बिहार विधानसभा चुनाव पर बड़ी खबर, LJP ने चुनाव आयोग से की ये मांग

विधानसभा चुनाव को बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। कोरोना वायरस को लेकर नीतीश सरकार की नाकामी को सभी राजनीतिक दल भुनाने में लगी हैं।

Newstrack
Published on: 31 July 2020 5:25 PM GMT
बिहार विधानसभा चुनाव पर बड़ी खबर, LJP ने चुनाव आयोग से की ये मांग
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पटना: विधानसभा चुनाव को बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। कोरोना वायरस को लेकर नीतीश सरकार की नाकामी को सभी राजनीतिक दल भुनाने में लगी हैं। सभी पार्टियां वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम कोशिश कर रही हैं।

अब इस बीच केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) नहीं चाहती कि अक्‍टूबर और नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव हो। इसको लेकर एलजेपी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इस पत्र में पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की अपील की है।

लोक जनशक्ति पार्टी के महासचिव अब्‍दुल खालिद ने चुनाव आयोग के सचिव एनटी भूटिया को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना संक्रमण बिहार में अब विकाराल रूप ले चुका है। विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि अक्‍टूबर-नवंबर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप चरम पर पहुंच सकता है।

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उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि ऐसे समय में, सभी की प्राथमिकता लोगों को कोरोना जैसी महामारी से बचाने की होनी चाहिए, ना कि चुनाव कराने की। एलजेपी ने पत्र में कहा है कि मौजूदा समय में पूरे सरकारी तंत्र का इस्‍तेमाल प्रदेश की स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को बेहतर के लिए ही किया जाना चाहिए।

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13 जिले बाढ़ से प्रभावित

अब्‍दुल खालिद ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कोरोना के साथ-साथ बिहार का एक बड़ा हिस्‍सा बाढ़ से भी प्रभावित है। उन्होंने कहा कि बिहार के 38 में से 13 जिले पूरी तरह से बाढ़ से ग्रस्‍त है। ऐसे में, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनाव कराना अत्‍यंत कठिन होगा।

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अब्‍दुल खालिद ने अपने पत्र में कहा है कि लोकतंत्र में निष्‍पक्ष चुनाव का होना जरूरी है, लेकिन इसके लिए एक बड़ी आबादी को खतरे में डालना सरासर अनुचित है। देश में लगभग 35 हजार से ज्‍याद लोगों की मृत्‍यु इस बीमारी की वजह से हो चुकी है। जबकि बिहार में 280 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में चुनाव कराना जानबूझकर लोगों को मौत के मुंह में धकेलने के समान होगा।

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