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करोड़ों कर्मचारियों के लिए जरुरी खबर, अप्रैल से बदल जाएगा सैलरी से जुड़ा ये नियम
अप्रैल महीने से केंद्र सरकार नए कंपनसेशन नियमों का लागू करने की योजना बना रही है, जिसकी वजह से कंपनियों की बैलेंसशीट में बदलाव देखने को मिलेगा। यानी अप्रैल से कर्मचारियों की सैलरी, पीएफ और ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
नई दिल्ली: अप्रैल महीने से केंद्र सरकार नए कंपनसेशन नियमों का लागू करने की योजना बना रही है, जिसकी वजह से कंपनियों की बैलेंसशीट में बदलाव देखने को मिलेगा। यानी अप्रैल से कर्मचारियों की सैलरी, पीएफ और ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इन नए नियमों के चलते कर्मचारियों की सैलरी स्लिप, प्रॉविडेंट फंड, ग्रेच्युटी, हाथ में आने वाली सैलरी में भी काफी बदलाव होगा।
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अलाउंस की लिमिट तय
जानकारी के लिए बता दें कि ये नियम पिछले साल ही संसद से पारित हुए वेज कोड का हिस्सा हैं। अगले फाइनेंशियल ईयर से वेतनमान की नई परिभाषा शुरू होने वाली है। साथ ही इन नियमों में अलाउंस की लिमिट तय है। बता दें ये कुल सैलरी का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा।
कर्मचारी और कंपनी दोनों के पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन में इजाफा
एक रिपोर्ट के अनुसार, इन नियमों के बाद कंपनी के ज्यादातर पे स्ट्रक्चर में बदलाव देखने को मिलेगा। साथ ही कर्मचारी और कंपनी दोनों के पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन में इजाफा होगा। पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन के बढ़ने से कई एग्जीक्यूटिव की हाथ में आने वाली सैलरी घट भी सकती है।
बढ़ जाएगी ग्रेच्युरिटी की रकम
गौरतलब है कि रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युरिटी की रकम बढ़ जाएगी। बता दें, ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी के आधार पर होता है। इसके अलावा पीएफ का कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ने और ग्रेच्युटी के ज्यादा भुगतान से कंपनियों की कॉस्ट बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी कि नई परिभाषा से सैलरी स्ट्रक्चर करने के तौर-तरीके बदलेंगे। अभी कई मामलों में अलाउंस को ज्यादा रखा जाता है और सोशल सिक्योरिटी कॉन्ट्रिब्यूशन को कम।
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