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वाहनों पर नया नियमः खराब गाड़ी पर सावधान, अब लगेगा एक करोड़ का जुर्माना
मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार वाहनों की संख्या और उनके प्रकार के आधार पर जुर्माना 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये होगा। केंद्रीय मोटर वाहन कानून के तहत वाहनों के परीक्षण और अनिवार्य रूप से वापस मंगाये जाने के नियम में जुर्माने का प्रावधान है।
नई दिल्ली: वाहन निर्माता कंपनियों के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को एक नया नियम जारी किया है। जिसमें कहा कि विनिर्माण में खामी को लेकर अगर सरकार की तरफ से अनिवार्य रूप से वाहनों को वापस मंगाये जाने का आदेश दिया जाता है तो कंपनियों को एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इसीके साथ यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2021 से लागू होगी। मंत्रालय ने विनिर्माताओं द्वारा वाहनों में गड़बड़ी को लेकर अनिवार्य रूप से उसे वापस मंगाये जाने के लिए नियम जारी किया है।
वाहनों को ठीक करने के लिए वापस बुलाना अनिवार्य होगा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि जहां किसी विशेष श्रेणी के वाहन के मामले में वाहन वापस मंगाये जाने के पोर्टल पर कुल बिक्री के समक्ष एक न्यूनतम संख्या से ज्यादा शिकायतें आती हैं तो विनिर्माता पर उन वाहनों को ठीक करने के लिए अनिवार्य रूप से वापस मंगवाने का नियम लागू होगा।
10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना
मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार वाहनों की संख्या और उनके प्रकार के आधार पर जुर्माना 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये होगा। केंद्रीय मोटर वाहन कानून के तहत वाहनों के परीक्षण और अनिवार्य रूप से वापस मंगाये जाने के नियम में जुर्माने का प्रावधान है। यह जुर्माना तब लगता है जब विनिर्माता या आयातक स्वेच्छा से वाहन मंगाने में विफल रहते हैं। फिलहाल इसको लेकर कोई जुर्माना नहीं लग रहा था।
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सात साल से कम पुराने वाहनों पर लागू होगा नया नियम
बात दें कि नया नियम उन वाहनों पर लागू होगा जो सात साल से कम पुराने है। इसमें वाहन या कल-पुर्जे अथवा सॉफ्टवेयर में उस गड़बड़ी को खामी मानी जाएगी, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर जोखिम है।
ग्राहकों के लिए शिकायत पोर्टल, 30 दिन में मिलेगा जवाब
आपको बता दें कि सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार काफी गंभीर है। सड़क दुर्घटनाओं में मौत की संख्या में 50 परसेंट तक कमी लाने की योजना पर सड़क परिवहन मंत्रालय काम कर रहा है। ये कदम भी उसी दिशा में उठाया गया है। इसीके साथ सरकार का इरादा वाहन मालिकों के लिए एक पोर्टल स्थापित करने का है ताकि वे अपनी शिकायत दर्ज कर सकें, शिकायतों के आधार पर ऑटो कंपनियों को नोटिस भेजा जाएगा, जिसका जवाब 30 दिन में देना होगा।
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