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Income Tax Returns: क्या पहली बार बन रहे हैं टैक्सपेयर, तो ITR भरते वक्त होनी चाहिए यह जानकारी, वरना खड़ी होगी मुसीबत
Income Tax Returns Filling: अगर पहली बार आईटीआर घर बैठे सेल्फ आईटीआर फाइल कर रहे हैं तो इन बातों को विशेष ध्यान रखें। तो आइये डालते हैं ITR फाइल करते हुए इन बातों पर नजर...।
Income Tax Returns Filling: यह वह समय चल रहा है, जब वेतनभोगी लोग अपनी कंपनी यानी नियोक्ताओं से फॉर्म-16 प्राप्त करते हैं। साथ ही, अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते हैं। सरकार ने पहले की तुलना में अब आईटीआर दाखिल करना काफी आसान कर दिया है और लोग अब घर बैठे अपना ITR पूरा बिना किसी गलती के दाखिल कर सकते हैं। लेकिन अगर पर पहली बार करदाता बनाने जा रहे हैं और आईटीआर दाखिल करना है तो यह प्रक्रिया आसान होने के बाद भी आपसे कुछ गलती हो सकती है। ऐसे गलत भरा हुआ आईटीआर आपको मुसीबत में डाल सकता है। इसलिए बहुत जरूरी होता है कि आप जब भी अपना आइटीआर भरें तो वह बिल्कुल सही हो।
ऐसे में अगर पहली बार आईटीआर घर बैठे सेल्फ आईटीआर फाइल कर रहे हैं तो इन बातों को विशेष ध्यान रखें। तो आइये डालते हैं ITR फाइल करते हुए इन बातों पर नजर...।
कुल कर योग्य आय पता करें
जब भी आईटीआर फाइल करें तो सबसे पहले अपनी कुल कर योग्य आय जान लें। आपकी कर योग्य आय आपकी सकल आय (आपके वेतन और अन्य स्रोतों से अर्जित) में से आपकी कर-बचत कटौती को घटाकर है।
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टैक्स व्यवस्था का सही चुना
नए करदाताओं के लिए शायद सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह पता लगाना होगा कि वे नई कर व्यवस्था चुनना चाहते हैं या पुरानी व्यवस्था। जबकि नई कर व्यवस्था कम कर दरों की पेशकश करती है, पुरानी व्यवस्था में कुछ कटौती और कर लाभ हैं जो करदाता को कर बचाने की अनुमति देते हैं। इनमें से कई एक कर व्यवस्था चुनना होगा। पहली पुरानी कर व्यवस्था है व दूसरी नई कर व्यवस्था है। नई कर व्यवस्था सरकार ने इस बजट में पेश की है और यह 1 अप्रैल, 2023 से देश में लागू हो गई है। क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, वेतनभोगी करदाता अपनी कर व्यवस्था दाखिल करते समय अधिक लाभकारी कर व्यवस्था चुन सकते हैं, इसलिए उन्हें स्विच करने की अनुमति है। हालांकि यह उन लोगों के लिए संभव नहीं है, जिनकी आय किसी व्यवसाय से है।
फॉर्म 16 लें
फॉर्म 16 वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए नियोक्ता द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक टीडीएस प्रमाणपत्र है। इस फॉर्म में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय दर्ज किए जाने वाले सभी वेतन विवरण शामिल हैं। इसमें आपके द्वारा दावा की गई कटौतियों, अर्जित वेतन और प्राप्त छूट की जानकारी शामिल है।
फॉर्म 26AS
यह भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिस पर टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए भरोसा किया जाना चाहिए। इसमें अर्जित सभी आय का विवरण शामिल है जिस पर टीडीएस हुआ है।
एआईएस
पहली बार या फिर पहले से आईटीआर भर रहे लोगों को एआईएस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में नई जानकारी शामिल हैं। इसमें ब्याज, लाभांश, प्रतिभूति लेनदेन, म्यूचुअल फंड लेनदेन, विदेशी प्रेषण जानकारी आदि होती है। आपको बता दें कि जब कोई करदाता 'प्रीफिल' विकल्प का उपयोग करता है तो एआईएस से जानकारी आयकर रिटर्न फॉर्म में भरी जाती है।
कौन सा भरना है आईटीआर
अगर आप पहली बार आईटीआर दाखिल कर रहे हैं तो सबसे जरूरी होता है कि आप कौन सा आईटीआर फाइल करना चाहते हैं। क्योंकि आईटीआर 4 प्रकार के होते हैं और सबकी आय अलग-अलग होती है। आईटीआर में 1 कुल आय 50 लाख रुपये तक भरा जाता है। आईटीआर-2 ऐसे व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए जो किसी स्वामित्व के तहत व्यवसाय या पेशा नहीं चला रहे हैं, जबकि आईटीआर-3 स्वामित्व वाले व्यवसाय या पेशे से आय वाले व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए होता है। वहीं, आईटीआर-4 व्यवसाय या पेशे से अनुमानित आय के लिए होता है।
सत्यापन प्रक्रिया
आईटीआर फाइल करने वाले को यह बात ध्यान रखना चाहिए कि दाखिल होने के बाद वह सत्यापित जरूर हो, वरना आपका आईटीआर फाइल नहीं मना जाएगा। इसको आप अपना रिटर्न ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से वेरिफाई कर सकते हैं। ऑनलाइन विकल्प के लिए आप आधार ओटीपी के जरिए जानकारी हासिल कर सकते हैं। ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से आईटी विभाग सत्यापन की पुष्टि करने के लिए आपको एक ई-सत्यापन मेल भेजेगा। ऑफलाइनके लिए आपको आईटीआर का हस्ताक्षरित प्रिंटआउट सीपीसी, बेंगलुरु को भेजना होगा। आयकर विभाग ने 1 अगस्त 2022 से करदाताओं द्वारा रिटर्न दाखिल करने के बाद आईटीआर-वी के ई-सत्यापन या हार्ड कॉपी जमा करने की समय सीमा घटाकर 30 दिन कर दी है। यह आईटीआई फाइल की अंतिम प्रक्रिया होती है।