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Adani-Hindenburg Row: सेबी ने अडानी मामले की जांच के लिए 6 महीने और मांगे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-...3 महीने ले लीजिए

Adani-Hindenburg Row: सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत से कहा, सेबी को कम से कम 6 महीने का समय और चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा, 6 महीने तो नहीं मिल सकता, 3 महीने समय और ले लीजिए। लेकिन, जांच जल्द से जल्द पूरा करें।

Aman Kumar Singh
Published on: 12 May 2023 11:47 PM IST (Updated on: 12 May 2023 11:53 PM IST)
Adani-Hindenburg Row: सेबी ने अडानी मामले की जांच के लिए 6 महीने और मांगे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-...3 महीने ले लीजिए
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Adani-Hindenburg Row: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार (12 मई) को अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) ने कहा कि, 'भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) जांच के लिए और समय चाहती है। सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत से कहा कि, 'सेबी को कम से कम 6 महीने का समय और चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा, '6 महीने तो नहीं मिल सकता, 3 महीने समय और ले लीजिए। लेकिन, जांच जल्द से जल्द पूरा करें।'

चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) और जेबी पारदीवाला (JB Pardiwala) की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। न्यायाधीश ने कहा, 'अदालत की रजिस्ट्री को इस मुद्दे पर अदालत द्वारा नियुक्त रिटायर जस्टिस एएम सप्रे समिति (AM Sapre Committee) की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। वो इस मामले पर विचार करने के बाद सोमवार (15 मई) को मामले की सुनवाई करना चाहेगी।'

CJI बोले- 15 अगस्त तक जांच पूरी करें

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, 'सेबी 15 अगस्त 2023 तक अडानी-हिंडनबर्ग केस की जांच पूरी करे। बता दें, Adani Hindenburg Case के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह पर जांच के लिए एक 6 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल का गठन किया था। इस पैनल को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। पैनल ने 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी। पैनल द्वारा अदालत में फाइल रिपोर्ट आज चीफ जस्टिस के सामने पेश की गई।

अडानी ग्रुप पर लगे थे गंभीर आरोप

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Research Firm Hindenburg) ने 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि, अडानी ग्रुप की कंपनियां 80 प्रतिशत ओवरवैल्यूड हैं। आरोप लगाया गया था कि, अडानी समूह हेरफेर कर शेयरों की कीमतों को बढ़ाता है। रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद, दुनिया भर में भारी हंगामा मचा था। अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गिरते रहे। दूसरी तरफ, देश की सियासत गरमाने लगी। सड़क से संसद तक अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर हंगामा तेज हो गया। आख़िरकार ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

कोर्ट से मांगा अतिरिक्त समय

गौरतलब है कि, अदालत ने SEBI को आदेश दिया था कि वह अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच करे। अडानी केस की जांच कर रही सेबी ने अतिरिक्त समय की मांग की थी। 29 अप्रैल को सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा था। मगर, शीर्ष अदालत ने सेबी से 2 महीने के भीतर जांच पूरी करने को कहा था। सेबी की ओर से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगे जाने का विरोध भी हुआ था। सेबी के 6 महीने की मोहलत मांगने के विरोध में याचिका दाखिल की गई।



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Aman Kumar Singh

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