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Banking Crisis: कहीं भारतीय बैंकों का हाल भी नहीं हो जाएगा अमेरिका जैसा! RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आया इस पर बड़ा बयान

Banking Crisis: आरबीआई पिछले दो साल से सभी मोर्चों पर देश के सारे बैंकों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि वे भविष्य में किसी भी प्रकार की जोखिम से निपटने के लिए तैयार रह सकें।

Viren Singh
Published on: 18 March 2023 5:26 PM IST
Banking Crisis: कहीं भारतीय बैंकों का हाल भी नहीं हो जाएगा अमेरिका जैसा! RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आया इस पर बड़ा बयान
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Banking Crisis: अमेरिकी के सिलिकॉन वैली बैंक सहित दो और बैंकों के बंद से वैश्विक आर्थिक जगत में मचे कोहरमा के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का जो बयान आया है, उससे हर भारतीयों ने राहत की सांस ली होगी। सिलिकॉन वैली बैंक (SVB), सिल्वरगेट कैपिटल और सिग्नेचर बैंक में नकदीय संकट की वजह से बंद होने से लोगों को संशय थी कि कहीं इसका प्रभाव भारतीय बैंकिंग व्यवस्था पर तो नहीं पड़ेगा। इस पर केंद्रीय बैंक के के गवर्नर शाक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर, लचीली बनी हुई है यानी भारतीय बैंकिंग व्यवस्था काफी मजबूत हैं। अमेरिकी बैंकों का संकट "विवेकपूर्ण संपत्ति देयता प्रबंधन की आवश्यकता" दिखाता है।

RBI सभी बैंकों से साथ कर रहा मिलकर काम

आरबीआई के गवर्नर दास शुक्रवार को कोच्चि में 17वें के पी हॉर्मिस स्मारक व्याख्यान में भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंने यहां पर आयोजित कार्यक्रम से देशवासियों को आश्वस्त किया कि, आरबीआई पिछले दो साल से सभी मोर्चों पर देश की सारे बैंकों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि वे भविष्य में किसी भी प्रकार की जोखिम से निपटने के लिए तैयार रह सकें। दास ने सिलिकॉन वैली बैंक के पतन का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों को बॉन्ड में निवेश करने से पहले उचित जोखिम मूल्यांकन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का कुल विदेशी कर्ज प्रबंधनीय स्तरों के भीतर है।

जी-20 समूह को करना चाहिए उच्च विदेशी श्रण जोखिम

वाले देशों की मदद

इस दौरान गवर्नर ने अधिकांश भाषण भारत के G20 प्रेसीडेंसी पर केंद्रित किया और इस संदर्भ में उन्होंने दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह द्वारा अमेरिकी डॉलर में वृद्धि के कारण उच्च विदेशी ऋण जोखिम वाले देशों की मदद करने के लिए और अधिक समन्वित प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि समूह को युद्धस्तर पर सबसे अधिक प्रभावित देशों को जलवायु परिवर्तन वित्तपोषण प्रदान करना चाहिए।

डॉलर बढ़ोतरी से देश को नहीं समस्या

दास ने अमेरिकी बैंक का नाम लिए बगैर कहा कि पहली नजर में उनमें से एक के पास अपनी संपत्ति और कारोबार से अधिक जमा राशि है जिसे संभालना मुश्किल है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में व्यापक बैंकिंग संकट की आशंका के बीच दुनिया भर के बैंक शेयरों में गिरावट आई है। दास ने कहा, "हमारा वित्तीय क्षेत्र स्थिर है। हमारा बाहरी कर्ज प्रबंधनीय है, इसलिए डॉलर में बढ़ोतरी से हमें कोई समस्या नहीं है। वहीं, उन्होंने डॉलर में वृद्धि के कारण उच्च बाह्य ऋण जोखिम वाले देशों की मदद करने के लिए G20 देशों द्वारा समन्वित प्रयासों का आह्वान किया।

संपत्ति की खरीदारों की तलाश के लिए दिवालियापन

इस बीच, एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपनी संपत्ति के लिए खरीदारों की तलाश के लिए अध्याय 11 दिवालियापन संरक्षण के तहत अदालत-पर्यवेक्षित पुनर्गठन के लिए दायर किया था, इसके कुछ दिनों बाद अमेरिकी नियामकों द्वारा इसकी पूर्व इकाई सिलिकॉन वैली बैंक को ले लिया गया था। दिवालिएपन की कार्यवाही शुरू करने का कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि विश्वास को बढ़ाने के लिए आपातकालीन उपाय अब तक वित्तीय संकट के बारे में चिंताओं को दूर करने में विफल रहे हैं। बता दें कि कैलिफ़ोर्निया के नियामकों ने पिछले शुक्रवार को सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया, जिससे यह 2008 के वित्तीय संकट के दौरान वाशिंगटन म्यूचुअल के धराशायी होने के बाद से सबसे बड़ा पतन हो गया।



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Viren Singh

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