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बैंकों को बड़ी राहत: सरकार देगी 20 हजार करोड़, बस इस रिपोर्ट का इंतजार
बैंकों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करने के लिए वित्त मंत्रालय इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंकों को पूंजी समर्थन उपलब्ध कर सकता है। पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए सरकार की ओर से 20 हजार करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी गई है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस काल में देश की अर्थव्यवस्था (Economy Of India) काफी ज्यादा सुस्त पड़ गई है। देश की जीडीपी (GDP) में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) देश के सरकारी बैंकों (Public Banks) को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि बैंकों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करने के लिए वित्त मंत्रालय इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंकों को पूंजी समर्थन उपलब्ध कर सकता है।
पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए 20 हजार करोड़ के कोष को मंजूरी
दरअसल, संसद के बीते सत्र में पब्लिक सेक्टर बैंकों (Public Sector Banks) के लिए सरकार की ओर से 20 हजार करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी गई है। संसद ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग के पहले बैच के तहत पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये को मंजूर किया है।
वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में उपलब्ध कराई जाएगी राशि
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेग्युलेटरी कैपिटल की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए बैंकों को ये पूंजी इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) की तिमाही में उपलब्ध कराई जा सकती है। कहा जा रहा है कि बैंकों के दूसरी तिमाहाी के परिणामों से यह पता चल जाएगा कि किस बैंक को रेग्युलेटरी कैपिटल की जरूरत है, उसी हिसाब से पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड जारी किए जाएंगे।
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स्थिति को देखते हुए सरकार ने उठाए ये कदम
वहीं चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी बैंकों को इक्विटी और बॉन्ड के माध्यम से पूंजी जुटाने को पहले ही शेयर धारकों की मंजूरी दी जा चुकी है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से बजट 2020-21 में पब्लिक सेक्टर बैंकों (Public Sector Banks) में पूंजी डालने को लेकर किसी तरह का कोई ऐलान नहीं किया गया था, लेकिन अब स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा ये फैसले लिए गए हैं।
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इससे पहले 70 हजार करोड़ रुपये का किया था निवेश
बता दें कि इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार की ओर से पब्लिक सेक्टर बैंकों (Public Sector Banks) में करीब 70 हजार करोड़ रुपये लगाए गए थे। जिसमें से सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank-PNB) में 16 हजार 091 करोड़ रुपये का निवेश किया था। जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) को 11 हजार 768 करोड़ रुपये, केनरा बैंक (Canara Bank) को छह हजार 571 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक (Indian Bank) को दो हजार 534 करोड़ रुपये का निवेश मिला था।
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इन बैंकों का हुआ विलय
इसके अलावा सरकार की ओर से इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) में दो हजार 153 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank Of India) में एक हजार 666 करोड़ रुपये और आंध्रा बैंक (Andhra Bank) में 200 करोड़ रुपये लगाए थे। अब इन तीनों बैंकों का अन्य बैंकों के साथ विलय हो चुका है।
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