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आर्थिक महाशक्तियों के इस ग्रुप में पहली बार भारत, क्या करता है ये ग्रुप

ईरान-अमेरिका में जारी तनातनी, आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर, क्लाइमेट एमरजेंसी, भारत का परमाणु प्रोजेक्ट, यूक्रेन मामले का समाधान, ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स कोड और वैश्विक अर्थव्यवस्था कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनपर इस बार के सम्मेलन में चर्चा हो सकती है।

Manali Rastogi
Published on: 25 Aug 2019 5:04 PM IST
आर्थिक महाशक्तियों के इस ग्रुप में पहली बार भारत, क्या करता है ये ग्रुप
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आर्थिक महाशक्तियों इस ग्रुप में पहली बार भारत, क्या करता है ये ग्रुप

बियारिज: G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के लिए रवाना हो गए हैं। आज मनामा में पीएम मोदी ने श्रीनाथजी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद वह एक बार फिर फ्रांस के लिए रवाना हो चुके हैं। इस दौरान वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाक़ात कर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। ऐसे में आज हम जानेंगे कि आखिर G-7 शिखर सम्मेलन क्या होता है।

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इस बार फ्रांस में इसका आयोजन 24 से 26 अगस्त के बीच हो रहा है। G-7 शिखर सम्मेलन में इस बार भारत को भी आमंत्रित किया गया है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। साल 2003 में पहली बार भारत को सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। तब भी यह सम्मेलन फ्रांस में ही आयोजित किया गया था।

क्या होता है G-7 शिखर सम्मेलन?

सात का समूह या G-7 कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक समूह है। यह देश, दुनिया की सात सबसे बड़ी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक शुद्ध संपत्ति ($280 ट्रिलियन) का 62% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जी7 शिखर सम्मेलन 2019

G-7 में हर देश नाममात्र मूल्यों के आधार पर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 46% से अधिक और क्रय-शक्ति समता के आधार पर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 32% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। G-7 शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ भी प्रतिनिधित्व करता है। बियारिज में G-7 का 45वां संस्करण हो रहा है।

इस तरह के मुद्दों पर सम्मेलन में होती है चर्चा?

  • दुनिया के अलग-अलग ज्वलंत मुद्दों को लेकर G-7 में चर्चा होती है। इसके साथ ही, इन मुद्दों का हल तलाशने की कोशिश भी की जाती है।

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  • इस सम्मेलन की खास बात ये है कि जिस देश में इसका आयोजन होता है, वही देश यह तय करता है कि सम्मेलन में कौन-कौन से मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही मेजबान देश ही सम्मेलन में किन मुद्दों पर बात होगी, इसका निर्धारण भी करता है।

G-7 में शामिल होने वाले देश क्यों हैं खास?

  • G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले देश कई मामलों में अन्य देशों से आगे होते हैं, जैसे कि :
  • यह सबसे बड़े निर्यातक होते हैं।
  • इन देशों का गोल्ड रिजर्व सबसे होता है।
  • यूएन के बजट में इन देशों का योगदान सबसे ज्यादा होता है।
  • सबसे बड़े स्तर पर परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy) का उत्पादन भी इस सात देशों द्वारा किया जाता है।

किन संस्थाओं को सम्मेलन में किया जाता है आमंत्रित?

  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
  • विश्व बैंक (World Bank)
  • अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency)
  • वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन
  • यूनाइटेड नेशंस
  • अफ्रीकन यूनियन
  • इन संस्थानों के अलावा हर समय किसी न किसी देश को भी सम्मेलन के लिए न्योता दिया जाता रहा है। इस बार भारत को आमंत्रित किया गया है। इसका पैमाना है कि वह देश आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा हो।

इस बार इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

ईरान-अमेरिका में जारी तनातनी, आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर, क्लाइमेट एमरजेंसी, भारत का परमाणु प्रोजेक्ट, यूक्रेन मामले का समाधान, ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स कोड और वैश्विक अर्थव्यवस्था कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनपर इस बार के सम्मेलन में चर्चा हो सकती है।

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Manali Rastogi

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