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Tata Motors : टाटा मोटर्स का वाहन स्क्रैपिंग प्रोजेक्ट का हुआ शुरू, हर साल 15,000 वाहनों को नष्ट करने की क्षमता
Vehicle Scrapping Facility : टाटा मोटर्स ने भारत में अपने वाहन स्क्रैपिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। यह प्रोजेक्ट संयुक्त राज्य अमेरिका के कार निर्माताओं के संस्थान अवार्ड और इंडियन अटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईएएमए) के साथ मिलकर चलाया जाएगा।
Tata Motors Vehicle Scrapping Facility : भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग आधुनिक तकनीकी सुविधाओं के साथ कदम ताल मिलाते हुए दिन ब दिन अब तरक्की का मार्ग तेज़ी से प्रशस्त कर रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य तकनीकी स्तर पर खुद को मजबूत पर आत्मनिर्भर बनकर स्वदेशी वाहनों के सभी सेगमेंट में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने है। जिस कड़ी में भारत का प्लान विजन 2047 के अंतर्गत ऑटोमोबाइल क्षेत्र की सभी निर्माण वैल्यू चेन में अगले 2025 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाना है। जिसके लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर में।
पर्यावरण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप स्वच्छ ऊर्जा वाहनों के निर्माण में बैटरी इलेक्ट्रिक, इथेनॉल, फ्लेक्स ईंधन, सीएनजी, बायो-सीएनजी, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन सहित सभी व्यवहारिक तकनीकों पर काम किया जाना इस योजना का अहम योगदान है। इसी के साथ पर्यावरण को स्वच्छ और संरक्षित करने के लिए वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार द्वारा लाई गई स्क्रैप नीति भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
ऑटोमोबिल घरेलू उद्योग ₹15 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अभी हाल ही में इस बात की घोषणा करी कि जल्द ही भारत ऑटोमोबाइल मैनुफेक्चरिंग हब के रूप में अपना परचम लहराते हुए नजर आ सकता है। जयपुर में टाटा मोटर की वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार भारत को वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है और आने वाले दिनों में भारत का घरेलू उद्योग करीब 15 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। सकल घरेलू उत्पाद में 7.1 प्रतिशत के साथ वर्तमान में ऑटोमोबाइल क्षेत्र लगभग 7.8 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे रहा है।
2025 तक 4 करोड़ रोजगार अवसरों से यह संख्या बढ़कर 5 करोड़ होने की उम्मीद
केंद्रीय मंत्री गडकरी के मुताबिक, भारतीय ऑटो क्षेत्र लगभग चार करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता आया है, वहीं इस दिशा में सरकार द्वारा स्क्रैप नीति की दिशा में प्रभावी कदम बढ़ाते हुए यह आंकड़ा 2025 तक बढ़कर पांच करोड़ होने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि भारत को नंबर एक वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए इसे 15 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने के लक्ष्य पर केंद्र सरकार द्वारा बहुत ही तेज़ी से काम हो रहा है।
स्क्रैपिंग से एक संगठित उद्योग स्थापित करने में मिलेगी मदद
टाटा मोटर की वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान समय में देशभर में सालाना 8 मिलियन टन स्क्रैप स्टील का आयात किया जाता है। इस तरह से लगभग 50-60 स्वदेशी स्क्रैपिंग केंद्र भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाले स्टील स्क्रैप के आयात की मांग को कम कर सकते हैं। स्क्रैपिंग से एक संगठित उद्योग स्थापित करने में मदद मिलेगी जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मिलेगा 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जीएसटी राजस्व का लाभ
गडकरी के बताया कि स्क्रैपिंग नीति से केंद्र सरकार को भी आर्थिक फायदा मिलने वाला है। नई कारों के लिए कच्चे माल की लागत में करीब तीस प्रतिशत की कमी आएगी। इस प्रोजेक्ट से प्राप्त होने वाली ऑटोमोटिव मांग से सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जीएसटी राजस्व का फायदा भी मिलेगा।
टाटा मोटर्स वाहन स्क्रैपिंग सुविधा से हर साल 15,000 वाहनों को नष्ट करने की क्षमता
बता दें रीसायकल सुविधा टाटा मोटर्स और गंगानगर वाहन उद्योग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शुरू की गई है और इसमें सभी ब्रांडों के यात्री और वाणिज्यिक वाहनों को नष्ट किया जा सकेगा। टाटा द्वारा शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट की मदद से केंद्र में हर साल 15,000 वाहनों को नष्ट किया जा सकेगा। जिससे पर्यावरण को संरक्षित करने भी एक बड़ी मदद मिलेगी।