TRENDING TAGS :
Banda News: 'जुग जुग जियो मोदी तोहे हमरी उमर लग जाए', पेयजल योजना को लेकर ग्रामीणों ने दिया PM को ये आशीर्वाद
Banda News: आजादी के बाद देश में क्या नहीं हुआ और अब क्या हो रहा है इसे समझने की जरूरत है। यह सब हुआ होता तो अक्सर अलापा जाने वाला विविधता का राग शायद भ्रमपूर्ण नहीं लगता।
Banda News: आजादी के बाद देश में क्या नहीं हुआ और अब क्या हो रहा है इसे समझने की जरूरत है। यह सब हुआ होता तो अक्सर अलापा जाने वाला विविधता का राग शायद भ्रमपूर्ण नहीं लगता। विविधता या विकल्प के नाम पर -कोक- के एवज में -पेप्सी- या -सेवन अप- है। बिसलेरी की जगह एक्वागार्ड है। लेकिन कुएं और बावड़ी के विकल्प नहीं हैं। आम आदमी के पास साफ पानी का विकल्प नहीं है। साफ स्वच्छ पानी नदी में या घर के नल में आने का विकल्प क्यों नहीं मुहैया कराया गया। लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार से क्यों वंचित रखा गया। लेकिन यह विकल्प अब जमीन पर उतर रहा है।
भौंरा तोरा पानी गजब कर जाय, गगरी न फूटे खसम मर जाए
जैसे गीतों से बूंद-बूंद पानी की व्यथा व्यक्त करती रहीं बुंदेली महिलाएं बहुत जल्द यदि -
गांवन घरन मा नलन से नदिया नीर चुचुआय, जुग जुग जियो मोदी तोहे हमरी उमर लग जाय-
जैसे गीत गुनगुनाती मिलें तो किसी को कोई ताज्जुब नहीं होना चाहिए।
उपरोक्त बातें उत्तर प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने न्यूज़ट्रैक से रविवार को खास बातचीत में कहीं।
देश का दुनिया में और यूपी का देश में बज रहा डंका
उन्होंने कहा केंद्र और प्रदेश सरकार के कामकाज से हर कोई वाकिफ है। देश का दुनिया में और यूपी का देश में डंका बज रहा है। चूंकि न्यूज़ट्रैक ने पूछा कि बीते 70 साल के दरम्यान देश में कुछ नहीं होने का शोर मचाया जा रहा है। इसे कैसे समझा जाए। मैं कहूंगा- इसे समझने के लिए हमारी एक योजना ही काफी है और फिलहाल मैं इसी पर केंद्रित रहूंगा। थोड़ी चुप्पी के बाद जलशक्ति राज्यमंत्री निषाद बोले- आजादी से सात दशक तक बड़ी आबादी को स्वच्छ पानी के लोकतांत्रिक अधिकार से मरहूम रखा गया। इसके लिए कोई काम ही नहीं हुआ। जो हुआ वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
आप को पता है कि 1972 में एशिया की सबसे बड़ी पेयजल योजना बुंदेलखंड के उसी पाठा इलाके में लागू हुई थी जहां पति की तुलना में पानी भरी गागर की सलामती के मन्नत गीतों की गूंज ने पूरे देश को झकझोरा। नतीजा क्या रहा। सरकारी धन की लूटखसोट के चलते पाठा पेयजल योजना सिरे से सफेद हाथी साबित हुई। पेयजल संकट जस का तस रहा। बूंद-बूंद पानी के लिए मीलों दूर जोहड़ों और जलकुंडों का सफर लोगों की मजबूरी बनी रही। मजबूरी का सर्वाधिक दंश महिलाओं के हिस्से आया। पुरुषों ने नदी पोखरों में पशुओं की प्यास बुझाने और बैलगाड़ियों में ड्रमों से पानी जुटाकर घरों के दैनिक निस्तार में योगदान किया। लेकिन स्वच्छ पेयजल जुटाने में नारीशक्ति चाहे अनचाहे थोपे गए दारुण संघर्ष से जूझने के लिए अभिशप्त रही। विडम्बना यह है कि यह सिलसिला दशकों तक रबर बना रहा।
योगी के नेतृत्व और स्वतंत्रदेव के निर्देशन में संकल्प सिद्धी की ओर
लेकिन यह सब अब भूली बिसरी दास्तां बन रहा है। जलशक्ति राज्यमंत्री निषाद आगे बोले- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर व्यक्ति को साफ स्वच्छ पानी के लोकतांत्रिक अधिकार से लैस करने का बीड़ा उठाया है। देशवासियों को हर घर नल से जल योजना का तोहफा दिया है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योजना को जमीन पर उतारने में जुटे हैं। ढिलाई पर योजना से जुड़े जिम्मेदारों के कान उमेठते हैं तो खरी भूमिका पर शाबाशी भी देते हैं। योगी जी के नेतृत्व और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के निर्देशन में योजना को तय समय में पूरा करने का संकल्प सिद्धी की ओर अग्रसर है। बुंदेलखंड इसकी बानगी है। जलशक्ति राज्यमंत्री निषाद ने कहा- शुद्ध जलापूर्ति का काउंट डाउन शुरू हो गया है। पाठा इलाके को समेटे चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के सभी जिलों में कमोवेश यही स्थिति है। योगी सरकार की प्राथमिकता में शामिल हर घर जल से नल योजना को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों ने कमर कसी हुई है। अनेक गांवों में जलापूर्ति शुरू भी हो गई है।
नमामि गंगे प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बांदा में दी काम को गति
सबसे बड़ी ग्रामीण पेयजल योजनाओं में शुमार बांदा की खटान एवं अमलीकौर ग्राम समूह पेयजल परियोजनाओं का काम अंतिम चरण में है। पूरा होने की कगार पर पहुंच चुका है। बहुत जल्द बड़ी ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा। बीते हफ्ते नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बांदा दौरे के दौरान ऐसे ही संकेत दिए। उन्होंने दोनों योजनाओं की समीक्षा के अलावा स्थलीय निरीक्षण भी किया। धीमे काम पर अधिकारियों को फटकार लगाई। निर्माण में गुणवत्ता से समझौता न करने की चेतावनी दी। प्रत्येक निर्माण साइट के इंटेकवेल, डब्ल्यूटीपी, सीडब्ल्यूआर, ओएचटी और पाइप लाइन की प्रगति जानी। रिपोर्टेड और सर्टिफाइड ग्रामों तथा सड़क निर्माण की रिपोर्ट तलब की। वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों और इंटेकवेल का जायजा लिया। सभी तैयारियां यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
बांदा जिले के 617 गांवों में हर घर पर नल से जल पहुंचाने की तैयारी
दोनों ग्राम समूह पेयजल परियोजनाएं नलकूप और सर्फेस वाटर आधारित हैं। अमलीकौर परियोजना में बांदा जिले की तीन तहसीलों बांदा सदर, पैलानी और बबेरू की 167 ग्राम पंचायतों के 243 गांव शामिल हैं। सर्फेस वाटर के तहत 106 एमएलडी की क्षमता का एक इंटेकवेल यमुना तट पर बन रहा है। 13 सीडब्यूआर और 50 टंकियों का निर्माण प्रगति पर है। 1887 किमी के सापेक्ष 1694 किमी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। 49642 नल कनेक्शन हो चुके हैं। 31 नलकूप और पंपहाउस तैयार हैं। 10829 कनेक्शनों जलापूर्ति शुरू भी हो गई है। जबकि खटान पेयजल योजना से बांदा जिले की बबेरू, अतर्रा और नरैनी तहसीलों में 237 ग्राम पंचायतों के 374 गांवों में जलापूर्ति होनी है।
हर घर नल जल योजना को मुकाम तक पहुंचाने में जुटीं बांदा डीएम दीपा रंजन
शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन भी जल जीवन मिशन अंतर्गत हर घर नल जल योजना को लेकर तत्परता बरत रहा है। जिलाधिकारी दीपा रंजन जिला पेयजल स्वच्छता समिति की बैठकें कर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे रही हैं। पेंच भी कस रही हैं। श्रीमती रंजन ने हर घर नल जल योजना को जल्द से जल्द मुकाम तक पहुंचाने की हिदायत के साथ ही मौजूदा जल वितरण प्रणाली के दुरुस्तीकरण पर जोर दिया है। उन्होंने पांच ग्राम समूह पेयजल योजनाओं के पुर्नगठन तथा तीन ग्रामीण पेयजल योजनाओं की रेस्ट्रोफिटिंग के निर्देश दिए हैं। कालिंजर दुर्ग पेयजल योजना एवं भूरागढ़ औद्योगिक क्षेत्र पेयजल योजना को स्टैंड पोस्ट आधारित रेस्ट्रोफिटिंग का डीपीआर भी तलब किया है।