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मेनिफेस्टो में ममता का बड़ा सियासी दांव,वोट बैंक में सेंधमारी रोकने की कोशिश
इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को आकर्षित करने के लिए क्रेडिट कार्ड लाने का भी बड़ा वादा किया है। उन्होंने हर साल रोजगार के पांच लाख मौके मुहैया कराने की भी घोषणा की है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की चुनावी जंग में भाजपा को जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा सियासी दांव चला है। मुख्यमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए दलितों को आकर्षित करने के लिए बड़ा एलान किया है। ममता ने एससी और एसटी को सालाना 12000 और गरीब लोगों को 6000 रुपए देने की बड़ी घोषणा की है।
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इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को आकर्षित करने के लिए क्रेडिट कार्ड लाने का भी बड़ा वादा किया है। उन्होंने हर साल रोजगार के पांच लाख मौके मुहैया कराने की भी घोषणा की है। सत्ता में आने पर ममता दिल्ली की तर्ज पर घर-घर राशन योजना भी लागू करेंगी।
वोट बैंक सहेजने की कोशिश
जानकारों का मानना है कि ममता ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के जरिए वोट बैंक सहेजने की कोशिश की है। ममता इस वोट बैंक में बीजेपी की सेंधमारी को रोकने की कोशिश में जुटी हुई हैं और इसी कारण उन्होंने घोषणा पत्र में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करके भाजपा को जवाब देने की कोशिश की है।
mamata-banerjee (PC: social media)
दो बार टाली गई तारीख
प्रमुख सियासी दलों में ममता बनर्जी ने सबसे पहले अपने पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। घोषणापत्र के मामले में भी उन्होंने 11 मार्च की तारीख तय की थी मगर नंदीग्राम में नामांकन के बाद ममता की चोटिल हो जाने के कारण घोषणापत्र जारी करने की तिथि टाल दी गई।
बाद में 14 मार्च की तिथि तय की गई थी मगर किन्ही कारणों से इस तारीख को भी टाल दिया गया। ममता बनर्जी ने बुधवार को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए पश्चिम बंगाल की जनता से बड़े-बड़े वादे किए हैं।
मां, माटी और मानुष का ध्यान
पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए ममता ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा लोगों को रोजगार मुहैया कराने को प्राथमिकता देती रही है। मेरे कार्यकाल के दौरान लोगों की आमदनी बढ़ी है और हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं।
उन्होंने अपने घोषणापत्र को मां, माटी और मानुष के लिए समर्पित बताया। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों में हमने हमेशा नौकरियां पैदा करने की कोशिश की हैं और किसानों की तकलीफ दूर करने का हमेशा प्रयास किया है। हम लोगों को गरीबी के दायरे से बाहर निकालने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
रोजगार पैदा करने पर जोर
ममता ने वादा किया है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने का मौका मिला तो उनकी सरकार हर साल रोजगार के पांच लाख मौके तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि हम पश्चिम बंगाल को देश की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
एससी-एसटी वर्ग के लिए बड़ी घोषणा
एससी-एसटी वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए ममता बनर्जी ने इस बार बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस वर्ग के लोगों को 1000 महीना देगी। इसके साथ ही 1.6 करोड़ गरीब परिवारों की महिला मुखिया को भी हर महीने 500 रुपए दिए जाएंगे।
बनर्जी ने विधवा महिलाओं को भी 1000 महीने की मदद देने की घोषणा की। ममता की इन घोषणाओं को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके जरिए उन्होंने एस-एसटी वर्ग को लुभाने की कोशिश की है। जानकारों का मानना है कि अगर ममता का यह दांव काम कर गया तो तृणमूल कांग्रेस को काफी सियासी ताकत मिल सकती है।
आवास योजना से केंद्र को जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीबों के लिए आवास योजना का जवाब देते हुए ममता बनर्जी भी आवास योजना लेकर मतदाताओं के सामने उतरी हैं। उन्होंने घोषणा की कि गांव में बांग्ला आवास योजना के तहत 25 लाख घर तैयार किए जाएंगे। इन आवासों के जरिए गरीबों की रहने की दिक्कतें दूर की जाएंगी। उन्होंने सभी घरों में 24 घंटे बिजली और 45 लाख परिवारों तक पाइपलाइन से पीने का पानी पहुंचाने की भी बड़ी घोषणा की।
किसानों के लिए भी ममता की योजना
ममता ने किसानों के लिए भी प्रधानमंत्री की योजना का जवाब देने की कोशिश की है। उन्होंने घोषणा की है कि कृषक बंधु योजना के जरिए 68 लाख छोटे किसानों को एक एकड़ जमीन पर 10000 रुपए की मदद दी जाएगी। उन्होंने हर ब्लाक में एक मॉडल आवासीय स्कूल और शिक्षा पर जीडीपी का 4 फ़ीसदी खर्च करने की भी घोषणा की।
पांच रुपए में खाना और युवाओं पर निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने स्टूडेंट्स को 4 फ़ीसदी ब्याज पर 10 लाख रुपए लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने का एलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने पांच रुपए में खाना और डेढ़ करोड़ परिवारों को घर-घर तक राशन पहुंचाने की योजना का भी खुलासा किया।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सभी 23 जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाने की भी घोषणा की।
BJP-TMC (PC: social media)
वादों को पूरा करने का दावा
ममता बनर्जी की इन बड़ी घोषणाओं का सियासी मतलब निकाला जा रहा है। इन घोषणाओं के दौरान ममता ने दावा किया कि हम वादे पर खरे उतरने वाले लोग हैं और हमने पहले भी जो वादे किए हैं उनको हमेशा पूरा किया है। उन्होंने जाति और धर्म से ऊपर उठकर लोगों के लिए काम करने का दावा भी किया। दरअसल इस बार के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को भाजपा से बड़ी सियासी जंग लड़नी पड़ रही है।
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ममता बनर्जी ने जिस वोट बैंक के दम पर 2011 और 2016 का विधानसभा चुनाव जीता था अब वे उस वोट बैंक को सहेजने की कोशिश में जुट गई हैं। वे अपने वोट बैंक में भाजपा की सेंधमारी रोकना चाहती हैं। अबे देखने वाली बात यह होगी कि उन बड़ी घोषणाओं के जरिए ममता अपने मकसद में कहां तक कामयाब हो पाती हैं।
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