Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार का सख्त तेवर, तेजस्वी के करीबी मंत्री का फैसला पलटा, 480 अफसरों के तबादले रद्द

Bihar Politics: मुख्यमंत्री ने आलोक मेहता की ओर से पिछले जून महीने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में किए गए 480 अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को रद्द कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 26 July 2023 2:53 AM GMT
Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार का सख्त तेवर, तेजस्वी के करीबी मंत्री का फैसला पलटा, 480 अफसरों के तबादले रद्द
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Bihar Politics (photo: social media )

Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर सख्त तेवर अपनाते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले मंत्री आलोक मेहता का फैसला पलटते हुए अपने मंत्रियों को सख्त संदेश देने की कोशिश की है।

मुख्यमंत्री ने आलोक मेहता की ओर से पिछले जून महीने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में किए गए 480 अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को रद्द कर दिया है। इसके जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि गवर्नेंस के मुद्दे पर वे किसी भी प्रकार के समझौते के लिए तैयार नहीं हैं।

मुख्यमंत्री के पास पहुंची थीं तमाम शिकायतें

पिछले जून महीने के दौरान राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अफसरों के व्यापक पैमाने पर तबादले किए गए थे। जिन अफसरों के तबादले किए गए थे,उनमें सबसे ज्यादा संख्या अंचल अधिकारियों की थी। तेजस्वी के करीबी मंत्री आलोक मेहता के आदेश से हुए ट्रांसफर में 395 अंचल अधिकारी प्रभावित हुए थे। अब मुख्यमंत्री की ओर से इन सभी ट्रांसफर-पोस्टिंग को रद्द कर दिया गया है।

दरअसल इन तबादलों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास तमाम शिकायतें पहुंची थीं। मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत की गई थी कि तबादलों में नियमों की पूरी तरह अनदेखी की गई। विपक्ष की ओर से यह मुद्दा उठाया गया था। जून में जारी किए गए इस आदेश पर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा कदम उठाया है और सारे तबादलों को रद्द कर दिया है।

तबादलों में नियमों की हुई अनदेखी

राज्य सरकार की ओर से नियम बनाया गया है कि अफसरों के तबादले जून महीने के दौरान ही किए जा सकते हैं। इसके बाद ट्रांसफर-पोस्टिंग विशेष परिस्थितियों में ही की जा सकती है और इसके लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी लेना जरूरी है। इसी कारण तेजस्वी के करीबी मंत्री आलोक मेहता ने जून महीने के आखिरी दिन राजस्व और भूमि सुधार विभाग में व्यापक पैमाने पर तबादला आदेश जारी किया था।

राज्य सरकार की ओर से यह भी नियम बनाया गया है कि विशेष परिस्थितियों को छोड़कर तीन साल से पहले किसी भी अफसर का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री के पास यह भी शिकायत पहुंची थी कि आलोक मेहता की ओर से किए गए तबादले में 70 फ़ीसदी ऐसे अफसर शामिल थे जिन्होंने किसी एक स्थान पर तीन साल का समय नहीं पूरा किया था। इन शिकायतों के बाद नीतीश कुमार ने सख्त तेवर अपनाया है और अपने साथी मंत्रियों को सख्त संदेश देने की कोशिश की है।

पिछले साल भी नीतीश ने उठाया था सख्त कदम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से उठाए गए इस कदम को जदयू और राजद के बीच बढ़ती खींचतान से जोड़कर भी देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री ने आलोक मेहता के फैसले को पलटते हुए राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी संदेश देने की कोशिश की है। इसके बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि राज्य सरकार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।

हालांकि इस मुद्दे पर अभी तक डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव या उनके करीबी मंत्री आलोक मेहता की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वैसे इसी विभाग में पिछले साल भी तबादलों का खेल खेला गया था और उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे।

उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फरमान के बाद ही इस विभाग में अफसरों के तबादले रद्द किए गए थे। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिकायतें मिलने के बाद बीजेपी कोटे के मंत्री रामसूरत राय के फैसले को पलट दिया था।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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