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अयोध्या समारोह पर बोले आरके श्रीवास्तव, भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण

अयोध्या में भूमि पूजन पर मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर की आधारशिला रखना सभी भारतीयों के लिए ऐतिहासिक और भावनात्मक दिन है।

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Published on: 5 Aug 2020 11:45 PM IST
अयोध्या समारोह पर बोले आरके श्रीवास्तव, भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण
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Mathematics Guru RK Srivastava

पटना: अयोध्या में भूमि पूजन पर मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर की आधारशिला रखना सभी भारतीयों के लिए ऐतिहासिक और भावनात्मक दिन है।

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उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि राम मंदिर सशक्त, संपन्न और सौहार्दपूर्ण राज्य के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा, जहां पर सभी को न्याय मिलेगा और कोई अलग-थलग नहीं होगा।

आरके श्रीवास्तव ने आज लालकृष्ण आडवाणी जी के संघर्षो को जो बचपन में सुना था उसका भी जिक्र किया। 90 के दशक में आडवाणी जी द्वारा हम सभी के आराध्या प्रभू श्री राम के मंदिर के स्थापना के लिये किया गया रथयात्रा एतिहासिक था। आपको बताते चले की इसी वर्ष 2020 के फरवरी में मैथेमैटिक्स गुरू के नाम से मशहूर आरके श्रीवास्तव ने पद्मविभूषण लालकृष्ण आडवाणी से उनके आवास पर शिष्टाचर शैक्षणिक मुलाकात किया। आरके श्रीवास्तव की टीम ने सुप्रिम कोर्ट का फैसला का स्वागत करते हुये अडवाणी के रथयात्रा और मंदिर निर्माण मे योगदान के लिये धन्यवाद के साथ आभार व्यक्त किया।

यह पल एतिहासिक हो गया

आरके श्रीवास्तव ने अडवाणी जी से मुलाकात को शेयर करते हुये कहा की एक छोटे से गाँव के शिक्षक के लिये घर का चाय पिलाना और मीठा खिलाना यह दर्शाता है की आडवाणी जी कितने महान व्यक्तित्व के हैं और समाज का आईना कहे जाने वाले शिक्षकों से कितना प्यार करते है। पद्मविभूषण से सम्मानित राष्ट्र गौरव देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मिलने मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव पहली बार जब उनके आवास पर गए थे। उस मुलाकात को यादगार बताते हुये आरके श्रीवास्तव ने कहा की उनके द्वारा दिये गये प्यार और आशीर्वाद को भुल नही सकता।

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आरके श्रीवास्तव को उज्ज्वल भविष्य के लिए दिया आशीर्वाद

उनसे घंटो शैक्षणिक बातचीत से बहुत कुछ सीखने को मिला। एक छोटे से गाँव के शिक्षक के लिये घर का चाय पिलाना और मीठा खिलाना यह दर्शाता है की आडवाणी जी कितने महान व्यक्तित्व के है और समाज का आईना कहे जाने वाले शिक्षको से कितना प्यार करते है। आरके श्रीवास्तव ने इस शिष्टाचार भेट के दौरान अपने शैक्षणिक कार्यशैली से उनको रुबरु कराया। लालकृष्ण आडवाणी ने आरके श्रीवास्तव को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद भी दिया।

आपको बताते चलें की आज राम मंदिर भूमि पूजन हुआ, हर कोई अपने अपने तरीके से लालकृष्ण आडवाणी को मंदिर निर्माण में उनके द्वारा चलाया गया रथयात्रा और आँदोलन के लिये याद कर रहा।

जीवन के कुछ सपने पूरा होने में बहुत समय लेते हैं

लालकृष्ण आडवाणी ने भी एक संदेश जारी करते हुए लिखा, 'जीवन के कुछ सपने पूरा होने में बहुत समय लेते हैं, लेकिन जब वो चरितार्थ होते हैं तो लगता है कि प्रतीक्षा सार्थक हुई है। ऐसा ही एक सपना जो मेरे हृदय के बहुत पास है अब पूरा हो रहा है।' अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमिपूजन आज हुआ। निश्चित ही, केवल मेरे लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए यह क्षण ऐतिहासिक और भावपूर्ण भी है।

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लालकृष्ण आडवाणी ने आगे लिखा, राम जन्मभूमि पर राम के भव्य मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी (BJP) का सपना रहा है और मिशन भी, मैं विनम्रता का अनुभव करता हूं कि नियति ने मुझे वर्ष 1900 में रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा का दायित्व प्रदान किया और इस यात्रा ने असंख्य लोगों की आकांक्षा, उर्जा और अभिलाषा को प्रेरित किया।

उन्होंने आगे लिखा, 'इस शुभ अवसर पर मैं उस सभी संतों, नेताओं और देश विदेश के जनमानस से प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान और बलिदान दिया है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए स्पष्ट निर्णय के स्वरूप राम मंदिर का निर्माण बहुत शांतिपूर्ण वातावरण में शुरू हो रहा है। यह भारतीयों के परस्पर संबंधों को मजबूत करने में बहुत सहायक होगा।'

श्रीराम का स्थान भारतीय संस्कृति के धरोहर में सर्वोच्च

उन्होंने कहा, 'श्रीराम का स्थान भारतीय संस्कृति और सभ्यता की धरोहर में सर्वोच्च हैं और वे विनीत, मर्यादा और शिष्टाचार के मूर्तरूप हैं। मेरा मानना है कि श्रीराम का यह मंदिर हम सब भरतीयों को श्रीराम के इन गुणों को आत्मसात करने की प्रेरणा देगा। बीजेपी नेता ने आगे लिखा, 'मुझे यह भी विश्वास है कि श्रीराम मंदिर एक शांतिपूर्ण सौहार्दपूर्ण राष्ट्र के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा, जहां सबके लिए न्याय होगा और कोई भी बहिष्कृत नहीं होगा, ताकि हम राम राज्य की ओर अग्रसर हों, जो सुशासन का प्रतिमान है।

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