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भयानक नजारा: मिनटों में डूबे सैंकड़ों गांव, मची भगदड़, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बांध टूटने से तिरहुत नहर का पानी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया। यहां दो प्रखंड मुरौल और सकरा के सौ से अधिक गांव टापू में तब्दील हो गए।

Shivani
Published on: 2 Aug 2020 10:37 PM IST
भयानक नजारा: मिनटों में डूबे सैंकड़ों गांव, मची भगदड़, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
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पटना: बिहार में बारिश से नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है। ज्यादातर जिलों में नदियों ने तबाही मचा रखी है। वहीं बाढ़ पीड़ितों को मदद की जगह पुलिस की लाठीचार्ज का सामना करना पड़ रहा है। मामला मुजफ्फरपुर का है, जहां तिरहुत नगर का बाँध टूट गया। जिसके कारण 100 से ज्यादा गाँव जलमग्न हो गए।

मुजफ्फरपुर में तिरहुत नहर बांध टूटा, जलमग्न हुए 100 से ज्यादा गांव

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बांध टूटने से तिरहुत नहर का पानी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया। यहां दो प्रखंड मुरौल और सकरा के सौ से अधिक गांव टापू में तब्दील हो गए। दरअसल बूढ़ी गंडक नदी से जुड़ा ये बांध पहले दस फिट तक टुटा, लेकिन पानी का ज्यादा था कि दोपहर होते होते करीब दो सौ फीट में बांध कट गया।

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ग्रामीण सड़कों पर, बेकाबू भीड़ में बवाल

नहर का पानी गावों में भरने लगा तो ग्रामीण सड़कों की तरफ भागे। इस दौरान दो गावों के बीच बवाल शुरू हो गया। सड़क पर लोगों की भीड़ बढ़ते और विवाद करते देख पुलिस ने काबू पाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस को हालात संभालने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं आक्रोशित भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया। इस दौरान कई ग्रामीणों के साथ कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।

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डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने दी हालात की जानकारी

मामले में डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मुरौल में जहां नहर का तटबंध टूटा है, वहां दो गांवों के लोग आपस में लड़ रहे थे। ग्रामीणों ने एक दूसरे पर पत्थराव शुरू कर दिया। हालात काबू करने के पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए लाठी चार्ज करने पर मजबूर होना पड़ा।

आरोप - प्रशासन ने बाँध को जेसीबी से तोड़ा

लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने बाँध को जेसीबी से तोड़ा है, इसे डीएम ने निराधार बताया। उन्होंने बताया कि महम्मदपुर कोठी गांव तटबंध टूटा था, इससे नहर के दूसरे तटबंध पर दबाव बढ़ गया। अगर दूसरा बाँध भी टूट जाता तो मुशहरी और शहरी क्षेत्र के कई इलाके पर बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता। इसलिए प्रशासन ने फैसला लिया कि जिस तरफ तटबंध टूटा है उसी तरफ पचास मीटर पहले तटबंध का कटाव किया जाए। लेकिन जेसीबी लगाने पर नजदीक के पुल में रिसाव होने लगा। इसके बाद तटबंध को काटने की योजना तुरंत रोक दी गई।

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