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विदेशी कंपनियों की शरण में गए ‘स्वदेशी’ बाबा रामदेव, जानिए पूरा मामला
वहीं, अगर एक बार कंपनी के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में उसकी कुल सेल्स 1769 करोड़ रुपए रही है जो पिछले साल समान अवधि में 1576 करोड़ रुपए थी। बता दें कि पतंजलि को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नई दिल्ली: बाबा रामदेव जहां एक ओर मल्टीनेशनल कंपनियों (एमएनसी) के बहिष्कार की बात कहते हैं तो वहीं अब उनकी 'स्वदेशी' कंपनी पतंजलि आयुर्वेद वैश्विक स्तर पर कारोबार बढ़ाने के लिए विदेशी कंपनियों से हाथ मिलाने की तैयारी कर रही है। पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने खुद इसके संकेत दिए हैं।
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यही नहीं, आचार्य बालकृष्ण ने एक इंटरव्यू में ये भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए तीन-चार वैश्विक कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि, ‘हम मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ काम करने के खिलाफ नहीं है। हमने अभी किसी भी एमएनसी को मना नहीं किया है। हम उनके ऑफर्स का अध्ययन कर रहे हैं।’
मल्टीनेशनल कंपनी का नाम नहीं बताया नाम
हालांकि, इस दौरान पतंजलि को अप्रोच करने वाली किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी का नाम आचार्य बालकृष्ण ने उजागर नहीं किया। इसके अलावा बालकृष्ण ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दो साल पहले लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से पतंजलि को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
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बालकृष्ण ने कहा कि, ‘जीएसटी के कारण कंपनी ट्रेड, सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन चैनल में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाई है, जिससे नुकसान बढ़ा।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि, ‘हम वापसी करेंगे और इसका परिणाम तिमाही नतीजों में दिखना शुरू हो गया है।’
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वहीं, अगर एक बार कंपनी के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में उसकी कुल सेल्स 1769 करोड़ रुपए रही है जो पिछले साल समान अवधि में 1576 करोड़ रुपए थी। बता दें कि पतंजलि को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है।