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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस: तिहाड़ जेल में दोषी की मौत, किया था ये घिनौना काम
बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में सजा काट रहे एक दोसी को दिल्ली के तिहाड़ जेल में 23 फ़रवरी 2019 को लाया गया था। जहा उसकी मौत हो गई।
बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में सजा काट रहे एक दोसी को दिल्ली के तिहाड़ जेल में 23 फ़रवरी 2019 को लाया गया था। जहा उसकी मौत हो गई। इस मृतिक आरोप का नाम रामानुज ठाकुर था। वह मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर का मामा लगता था।
सामान्य मृत्यु
तिहाड़ जेल प्रशासन के सूत्र के मुताबिक, राजानुज की मौत की सामान्य बताई जा रही है। इस आरोपी मृतिक की उम्र 70 साल थी, जिसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह लंबे वक़्त से बीमार चल रहा था।
खबरों की माने तो राजकुमार की मौत बीते 3 दिसंबर को की हो गई थी। जिसकी पुष्टि दिल्ली के तिहाड़ जेल के महानिदेशक ने की है. इसपर शेल्टर होम की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने समेत कई गंभीर आरोप लगे थे। इस केस की जांच कर रही CBI टीम ने राजानुज को गिरफ्तार किया था।
मिली थी आजीवन कारावास की सजा
बता दें, कि 23 फ़रवरी 2019 को राजानुज ठाकुर को तिहाड़ लाया गया था। 11 फ़रवरी 2020 को साकेत कोर्ट ने राजानुज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 60 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया। अब पोस्टमार्टम के बाद जेल प्रशन ने राजानुज का शव उनके परिवारवालों के हवाले कर दिया है।
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ऐसे मिली थी जानकारी
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस ने 26 मई 2018 में बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सूली थी जिसके बाद ही मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस प्रकाश में आया। जहा मासूम नाबालिक लड़कियों के साथ यौन शोषण किए जाने का जिक्र हुआ। इस मामले में 20 आरोपियों में से 19 दोषी पाए गए। जिसमें ब्रिजेश ठाकुर और भी बच्चियों और युवतियों के यौन शोषण के आरोप थे। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इसे सही पाया।
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