नामांकन में जय श्रीराम: शुभेंदु ने दिखाई अपनी ताकत, जमकर उछला नारा

पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम सीट से नामांकन दाखिल करने से पहले शुभेंदु अधिकारी ने कई मंदिरों में दर्शन और पूजन किया। मंदिरों में मत्था टेककर बाहर आने पर उन्होंने कहा कि इस बड़ी चुनावी जंग में भगवान मेरे साथ है और मुझे इस जंग में जीत का पूरा भरोसा है।

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Published on: 12 March 2021 9:45 AM GMT
नामांकन में जय श्रीराम: शुभेंदु ने दिखाई अपनी ताकत, जमकर उछला नारा
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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सबसे हॉट सीट नंदीग्राम से शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के नामांकन के साथ सियासी गहमागहमी काफी तेज हो गई है।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सबसे हॉट सीट नंदीग्राम से शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के नामांकन के साथ सियासी गहमागहमी काफी तेज हो गई है। मंदिरों में मत्था टेकने और यज्ञ करने के बाद नामांकन करने पहुंचे शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को इस रणक्षेत्र से हराने का बड़ा दावा किया। दो केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी और धर्मेंद्र प्रधान के साथ नामांकन करने पहुंचे शुभेंदु ने पर्चा दाखिल करने से पहले भारी भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन भी किया।

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शुभेंदु के नामांकन एक नारा खूब उछलता रहा- बोले नंदीग्राम, जय श्रीराम, जय श्रीराम। स्मृति ईरानी ने भी अपने भाषण के दौरान इस नारे का खूब उद्घोष किया। इससे साफ है कि भाजपा नंदीग्राम के संग्राम में ममता को हराने के लिए हिंदू मतों की गोलबंदी में जुट गई है।

इस चुनावी जंग में भगवान मेरे साथ

नामांकन दाखिल करने से पहले शुभेंदु अधिकारी ने कई मंदिरों में दर्शन और पूजन किया। मंदिरों में मत्था टेककर बाहर आने पर उन्होंने कहा कि इस बड़ी चुनावी जंग में भगवान मेरे साथ है और मुझे इस जंग में जीत का पूरा भरोसा है।

नामांकन के लिए निकलने से पहले उन्होंने घर में भी पूजा की। शुभेंदु ने इस विधानसभा सीट से 2016 का विधानसभा चुनाव सहरसा 67 फ़ीसदी मत पाकर जीता था। हालांकि उस समय वे ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के उम्मीदवार थे।

MAMTA WEST BENGAL फोटो-सोशल मीडिया

सिर्फ दीदी व भतीजे को बोलने की आजादी

अब वे बिल्कुल बदले हुए सियासी हालात में इस रणक्षेत्र में उतर रहे हैं। इस बार चुनाव क्षेत्र में स्थितियां पूरी तरह बदली हुई हैं। टीएमसी से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले शुभेंदु अधिकारी इस बार ममता बनर्जी को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। नंदीग्राम से नामांकन भरने के बाद शुभेंदु ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया।

उन्होंने कहा कि टीएमसी में सिर्फ ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को ही बोलने की आजादी मिली हुई है। बाकी नेताओं की बात कभी नहीं सुनी जाती।

नंदीग्राम के संग्राम के विषय में उन्होंने कहा कि मुझे यहां कोई मुकाबला नहीं दिख रहा है और इस रण क्षेत्र में भाजपा की जीत निश्चित है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन तय है और यहां के लोगों ने अपना मन बना लिया है।

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नंदीग्राम के असली नायक शुभेंदु

Shubhendu Adhikari-2 फोटो-सोशल मीडिया

शुभेंदु के नामांकन के लिए नंदीग्राम पहुंचे केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा कि नंदीग्राम की असली लड़ाई शुभेंदु अधिकारी ने ही लड़ी है प्रधान ने कहा कि ममता बनर्जी ने अपने नामांकन के समय नंदीग्राम में लाठियां खाने की बात कही थी मगर उस लड़ाई में पहली लाठी शुभेंदु अधिकारी को ही लगी थी।

उन्होंने कहा कि दीदी तो कब कोलकाता में बैठी हुई थी। असली लड़ाई तो मैदान में शुभेंदु अधिकारी ही लड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम के लोगों को कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है। यहां के लोग सारी सच्चाई जानते हैं और यही कारण है कि नंदीग्राम के संग्राम में ममता की पराजय निश्चित है।

स्मृति ईरानी का टीएमसी पर बड़ा हमला

इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी टीएमसी पर हमला बोला। उन्होंने टीएमसी पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को यह समझना होगा कि क्या वह वह ऐसी बेटी को वोट देंगे जिसने दुर्गापूजा और सरस्वती पूजा को मंजूरी नहीं दी।

टीएमसी के राज में 80 साल की बुजुर्ग महिला भी सुरक्षित नहीं है। ममता बनर्जी को अब चंडी पाठ की याद आ रही है। उन्होंने भाजपा समर्थकों से कई बार जय श्रीराम के नारे लगवाए।

ध्रुवीकरण में जुटी भाजपा

ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से नामांकन के समय यहां के मतदाताओं को 70 और 30 की लड़ाई से सतर्क किया था। हालांकि उन्होंने भी हिंदू मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने मंदिरों में दर्शन करने के साथ ही चंडी पाठ भी किया।

अब शुभेंदु अधिकारी के नामांकन में भी जयश्री राम के नारे का जमकर उद्घोष हुआ। सियासी जानकारों का कहना है कि अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि जहां भाजपा हिंदू मतों की गोलबंदी में जुट गई है वहीं ममता भाजपा के सियासी दांव को तोड़कर मैदान मारने की कोशिश में जुटी हुई हैं।

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