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Karela Ki Kheti Kaise Kare: करेले की खेती में सबसे ज्यादा प्रॉफिट, आइये जाने कैसे करें इसे
Karela Ki Kheti Kaise Kare: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान करेले खेती जाल बनाकर कर रहे हैं। इससे उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है। इस विधि से किसानों को करेले की खेत से हफ्ते 15 दिन में कमाई हो रही है।
Karela Ki Kheti Kaise Kare: कोई भी किसान खेती कर अधिक लाभ कमा सकता है, लेकिन जब वह सही ढंग से और योजना तरीके से की जाए। वैज्ञानिकों ने जब से फसलों के नई नई किस्मों की खोज की है,तब से खेती किसानी प्रॉफिट का सौद हो गया है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार व राज्य सरकारें भी किसानों को खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं और किसानों को इसके लिए अनुदान प्रदान की रही हैं। वैसे तो सभी खेती प्रॉफिट वाली होती हैं, लेकिन सबसे अधिक प्रॉफिट वाली खेती की बात करें तो इसमें सब्जियों की खेती सबसे पहले आती है। किसान सब्जियों की फसल उगाकर मालामाल हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें सीजन होने से मुंह मांगे दाम मिलते हैं।
इन वजहों से होती है बाजार में करेले की मांग
इसके अलावा किसान सब्जियों अपने खेत से सीधा उठाकर बाजार में बेच रहे है, इससे उन्हें काफी प्रॉफिट हो रहा है। एक ऐसी ही सब्जी की फसल है करेले की। करेला एक न्यूट्रिशन वाली फसल होती है। इसमें भारी मात्र में विटामिन ए, बी और सी प्राप्त होता है। इसके अलावा इसमें कैरोटीन, बीटाकैरोटीन, लूटीन, आइरन, जिंक व पोटेशियम इत्यादि पाए जाते हैं, जो इंसान के शरीर के लिए काफी लाभकारी होती हैं। वहीं, करेले का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए होता है। इस वजह से बाजार में करेले की डिमांग हमेशा बनी रहती है। इन मांग की वजह से जो भी किसान करेले की खेती कर रहा है, वह प्रॉफिट है। यूपी हरदोई जिले के किसान खूब करेले की खेतकर मालामाल हो रहे हैं। ऐसे में आप किसान हैं और करेले की करने की योजना बना रहे हैं तो आइये आपको बता दें कि इससे सालाना कितनी कमाई हो रही और इसकी खेती कैसे करें।
कैसे करें करेले की खेती?
करेला शुगर और डायबिटीज मरीजों के इलाज के लिए रामबाण है। यहां तक डॉक्टर भी इन मरीजों को दवा से अधिक करेले का जूस और इसकी सब्जी अधिक से अधिक सेवन करने की सलाह देते हैं। करेला बारह मास फसल होती है। यानी आप किसी भी वक्त करेले की खेती कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने करेले की हाईब्रिड किस्में भी विकसित कर दी हैं। वैसे तो इसकी बुवाई गर्मी के मौसम सबसे अच्छा माना गया है। यह समय जनवरी से मार्च तक होता है। फिर किसान जून से जुलाई तक करेले की बुवाई कर सकता है, जबकि पहाड़ियों क्षेत्रों में किसान करेले की बुवाई मार्च से जून के बीच कर सकते है। इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी गई है। इसके अलावा जलोढ़ मिट्टी में भी करेले की खेती के लिए सबसे अधिक मानी गई है। इसकी खेती के खेतों में नमी हमेशा बनाए रखने के साथ तापमान 20-40 डिग्री सेंटीग्रेट रखने की जरूरत होती है,ताकि इसका उत्पादन अच्छे हो। यह फसल 60 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है।
ऐसे करें खेत तैयार
पहले खेत अच्छे से जुताई करें
उसके बाद खेत बराबार करें
दो-दो फीट क्यारियां बनाएं
क्यारियों की ढाल में 1 से 1.5 मीटर की दूरी पर बीज रोपाई करें
बुवाई के एक दिन पहले खेत को पानी से भिगा दें। फिर सूखाकर बुवाई करें
1/5 भाग में नर पैतृक व 4/5 भाग में मादा पैतृक की बुवाई करें
पौध रोपाई करते समय नाली से नाली की दूरी 2 मीटर, पौधे से पौधे की दूरी 50 सेंटीमीटर तथा नाली की मेढों की ऊंचाई 50 सेंटीमीटर होनी चाहिए
निवेश और कमाई
करेले की खेती करने में किसानों को एक एकड़ में करीब 30 हजार रुपये की लागत आती है। एक एकड़ खेती में करीब 50 से 60 क्विंटल का उत्पादन होता है। इस उत्पादन से किसान एक बार करेले के खेती से करीब 2 से 3 लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त कर सकता है।
इस जिले के किसान जाल बिछाकर कर रहे खेती
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान करेले खेती जाल बनाकर कर रहे हैं। इससे उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है। इस विधि से किसानों को करेले की खेत से हफ्ते 15 दिन में कमाई हो रही है।