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Gold & Silver: सोने-चांदी के दाम में क्यों आ रहे उतार-चढ़ाव, ऐसे करें निवेश
भारत में सोने की कीमतें पहली बार अगस्त 2020 में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची थीं। सोने की कीमतें करीब 56,200 रुपये के उच्चतम स्तर तक गई थीं। उसकी वजह थी कोरोना वायरस की वजह से बढ़ रही चिंताएं, जिसके चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे थे।
लखनऊ: कोरोना संकट के दौरान सोने के निवेशकों के लिए अच्छा रहा है। सुरक्षित निवेश के तौर पर गोल्ड में जमकर पैसों की बारिश हुई। यही वजह रही कि सोने का भाव अपने रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा। लेकिन, धीरे-धीरे कोरोना वैक्सीन के आने की खबरों ने इसकी लगाम खींच दी। रुपए (Rupee) में मजबूती लौटी। शेयर बाजार भी रफ्तार पकड़ने लगे। अब सोने में निवेश (Gold Investment) उतना आकर्षक नहीं रहा। दाम नीचे की तरफ तेजी से गिर रहे हैं। पिछले तीन हफ्ते में गोल्ड का भाव 4000 रुपए तक गिर चुका है। वहीं, रिकॉर्ड हाई से 8000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क गया है।
42000 रुपए तक गिर सकती हैं कीमतें
सोने के भाव में फिलहाल तेजी की कोई उम्मीद नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि फरवरी 2021 तक गोल्डक के भाव 42,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच सकते हैं। वहीं, चांदी की कीमतों में भी बड़ी कमी देखने को मिल सकती है।
सोना अगस्त महीने में 56,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था
सोना अगस्त महीने में 56,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंचा था। यह सोने का सबसे उच्चतम स्तर था। शुक्रवार को दिल्लीप सराफा बाजार में सोने का भाव 48,142 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। सोने की कीमतों में रिकॉर्ड हाई से 8,058 रुपए प्रति 10 ग्राम सस्ता हो चुका है।
क्यों बढ़ी सोने की इतनी अधिक कीमत
इस साल सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। इस स साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।
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यहां जानें क्यों आ रही है सोने में गिरावट
कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लोबल इकनॉमी में सुधार और अमेरिका-चीन के बीच तनाव कम होने से निवेशक सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए सोना अभी भी निवेश का अच्छा विकल्प माना जा रहा है।
कैसी रहेगी साल 2021 में सोने की चाल
भारत में सोने की कीमतें पहली बार अगस्त 2020 में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची थीं। सोने की कीमतें करीब 56,200 रुपये के उच्चतम स्तर तक गई थीं। उसकी वजह थी कोरोना वायरस की वजह से बढ़ रही चिंताएं, जिसके चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे थे, क्योंकि ये निवेश का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। लेकिन जैसे ही कोरोना वैक्सीन की घोषणा हुई, देखते ही देखते सोने में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है और गिरते-गिरते सोना 47 हजार के करीब भी जा पहुंचा। अभी सोना 50 हजार के स्तर के आस-पास कारोबार कर रहा है। ऐसे में निवेशकों में इस साल यानी 2021 में सोने की चाल को लेकर चिंता है कि सोना कैसा कारोबार करेगा।
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यहां जानें कैसे करें सोने-चांदी में निवेश, क्या कहते हैं विशेषज्ञ
बता दें कि डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव होने की वजह से मंगलवार को विदेशी बाजार में सोने-चांदी में उठापटक देखने को मिली थी। विदेशी बाजार के साथ-साथ घरेलू वायदा बाजार यानि MCX पर भी सोना-चांदी (MCX Gold Silver Free Tips) उतार-चढ़ाव के साथ बीते सत्र में बंद हुए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में कोरोना वायरस वैक्सीन आने के बावजूद दूसरे देशों में पिछले 15 दिन में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यही वजह है कि सोने-चांदी की सुरक्षित निवेश मांग में इजाफा देखा जा रहा है। यहां हम आज के कारोबार सोने-चांदी में निवेश को लेकर जानकारों को नजरिया जानने की कोशिश करते हैं।
सोने का फरवरी वायदा भाव 49,400 रुपये के लक्ष्य पर
कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट वीरेश हीरेमथ ने बताया कि इंट्राडे में MCX पर सोना फरवरी वायदा में 49,400 रुपये के लक्ष्य के लिए 49,100 रुपये के भाव पर खरीदारी कर सकते हैं। सोने के इस सौदे के लिए 48,900 रुपये का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं। चांदी मार्च वायदा में 66,000 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 66,600 रुपये का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। चांदी के इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 65,700 रुपये का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए।
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