×

Mango Cultivation: आम की इस प्रजाति से किसान कमा रहे एक सीजन में लाखों रुपये, जानें कैसे करें खेती

Mango Cultivation: उत्तर प्रदेश का मलिहाबाद बेल्ट आम की पैदावारी के लिए पूरे देश में मशहूर है। यहां के आमों की मांग देश क्या विदेशों तक में होती है? इसके अलावा यूपी के कुछ इलाकों में भी आम की अच्छी पैदावारी होती है, जिसमें बाराबंकी का एक जिला भी शामिल है। यहां यकुति प्रजाति के आम की मांग भी विदेशों में होती है।

Viren Singh
Published on: 26 July 2023 4:00 AM GMT
Mango Cultivation: आम की इस प्रजाति से किसान कमा रहे एक सीजन में लाखों रुपये, जानें कैसे करें खेती
X
Mango Cultivation (सोशल मीडिया)

Mango Cultivation: अगर कोई किसान आम की खेती करता है तो वह अन्य फसलों की तुलना में अधिक लाभ पैदा करता होगा। हर किसान चाह होती है कि उसके पास भी एक आम का बागीचा हो, लेकिन ऐसा संभाव नहीं हो पाता, क्योंकि ऐसा जरूरी नहीं कि आप जितने आम के पौधे लगाए हों, वह सभी फल दें। आम के पौधों का बागीचा तैयार करने में किसान बड़ी मेहनत लगती है। इसमें बड़ी जल्दी कीड़े लग जाते हैं। इसलिए किसान इसकी खेती करने कतराते हैं, लेकिन अगर कोई किसान इसकी खेती ठीक से कर लिया तो यकीन मानिये वह एक आम के सीजन में लाखों रुपये की कमाई कर सकता है। हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने भी आम की कई प्रजातियां खोजी हैं, जिन्हें किसान करके अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं और कमा रहे हैं।

इस आम प्रजाति से किसान कमा रहे लाखों रुपये

उत्तर प्रदेश का मलिहाबाद बेल्ट आम की पैदावारी के लिए पूरे देश में मशहूर है। यहां के आमों की मांग देश क्या विदेशों तक में होती है? इसके अलावा यूपी के कुछ इलाकों में भी आम की अच्छी पैदावारी होती है, जिसमें बाराबंकी का एक जिला भी शामिल है। यहां यकुति प्रजाति के आम की मांग भी विदेशों में होती है। ऐसे में यहां के किसान जो भी इस प्रजाति आम के खेती कर रहे हैं, वह एक सीजन में लाखों रुपये तक की कमाई कर रहे हैं। वहीं, इस यकुति प्रजाति आम की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। बाराबंकी का एक किसान इस प्रजाति आम से एक सीजन में 15 से 20 लाख रुपए की कमाई कर रहा है।

पांच साल में देने लगता है फल

हालांकि इस बार आम का सीजन खत्म हो गया है। वैसे तो एक आम के पेड़ सामान्यत 5 से 6 साल में तैयार हो जाता है, जबकि यकुति आम का पेड़ पांच साल में फल देने लगाता है। इसको तैयार करने में कुल 5 हजार का खर्चा आता है। एक बार पेड़ तैयार होने के बाद कई सालों तक फल देता है। बाजार में इसका भाव 150-200 रुपये किलो रहता है, जिस वजह से किसान इस प्रजाति से अच्छा लाभ कमा रहे हैं।

क्या कहते हैं बगीचे के मालिक

बाराबंकी में आम की बागबानी करने वाले एक किसान का कहना है कि हम 30 से साल से आम के बाग का काम कर रहे हैं। इस साल 40 बीघे की बाग को 12 लाख रुपए में खरीदा है और इससे हम से एक सीजन में 10-15 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। यहां पर हम लागत से तीन गुना अधिक मुनाफा कमाते हैं।

बाराबंकी में भी होती है आम की अधिक पैदावारी

बाराबंकी में यकुति प्रजाति के अलावा आम्रपाली, लंगड़ा और दशहरी आम की भी पैदावारी होती है। यहां पर आम का उत्पादन करीब लाखों मीट्रिन टन होता है। यहां से लखनऊ, गोंडा, बहराइच, फैजाबाद, गोरखपुर जैसे मंडियों में आम भेजा जाता है। आम के सीजन में यहां से हर दिन करीब 15-20 ट्रक आमों की निकासी होती है।

आम का पौधा लगाने से पहले यह काम करें

अगर कोई किसान आम का बागीचा लगाने जा रहा है तो इसको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। इसमें पौधे के लिए गड्ढे की खुदाई से लेकर खाद आदि शामिल होता है। किसानों को आम का पौधा लगाने किले 3.3 फीट लंबा, 3 फीट गहरा, 3 फीट चौड़ गड्ढ़ा खोदना चाहिए। गड्ढ़े की मिट्टी निकालने के बाद सड़ी हुआ गोबर की खाद डालें। खाद को मिट्टी में मिल जाने दें। अगर आपके यहां दीमक की समस्या है तो इसके नियंत्रण के लिए क्लोरोपाइरीफास दवा डालें। एक गड्ढे में 50 ग्राम क्लोरोपाइरीफास दवा को गोबर और मिटटी के साथ मिलकर गड्ढे में डालें, जिसके बाद पौधों में दीमक नहीं लगेगा। किसान को आम की गठुलय को जून-जुलाई में बवाई कर देनी चाहिए।

Viren Singh

Viren Singh

Next Story