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चिराग का अब NDA में रहना मुश्किल, नीतीश की नाराजगी से बैकफुट पर भाजपा
चुनाव के दौरान चिराग ने खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। इसके साथ ही जदयू नेता करीब 40 सीटों पर पार्टी की हार के लिए चिराग को जिम्मेदार मानते हैं।
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में तमाम सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ने वाले लोजपा मुखिया चिराग पासवान को अभी तक एनडीए से बाहर न करने पर सियासी माहौल एक बार फिर गरमा गया है। एनडीए में चिराग के प्रति भाजपा से ज्यादा नाराजगी जदयू नेताओं में है।
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चुनाव के दौरान चिराग ने खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। इसके साथ ही जदयू नेता करीब 40 सीटों पर पार्टी की हार के लिए चिराग को जिम्मेदार मानते हैं। यही कारण है कि एनडीए की बैठक में चिराग को न्योता दिए जाने के बाद नीतीश कुमार और जदयू के अन्य वरिष्ठ नेताओं की त्योरियां चढ़ गईं।
इस मामले में नीतीश कुमार के सख्त एतराज जताए जाने के बाद आनन-फानन में भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करते हुए भूलवश न्योता दिए जाने की बात कही। भाजपा ने यह बात चिराग पासवान से भी कही है और अब वे एनडीए की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। नीतीश और जदयू के अन्य नेताओं के रुख से साफ है कि अब चिराग का एनडीए में बने रहना मुश्किल होगा।
नीतीश की नाराजगी से आमंत्रण रद्द
संसद के बजट सत्र की तैयारी के लिए एनडीए में शामिल दलों की बैठक में लोजपा मुखिया चिराग पासवान को भी आमंत्रित किया गया था। यह आमंत्रण केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की तरफ से भेजा गया था। चिराग को बुलाए जाने की खबर जैसे ही बिहार पहुंची तो इस पर नीतीश सहित जदयू के तमाम नेताओं ने गहरी आपत्ति जताई।
जदयू सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार की नाराजगी की खबर पता चलते ही भाजपा आलाकमान की ओर से चिराग पासवान को फोन करके जानकारी दी गई कि वे इस बैठक में आमंत्रित नहीं है। आलाकमान की ओर से उन्हें गलती से निमंत्रण भेजे जाने की जानकारी दी गई।
चिराग से इसलिए नाराज हैं नीतीश
बिहार में विधानसभा चुनाव के समय से ही चिराग पासवान के प्रति जदयू में काफी नाराजगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हालांकि सार्वजनिक तौर पर चिराग के बारे में कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं मगर मन ही मन में वे चिराग से काफी नाराज बताए जाते हैं।
जानकारों के मुताबिक विधानसभा चुनाव से पहले और चुनावों के दौरान चिराग पासवान ने लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोला था। उनका यह भी कहना था कि चुनाव के बाद वे किसी को भी मुख्यमंत्री बनाने को तैयार हैं मगर नीतीश को नहीं।
Bihar-Vidhansabha (PC: social media)
उनका आरोप था कि नीतीश बिहार की सत्ता पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं मगर उनके कार्यकाल के दौरान बिहार का रत्ती भर भी विकास नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव के समय से चिराग के प्रति नीतीश के मन में पैदा हुई नाराजगी अभी तक दूर नहीं हो सकी है।
चुनाव में जदयू को पहुंचाया भारी नुकसान
उधर जदयू के अन्य नेताओं में भी चिराग के प्रति काफी नाराजगी है। चिराग ने विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ लोजपा प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था और इस कारण जदयू को चुनावी नतीजों में कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा।
नतीजों से साफ है कि अगर लोजपा ने अपने प्रत्याशी ने लड़ाए होते तो जदयू को कई सीटों पर विजय हासिल हो सकती थी। इसे लेकर जदयू नेता चिराग से काफी नाराज हैं।
लोजपा का प्रदर्शन भी बेहद खराब
हालांकि चुनाव से पहले बड़े-बड़े दावे करने वाले चिराग पासवान भी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और उनका एक ही प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब हो सका। अब लोजपा के इस इकलौते विधायक राजकुमार सिंह के भी जदयू में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हाल में इस विधायक ने नीतीश कुमार से मुलाकात भी की है।
चिराग को बैठक में बुलाना उचित नहीं
चिराग पासवान के मुद्दे पर जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि हम यह मानकर चलते हैं कि चिराग पासवान अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। अगर उन्हें एनडीए के कार्यक्रमों में या फिर सरकार का हिस्सा बनाने की कोशिश की गई तो यह उचित नहीं होगा। हम लोग एनडीए में ऐसे तत्वों का विरोध करेंगे।
त्यागी ने कहा कि लोजपा ने चुनाव के दौरान एनडीए को काफी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे लोगों के लिए एनडीए में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बिहार में एनडीए को हराया और जिन्होंने पीएम मोदी तक की बात नहीं मानी, उनका फिर से एनडीए में आना ठीक नहीं होगा।
हम ने भी जताई लोजपा पर आपत्ति
एनडीए गठबंधन में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने भी लोजपा के मुद्दे पर आपत्ति जताई है। पार्टी नेता दानिश रिजवान ने कहा कि पीठ में छुरा भोंकने वाले को एनडीए की बैठक में बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा और हम सब इस फैसले से आहत हैं। लोजपा ने कई सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों को हराने का काम किया है और ऐसी पार्टी को अब एनडीए में रहने का हक नहीं है।
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भाजपा को जल्द उठाना होगा कदम
सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बिहार में एनडीए से अपनी अलग राह चुनने वाले चिराग पासवान को एनडीए से बाहर करने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। नीतीश की नाराजगी से साफ है कि उन्हें अब चिराग पासवान एनडीए में किसी भी सूरत में मंजूर नहीं हैं।
चिराग को एनडीए की बैठक में बुलाए जाने के बाद जदयू की ओर से जताई गई कड़ी आपत्ति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भाजपा को जल्द ही इस बाबत कदम उठाना होगा।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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