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FASTag toll Collection: फास्टैग ने सरकार को बनाया मालामाल, आइये जाने बिना इसके कितना ज्यादा देना पड़ता है टोल
FASTag toll Collection: इस साल लेकर 19 जून तक सरकार को फास्टैग से 28,180 करोड़ रुपए का टोल संग्रह प्राप्त हुआ है। वहीं साल 2022 में इससे सरकार के खजाने में 46 फीसदी की वृद्धि हुई है।
FASTag toll Collection: भातर सरकार ने जब से राज्य राजमार्ग टोल प्लाजा पर FASTag से टोल लेने की सुविधा शुरू की है, तब से सरकार के खजाने में जोरदार इजाफा हुआ है। यह इजाफा इतना जबरदस्त हुआ कि इसकी भारत सरकार ने भी उपेक्षा नहीं की होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, भारत सरकार को FASTag के माध्यम से राज्य राजमार्ग टोल प्लाजा सहित शुल्क प्लाजा पर टोल संग्रह साल 2022 में 46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी की वजह से केंद्र सरकार ने हर वाहन पर FASTag लगाना अनिवार्य कर दिया है।
हालांकि सवाल यह उठता है कि अगर किसी वाहन में लगा FASTag खराब हो जाए या फिर खो जाए या वह वाहन FASTag ना लगया है तो उसके टोल पर कितना भुगतान करना होगा। याद रखें कि FASTag अब वाहनों पर अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आप बिना फास्टैग टोल प्लाजा जाते हैं तो आपको दोगुना शुल्क लिया जाएगा। हालांकि पहले यह जान लें कि सरकार को बीते ट्रोल संग्रह फास्टैग से कितना प्राप्त हुआ।
2023 जनवरी लेकर 18 जून तक इतना आया संग्रह
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, FASTag के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ETC) में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है। कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान राज्य राजमार्ग शुल्क प्लाजा सहित शुल्क प्लाजा पर FASTag के माध्यम से कुल टोल संग्रह 50,855 करोड़ रुपये रहा है। इससे पहले यह 2021 में 34,778 करोड़ रुपए था। यह 2021 की तुलना में 2022 में 46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि इस साल लेकर 19 जून तक सरकार को फास्टैग से 28,180 करोड़ रुपए का टोल संग्रह प्राप्त हुआ है।
जानें प्रति दिन कितना मिलता है टोल संग्रह
मंत्रालय के मुताबिक, दिसंबर 2022 में एनएच शुल्क प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से औसत दैनिक टोल संग्रह 134.44 करोड़ रुपये था और 24 दिसंबर 2022 को एक दिन का उच्चतम संग्रह 144.19 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। 2021 और 2022 में FASTag लेनदेन की संख्या क्रमशः 219 करोड़ और 324 करोड़ रुपये थी।
फास्टैग प्लाजा की संख्या में वृद्धि
जब से फास्टैग की सर्विस देश में शुरू हुई है, तब से लेकर अब तक 6.4 करोड़ फास्टैग जारी हो चुके हैं। इसके अलावा देश भर में फास्टैग-सक्षम शुल्क प्लाजा की कुल संख्या भी पिछले वर्ष 2021 में 922 से बढ़कर 2022 में 1,181 है, इसमें 323 राज्य राजमार्ग शुक्ल प्लाजा शामिल हैं।
बिना फास्टैग के इतना देना होगा शुल्क
16 फरवरी 2021 से सरकार ने सभी निजी और वाणिज्यिक वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य किया है। नियमों के अनुसार, जिन वाहनों के पास वैध या कार्यात्मक FASTag नहीं है, उन्हें दंड के रूप में दोगुना टोल शुल्क देना होगा। मान लीजिए अगर आपके वाहन पर 90 रुपये फास्टैग टोल लगता है और आप बिना फास्टैग के टोल प्लाजा पर वाहन लेकर पहुंचते हैं तो आपको 180 रुपये टोल देना होगा।
क्या होता है फास्टैग
दरअसल, FASTag उपयोगकर्ता को राजमार्ग ऑपरेटरों द्वारा स्थापित टोल संग्रह बूथों पर रुके बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से राजमार्ग शुल्क का भुगतान करने की अनुमति देता है। राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ विभिन्न शुल्क प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली की तैनाती से प्रणाली में पारदर्शिता आई है और सड़क संपत्तियों का सही मूल्यांकन संभव हो पाया है।