की छत पर मिलते हैं टिमटिमाते हुए तारे

आप अगर अपनी कार को बेहद क्लासी लुक देकर डिजाइन करना चाहते हैं और एक आर्टिस्टिक टेक्सचर देना चाहते हैं तो आपके लिए ऐसी सुविधा भी इस कार के लिए मौजूद है। आपको जानकर हैरानी होगी। लेकिन कार की छत पर टिमटिमाते हुए तारे भी लग सकते हैं । जो आपको एक दिन खुले आसमान का फील देते हैं। रॉल्स रॉयस कार की डिजाइन को कस्टमर अपनी मर्जी के मुताबिक कस्टमाइज्ड करवा सकते हैं।

महाराजा जय सिंह ने रॉल्स रॉयस कारों का इस्तेमाल कूड़ा गाड़ी के तौर पर करने का दिया था आदेश

रोल्स रॉयस कारों का क्रेज आज से नहीं बल्कि भारत में राजा महाराजा के ऊपर भी हावी था। भारत में भी राजे महाराजा अपनी शान में इजाफा करने के लिए रोल्स रॉयस की सवारी करना फख्र की बात समझते थे। महाराजा जय सिंह के लिए कहा जाता है कि शहर भर का कूड़ा ढोने के लिए रोल्स रॉयस कारों का इस्तेमाल करने के लिए आदेश दिया था। ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि लंदन में रोल्स रॉयस के शोरूम में उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुंची थी।

असल में महाराजा जय सिंह लंदन शहर की खूबसूरती का लुत्फ उठा रहे थे। वो भी सामान्य वेशभूषा में। तभी उनकी नजर एक चमक दमक से लबरेज शोरूम में रोल्स रॉयस कार पर पड़ी। उन गाड़ियों को देखने के लिए वो शोरूम के अंदर जाना चाहते थे। वो इन कारों के नए मॉडल को खरीदना चाहते थे। लेकिन उनकी सामान्य वेशभूषा को देखकर उन्हें शोरूम के अंदर नहीं घुसने दिया गया। जिसके बाद महाराजा की भावना को बहुत धक्का लगा। उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया। जिसके बाद उन्होंने अपने इस अपमान का बदला लेने के लिए तय किया कि वो सात रोल्स रॉयस कारें खरीदेंगे। जब ये कारें जहाज से भारत पहुंचीं तो उन्होंने इसे अपने नगर पालिका को दान में दे दिया। जो अपमान का घूंट उन्होंने लंदन में शोरूम में पिया था उसका बदला लेने के लिए । उन्होंने नगर पालिका कर्मियों से कहा कि इन कारों का इस्तेमाल कूड़ा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों के तौर पर करें। आज भी इनमें से एक रोल्स रॉयस कूड़े के पास खड़ी है।

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