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बिहार चुनाव 2020: ऐसा पोलिंग बूथ, जहां पानी में तैरकर वोट देने जाएंगे मतदाता

यहां बता दें कि इस बार गोपालगंज में दो-दो बार बाढ़ ने अपना विकराल रूप लोगों को दिखाया। इसकी वजह से इस स्कूल के आस पास बस पानी ही पानी नजर आ रहा है।

Newstrack
Published on: 13 Oct 2020 12:25 PM GMT
बिहार चुनाव 2020: ऐसा पोलिंग बूथ, जहां पानी में तैरकर वोट देने जाएंगे मतदाता
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डीएम अरशद अजीज का कहना है कि हम लोग लगातार ऐसे कई बूथों की पहचान कर रहे है, जहां के लिए कम्युनिकेशन एक बड़ी समस्या है। जल्द ही इसका कोई हल तलाशा जायेगा।

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में इस बार 3 नवंबर को विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतदान होगा। वोटिंग से पहले ही ये पूरा इलाका इस बार नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

इसकी वजह है जिले में कई जगह आई बाढ़। दो-दो बार गोपालगंज में सारण तटबंध टूट चुका है। जिसकी वजह से बरौली, सिंधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड के कई इलाकों में अभी भी बाढ़ का पानी जमा हुआ है।

हर तरह बस पानी ही पानी नजर आ रहा है। इसी बीच एक ऐसा मतदान केंद्र है, जो पूरी तरह से पानी से घिरा हुआ है। चारों तरफ पानी भरे होने की वजह से यहां वोट देने आने वाले मतदाताओं को इस बार थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यहां पर बात बैकुंठपुर विधानसभा के मतदान केंद्र की हो रही है।

जहां पर बीते ढाई महीने से बाढ़ का पानी कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां पर जिस स्कूल को मतदान केंद्र बनाया गया है। वहां पर रोज शिक्षकों को पानी में से तैरकर आना पड़ता है।

Election मतदान की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

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पानी से घिरा हुआ है प्राइमरी गर्ल्स स्कूल शेरको

बता दें कि सिधवलिया प्रखंड के प्राइमरी गर्ल्स स्कूल बैकुंठपुर विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्र घोषित किया है। यह मतदान केंद्र संख्या 10 है, जहां पिछले दो बार से लगातार वोटिंग होती आई है।

स्कूल के शिक्षक तो परेशान हैं ही साथ ही में यहां के मतदाता भी इस बार चुनाव की वजह से परेशान हैं। लेकिन सबसे ज्यादा परेशान यहां के नेता हैं।

वही नेता जिन्हें चुनाव बीतने के बाद कभी भी इस इलाके के लोगों की परेशानियां नहीं दिखी। या यूं कहे कि चुनाव जीतने के बाद नेताओं ने इधर की ओर मुड़कर देखने की कोशिश ही नहीं की।

ऐसे में उनका परेशान होना वाजिब भी है। नेताओं को अब बस रात दिन एक ही बात की चिंता सताएं जा रही है कि आखिर उनके मतदाता कैसे मतदान केंद्र तक वोटिंग करने के लिए जायेंगे।

अगर कही पानी देखकर लोग वोटिंग का बहिष्कार कर दिए या वोट देने नहीं गये तो फिर क्या होगा? ऐसे ढेरों सवाल उनके दिमाग में अभी से घूम रहे हैं।

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Voters वोटर्स की फोटो(सोशल मीडिया)

दो बार बाढ़ ने दिखाया विकराल रूप

यहां बता दें कि इस बार गोपालगंज में दो-दो बार बाढ़ ने अपना विकराल रूप लोगों को दिखाया। इसकी वजह से इस स्कूल के आस पास बस पानी ही पानी नजर आ रहा है।

प्राइमरी गर्ल्स स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल उमेश कुमार ने बताया , कोरोना के चलते इस स्कूल को पहले से ही बंद कर दिया गया था।

लेकिन बाढ़ के कारण यहां के टीचर्स को पानी में तैरकर कई किलोमीटर दूर से आना पड़ता है। तब जाकर वे इस स्कूल पहुंच पाते हैं। अब तो उन्हें इसकी आदत सी हो गई है।

महिला शिक्षक भी परेशान

दुःख की बात ये कि यहां केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिला शिक्षिकाओं को भी खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तैनात सभी शिक्षिकाएं भी पानी में चलकर ही आती जाति है।

विधानसभा चुनाव में यहां मतदान केंद्र भी बनाया गया है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या है की यहां वोटर खड़े कहां होंगे। मतदान कर्मी कहां बैठकर वोटिंग संचालित कराएंगे।

क्या कहते है जिले के डीएम

इस पूरे मामले पर डीएम अरशद अजीज का कहना है कि हम लोग लगातार ऐसे कई बूथों की पहचान कर रहे है, जहां के लिए कम्युनिकेशन एक बड़ी समस्या है। जल्द ही इसका कोई हल तलाशा जायेगा।

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