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लाशों का ढेर बना म्यांमार: अत्याचार से चीखते-चिल्लाते लोग, खौफ में प्रदर्शनकारी

म्यांमार में बृहस्पतिवार को सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन कर रहे लगभग 10 और लोगों की जान ले ली। यहां बीती 1 फरवरी को तख्तापलट होन के बाद सैन्य शासन की शुरुआत हो गई, जिसपर लोग लगातार विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं।

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Published on: 12 March 2021 8:25 AM GMT
लाशों का ढेर बना म्यांमार: अत्याचार से चीखते-चिल्लाते लोग, खौफ में प्रदर्शनकारी
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म्यांमार में 1 फरवरी को तख्तापलट होन के बाद सैन्य शासन की शुरुआत हो गई, जिसपर लोग लगातार विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं।

मंडालय। म्यांमार में बृहस्पतिवार को सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन कर रहे लगभग 10 और लोगों की जान ले ली। यहां बीती 1 फरवरी को तख्तापलट होन के बाद सैन्य शासन की शुरुआत हो गई, जिसपर लोग लगातार विरोध प्रदर्शन जता रहे हैं। इस बारे में ऐसा माना जा रहा है कि तब से लेकर अब तक देश की सेना जुंटा के द्वारा 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों की जान ली जा चुकी है। ऐसे में देश की सैन्य सरकार लोगों के विरोध को दबाने के लिए उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रही है, साथ ही आंसू गैस के गोले दाग रही पानी की बौछारें मार रही है।

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प्रदर्शनकारियों पर हमले की निंदा

देश में तख्तापलट होने के वजह से लगातार प्रदर्शन और अब इसके खिलाफ सेना की कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चिंता की जा रही है। इसी कड़ी में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका प्रदर्शनकारियों पर हमले की निंदा करता है और अधिक हिंसा होने पर वह कार्रवाई करेगा।

Myanmar coup फोटो-सोशल मीडिया

आपको बता दें कि विरोध प्रदर्शनों को रोकने के नाम पर सेना ने देशभर में भीड़ पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की। ऐसे में प्रदर्शनकारियों पर सेना द्वारा इस कार्रवाई के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) ने अपील किया है कि इस पर रोक लगाया जाए। असल में एक स्वतंत्र UN एक्सपर्ट ने मानवता के खिलाफ बढ़ते अत्याचार का हवाला दिया।

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एक और गंभीर आरोप

इस दौरान सेना ने नेता आंग सान सू पर एक और गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही सेना का कहना है कि उन्होंने अवैध तरीके से 6 लाख डॉलर यानि लगभग 4 करोड़ 36 लाख रुपये और 11 किलो सोना जमा किया। तख्तापलट के बाद निर्वाचित सरकार को बेदखल कर सेना ने आंग सान सूकी व अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया था।

यहां तख्तापलट होने के बाद से देश के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं अब यहां के प्रत्येक सार्वजनिक इमारत के बाहर सैनिकों को तैनात कर दिया गया है। लगातार भारी संख्या में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में लेने के लिए देश की सेना जुंटा ने देश के बड़े शहरों अस्पतालों, विश्वविद्यालय परिसरों और मंदिरों के बाहर सैनिकों को तैनात कर रखा है।

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